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बारिश बंद होते ही किसानों ने की धान की फसल की कटाई शुरू, इन बातों का रखें ख्याल

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Published : Oct 23, 2020, 3:47 PM IST

Updated : Oct 23, 2020, 5:27 PM IST

इस बार प्रदेश में बारिश की कहीं अधिकता और कहीं कमी की वजह से किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है, वहीं अब बारिश बंद होते ही किसानों ने धान की फसल की कटाई शुरू कर दी है. इसे लेकर कृषि वैज्ञानिकों ने भी सलाह दी है, देखिए रिपोर्ट...

Paddy crop harvested in Shahdol
शहडोल में धान फसल की कटाई

शहडोल। अभी बीच में ही अचानक बारिश के शुरू हो जाने से किसान परेशान था. वजह थी कि किसानों की अधिकतर फसलें पक चुकीं थीं, और धान की फसल भी लगभग तैयार होने वाली ही थी. हालांकि अच्छी खबर यह है कि शहडोल जिले में पिछले 1 हफ्ते से बारिश बंद है. जिसके बाद एक बार फिर से किसान अपने खेतों में धान की फसल की कटाई शुरू कर चुका है.

शहडोल जिले की प्रमुख फसल है धान

बारिश बंद होते ही किसानों ने एक बार फिर से अपनी धान की फसल की कटाई शुरू कर दी है, पिछले 1 हफ्ते से जिले में मौसम साफ है जिसे देखते हुए किसानों ने अपनी पकी हुई फसलों को काटना शुरू कर दिया है. बता दें कि शहडोल जिले में धान की खेती प्रमुखता से की जाती है या यूं कहें कि शहडोल जिले की प्रमुख फसल ही धान की फसल है. जिले में लगभग 1,07,000 हेक्टेयर के रकबे में धान की खेती मौजूदा साल में की गई है.

मतलब साफ है कि ज्यादातर किसानों की पूंजी धान की फसल पर लगी हुई होती है और मौसम साफ होते ही किसानों ने धान की कटाई शुरू कर दी है, उसे खलिहान में ले जाना भी शुरू कर दिया है. जिससे उसकी गहाई करके अपने घरों पर ले जा सकें. क्योंकि अगर बारिश हुई तो उनकी धान की फसल खराब हो सकती है और उन्हें नुकसान हो सकता है.

शहडोल में धान फसल की कटाई
कृषि विभाग के उपसंचालक आरपी झारिया बताते हैं कि प्रदेश से मानसून की विदाई हो चुकी है. इसे देखते हुए किसानों को सलाह दी जाती है कि धान की फसल पकने की अवस्था में होने पर फसल की कटाई करने के बाद एक दो दिनों तक धूप में सूखने दें, नहीं तो खेतों में छोड़ दें. वहीं जो धान की फसलें देरी से लगाई गई हैं उनकी सतत निगरानी रखें.

बुढ़ापे की पेंशन के लिए चिंतित हैं, तो पढ़िए अपने काम की खबर, इस तरह से 60 साल में आप पा सकते है पेंशन


कृषि विभाग के उपसंचालक बताते हैं कि अभी वर्तमान में खरीफ़ की सभी फसलें लगभग पक चुकी हैं और किसान कटाई भी करना शुरू कर चुके हैं. उपसंचालक आरपी झारिया कहते हैं कि जिन खेतों में नमी है, फसल आ गई है उसकी जल्दी से जल्दी कटाई कर लें और रबि की फसलों में किसान जुड़ जाएं, जिससे चना, मसूर, गेहूं, मटर की खेती फिर से शुरू की जा सके. धान की फसल के लिए अच्छी बात यह है कि वर्तमान में जिले में बरसात बंद हो गई है और फसलें भी लगभग-लगभग आ गई है, जहां जमीन गहरी हैं वहां हो सकता है कि 7 से 8 दिन का समय लग जाए.

मौसम रिपोर्ट

मौसम वैज्ञानिक गुरप्रीत सिंह गांधी बताते हैं कि अगले 5 दिनों के दौरान शहडोल जिले में 25 अक्टूबर को हल्की वर्षा होने की संभावना है, हालांकि इसके बाद बारिश की संभावना नहीं है. जिसके चलते अधिकतम तापमान 34 से 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 21 से 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा सकता है.

रबी की फसलों के लिए सलाह

कृषि वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि अगर खेतों में पर्याप्त नमी नहीं है तो किसान रबी की फसलों की बुवाई, सिंचाई करके करें. साथ ही कृषि वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि किसान मेथी, पालक, धनिया की खेती जल्दी शुरू कर सकते हैं.

शहडोल। अभी बीच में ही अचानक बारिश के शुरू हो जाने से किसान परेशान था. वजह थी कि किसानों की अधिकतर फसलें पक चुकीं थीं, और धान की फसल भी लगभग तैयार होने वाली ही थी. हालांकि अच्छी खबर यह है कि शहडोल जिले में पिछले 1 हफ्ते से बारिश बंद है. जिसके बाद एक बार फिर से किसान अपने खेतों में धान की फसल की कटाई शुरू कर चुका है.

शहडोल जिले की प्रमुख फसल है धान

बारिश बंद होते ही किसानों ने एक बार फिर से अपनी धान की फसल की कटाई शुरू कर दी है, पिछले 1 हफ्ते से जिले में मौसम साफ है जिसे देखते हुए किसानों ने अपनी पकी हुई फसलों को काटना शुरू कर दिया है. बता दें कि शहडोल जिले में धान की खेती प्रमुखता से की जाती है या यूं कहें कि शहडोल जिले की प्रमुख फसल ही धान की फसल है. जिले में लगभग 1,07,000 हेक्टेयर के रकबे में धान की खेती मौजूदा साल में की गई है.

मतलब साफ है कि ज्यादातर किसानों की पूंजी धान की फसल पर लगी हुई होती है और मौसम साफ होते ही किसानों ने धान की कटाई शुरू कर दी है, उसे खलिहान में ले जाना भी शुरू कर दिया है. जिससे उसकी गहाई करके अपने घरों पर ले जा सकें. क्योंकि अगर बारिश हुई तो उनकी धान की फसल खराब हो सकती है और उन्हें नुकसान हो सकता है.

शहडोल में धान फसल की कटाई
कृषि विभाग के उपसंचालक आरपी झारिया बताते हैं कि प्रदेश से मानसून की विदाई हो चुकी है. इसे देखते हुए किसानों को सलाह दी जाती है कि धान की फसल पकने की अवस्था में होने पर फसल की कटाई करने के बाद एक दो दिनों तक धूप में सूखने दें, नहीं तो खेतों में छोड़ दें. वहीं जो धान की फसलें देरी से लगाई गई हैं उनकी सतत निगरानी रखें.

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कृषि विभाग के उपसंचालक बताते हैं कि अभी वर्तमान में खरीफ़ की सभी फसलें लगभग पक चुकी हैं और किसान कटाई भी करना शुरू कर चुके हैं. उपसंचालक आरपी झारिया कहते हैं कि जिन खेतों में नमी है, फसल आ गई है उसकी जल्दी से जल्दी कटाई कर लें और रबि की फसलों में किसान जुड़ जाएं, जिससे चना, मसूर, गेहूं, मटर की खेती फिर से शुरू की जा सके. धान की फसल के लिए अच्छी बात यह है कि वर्तमान में जिले में बरसात बंद हो गई है और फसलें भी लगभग-लगभग आ गई है, जहां जमीन गहरी हैं वहां हो सकता है कि 7 से 8 दिन का समय लग जाए.

मौसम रिपोर्ट

मौसम वैज्ञानिक गुरप्रीत सिंह गांधी बताते हैं कि अगले 5 दिनों के दौरान शहडोल जिले में 25 अक्टूबर को हल्की वर्षा होने की संभावना है, हालांकि इसके बाद बारिश की संभावना नहीं है. जिसके चलते अधिकतम तापमान 34 से 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 21 से 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा सकता है.

रबी की फसलों के लिए सलाह

कृषि वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि अगर खेतों में पर्याप्त नमी नहीं है तो किसान रबी की फसलों की बुवाई, सिंचाई करके करें. साथ ही कृषि वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि किसान मेथी, पालक, धनिया की खेती जल्दी शुरू कर सकते हैं.

Last Updated : Oct 23, 2020, 5:27 PM IST
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