शहडोल। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों (fuel price hike) के चलते आसमान छूती महंगाई से हाहाकार मचा है, आम जनता त्रस्त है, बदलते दौर में लोगों की निर्भरता पेट्रोल और डीजल पर बहुत ज्यादा हो गई है, ऐसे में पिछले कुछ महीने से लगातार बढ़ रहे पेट्रोल और डीजल के दाम से लोग बेहद परेशान हैं. क्या युवा, क्या महिला, क्या बुजुर्ग, हर कोई पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतो का रोना रोता नजर आता है. मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में तो पेट्रोल और डीजल के दाम इस कदर बढ़े हैं कि अब एक लीटर पेट्रोल चाहिए तो ₹110 नहीं बल्कि ₹112 के ऊपर खर्च करने पड़ेंगे, जबकि एक लीटर डीजल के लिए 100 से ज्यादा रुपए खर्च करने पड़ेंगे.
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शहडोल में मंगलवार को पेट्रोल ₹112.50 पैसे प्रति लीटर की दर से बिका, जबकि डीजल ₹100.79 पैसे प्रति लीटर की दर से बिका. शहडोल प्रदेश के अंतिम छोर पर स्थित है, जिसके चलते यहां पर पेट्रोल-डीजल के दाम ज्यादा हाई रहते हैं. बढ़ती महंगाई से युवा भी आक्रोशित हैं. युवाओं का कहना है कि पहले ही युवा बेरोजगारी से जूझ रहे हैं. उनके पास रोजगार नहीं है और ऊपर से बढ़ती महंगाई परेशान कर रही है. बेरोजगारी और महंगाई एक साथ आई है. सरकार को महंगाई कम करने रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने पर ध्यान देना चाहिए. महंगाई चरम पर पहुंच रही है, जिसके चलते उनके लिए बहुत मुश्किलें पैदा हो रही है.
युवा ही नहीं, व्यापारी से लेकर गृहणी या फिर कर्मचारी. हर किसी का बस यही कहना है कि पेट्रोल-डीजल के दाम और बढ़ती महंगाई ने परेशान कर रखा है, कोरोना की वजह से सावधानी बरतनी पड़ती है, ज्यादा लोगों के साथ सफर नहीं कर सकते, इसके लिए अकेले गाड़ी का इस्तेमाल करना पड़ता है. इधर-उधर जाना होता है गाड़ियों का इस्तेमाल बढ़ा है. ऐसे में पेट्रोल और डीजल के दाम भी बढ़ गए हैं अब बड़ी मुश्किल हो रही है. पहले ही आर्थिक नुकसान बहुत ज्यादा हुआ है, पैसे नहीं है, ऐसे में बहुत मुश्किल हो रहा है. कुछ लोगों का तो ये भी कहना है कि पेट्रोल-डीजल के ही दाम बढ़े होते तो बात अलग थी, उसकी वजह से महंगाई भी चरम पर पहुंच गई है, जिसका असर उन्हीं के जीवन पर पड़ रहा है.
रोजाना पेट्रोल-डीजल अपना ही रिकॉर्ड तोड़ रहा है. कोरोना महामारी की वजह से लोग आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं, दूसरी ओर बढ़ती महंगाई की मार भी पड़ रही है, लोगों के आम दिनचर्या में इस्तेमाल होने वाली चीजें भी महंगी हो चुकी हैं, जिससे लोगों की जेब पर बड़ा असर पड़ रहा है, इसका आक्रोश भी लोगों में साफ देखा जा सकता है.