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सीए सुशील सिंघल ने बजट को बताया बेहतर, कहा- शहडोल को कुछ नहीं मिला - बजट 2019-20

केंद्र सरकार के बाद अब मध्यप्रदेश सरकार ने भी बुधवार को अपना बजट पेश कर दिया है, इस बार के बजट को लेकर शहडोल जिले के लोगों को भी काफी उम्मीदें थीं, युवा, बेरोजगार, किसान, व्यापारी, खिलाड़ी हर वर्ग के व्यक्ति की नजर प्रदेश सरकार के इस बजट पर टिकी हुई थी और प्रदेश सरकार ने आज अपना पिटारा खोल भी दिया, लेकिन इस क्षेत्र को कुछ खास सौगात नहीं मिली है.

सुशील सिंघल से सीधी बात
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Published : Jul 10, 2019, 8:57 PM IST

शहडोल। प्रदेश सरकार ने बुधवार को विधानसभा में साल 2019-20 का बजट पेश किया, बजट पर हमारे सहयोगी ने जिले के आर्थिक मामलों के जानकार सुशील सिंघल से बात की. जिन्होनें इस बजट की बारीकियों को समझाते हुए कहा कि इस बार के बजट की खासियत रही कि किसी भी तरह के टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जो अच्छी बात है, ये स्टेबिलिटी को दर्शाता है क्योंकि बार-बार टैक्स में बदलाव से लोग भ्रमित होते हैं.

सुशील सिंघल से सीधी बात

वहीं, 40 नदियों को पुनर्जीवित करने के वादे को उन्होंने अच्छी पहल बताया है, साथ ही 3 नए मेडिकल कॉलेज खोलने, सुरक्षा को लेकर जो साइबर क्राइम को नई टेक्निक से लैस करने की बात कही गई है, उसे भी अच्छी पहल बताया है. इसके अलावा मंदिर की जमीन को जो डेवलप करने की बात कही गई है, फेमस खाने वाले चीजों की ब्रांडिंग की बात भी अच्छी है.

शहडोल को क्या मिला प्रदेश सरकार के इस बजट से शहडोल को क्या मिला इसे लेकर जब हमने जाना तो उनका साफ कहना था कि इस बार के बजट में शहडोल के लिए कोई विशेष घोषणा नहीं कि गई है. हवाई यात्रा से प्रदेश के तीन शहरों को जोड़ने की बात कही गई है, लेकिन इसमें शहडोल को छोड़ दिया गया है.

सुशील सिंघल कहते हैं कि शहडोल को ये मिलना चाहिए था क्योंकि संभाग में सेंट्रल यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज इसके अलावा क्षेत्र में कई उद्योग हैं, रिलायंस का इतना बड़ा प्रोजेक्ट है. कोयले का इतना भंडार है, ओरियंट पेपर मिल है. ऐसे में इस क्षेत्र को भी हवाई सफर की सौगात मिलनी चाहिये थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

आदिवासी अंचल है तो खेल के क्षेत्र में भी यहां के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं होनी थी क्योंकि यहां से खिलाड़ी निकल सकते हैं, बस उन्हें सुविधाएं और खेल का अच्छा स्ट्रक्चर मिलना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो सका. प्रदेश के इस बजट से शहडोल संभाग के लोगों को भी क्षेत्र के लिए किसी बड़ी सौगात की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. इस आदिवासी अंचल के लिए प्रदेश सरकार ने किसी भी तरह की कोई बड़ी घोषणा नहीं की.

शहडोल। प्रदेश सरकार ने बुधवार को विधानसभा में साल 2019-20 का बजट पेश किया, बजट पर हमारे सहयोगी ने जिले के आर्थिक मामलों के जानकार सुशील सिंघल से बात की. जिन्होनें इस बजट की बारीकियों को समझाते हुए कहा कि इस बार के बजट की खासियत रही कि किसी भी तरह के टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जो अच्छी बात है, ये स्टेबिलिटी को दर्शाता है क्योंकि बार-बार टैक्स में बदलाव से लोग भ्रमित होते हैं.

सुशील सिंघल से सीधी बात

वहीं, 40 नदियों को पुनर्जीवित करने के वादे को उन्होंने अच्छी पहल बताया है, साथ ही 3 नए मेडिकल कॉलेज खोलने, सुरक्षा को लेकर जो साइबर क्राइम को नई टेक्निक से लैस करने की बात कही गई है, उसे भी अच्छी पहल बताया है. इसके अलावा मंदिर की जमीन को जो डेवलप करने की बात कही गई है, फेमस खाने वाले चीजों की ब्रांडिंग की बात भी अच्छी है.

शहडोल को क्या मिला प्रदेश सरकार के इस बजट से शहडोल को क्या मिला इसे लेकर जब हमने जाना तो उनका साफ कहना था कि इस बार के बजट में शहडोल के लिए कोई विशेष घोषणा नहीं कि गई है. हवाई यात्रा से प्रदेश के तीन शहरों को जोड़ने की बात कही गई है, लेकिन इसमें शहडोल को छोड़ दिया गया है.

सुशील सिंघल कहते हैं कि शहडोल को ये मिलना चाहिए था क्योंकि संभाग में सेंट्रल यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज इसके अलावा क्षेत्र में कई उद्योग हैं, रिलायंस का इतना बड़ा प्रोजेक्ट है. कोयले का इतना भंडार है, ओरियंट पेपर मिल है. ऐसे में इस क्षेत्र को भी हवाई सफर की सौगात मिलनी चाहिये थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

आदिवासी अंचल है तो खेल के क्षेत्र में भी यहां के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं होनी थी क्योंकि यहां से खिलाड़ी निकल सकते हैं, बस उन्हें सुविधाएं और खेल का अच्छा स्ट्रक्चर मिलना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो सका. प्रदेश के इस बजट से शहडोल संभाग के लोगों को भी क्षेत्र के लिए किसी बड़ी सौगात की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. इस आदिवासी अंचल के लिए प्रदेश सरकार ने किसी भी तरह की कोई बड़ी घोषणा नहीं की.

Intro:प्रदेश सरकार ने पेश किया बजट, जानिए इस आदिवासी अंचल के लिए कैसा रहा बजट शहडोल- केंद्र सरकार के बाद अब मध्यप्रदेश सरकार ने भी आज अपना बजट पेश कर दिया है। इस बार के बजट को लेकर शहडोल जिले के लोगों को भी काफी उम्मीदें थीं, युवा, बेरोजगार, किसान, व्यापारी, खिलाड़ी हर वर्ग के व्यक्ति की नज़र प्रदेश सरकार के इस बजट पर टिकी हुई थी, और प्रदेश सरकार ने आज अपना पिटारा खोल भी दिया।


Body:प्रदेश सरकार के इस बजट को लेकर हमने जिले के आर्थिक मामलों के जानकार सीए सुशील सिंघल से बात की जिन्होनें इस बजट की बारिकियों को समझाते हुए कहा कि इस बार के बजट की खासियत रही कि किसी भी तरह के टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जो अच्छी बात है ये स्टेबिलिटी को दर्शाता है, क्योंकि बार बार टैक्स में बदलाव से लोग भ्रमित होते हैं। 40 नदियों को जो पुनर्जीवित करने की बात कही गई है अच्छी पहल है। 3 नए मेडिकल कॉलेज, सुरक्षा को लेकर जो साइबर क्राइम को नई टेक्निक से लैस करने की बात कही गई है ये अच्छी पहल है। इसके अलावा मंदिर के जमीन को जो डेवलप करने की बात कही गई है, फेमस खाने वाले चीजों की ब्रांडिंग की बात भी अच्छी है। शहडोल को क्या मिला प्रदेश सरकार के इस बजट से शहडोल को क्या मिला इसे लेकर जब हमने जाना तो उनका साफ कहना था कि इस बार के बजट में शहडोल के लिए कोई विशेष घोषणा नहीं कि गई है। हवाई यात्रा से प्रदेश के तीन शहरों को जोड़ने की बात कही गई है लेकिन इसमें शहडोल को छोड़ दिया गया है सुशील सिंघल कहते हैं कि शहडोल को ये मिलना चाहिए था। क्योंकि संभाग में सेंट्रल यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज इसके अलावा क्षेत्र में कई उद्योग हैं रिलायंस का इतना बड़ा प्रोजेक्ट है। कोयले का इतना भंडार है, ओरियंट पेपर मिल है। ऐसे में इस क्षेत्र को भी हवाई सफर की सौगात मिलनी चाहिये थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आदिवासी अंचल है तो खेल के क्षेत्र में भी यहां के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं होनी थीं क्योंकि यहां से खिलाड़ी निकल सकते हैं बस उन्हें सुविधाएं और खेल का अच्छा स्ट्रक्चर मिलना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो सका।


Conclusion:गौरतलब है कि प्रदेश के इस बजट से शहडोल संभाग के लोगों को भी क्षेत्र के लिए किसी बड़ी सौगात की उम्मीद थी लेकिन ऐसा हो नहीं सका। इस आदिवासी अंचल के लिए प्रदेश सरकार ने किसी भी तरह की कोई बड़ी घोषणा नहीं की।
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