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अपर मजिस्ट्रेट बनकर लोगों से धोखाधड़ी करने वाला आरोपी चढ़ा पुलिस के हत्थे, कई वारदातों को दे चुका है अंजाम - फर्जी मजिस्ट्रेट

पुलिस ने अपर मजिस्ट्रेट बनकर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया हैं, आरोपी ने पूछताछ में कई खुलासे किए हैं.

अपर मजिस्ट्रेट बनकर लोगों से धोखाधड़ी करने वाला आरोपी चढ़ा पुलिस के हत्थे
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Published : Aug 12, 2019, 8:02 PM IST

शहडोल: जिले के कोतवाली थाना ने लोगों से मजिस्ट्रेट बताकर धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया हैं. पुलिस के पूछताछ से आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया हैं साथ ही कई खुलासे भी हुए हैं
कोतवाली थाना प्रभारी रावेंद्र द्विवेदी के मुताबिक आरोपी का नाम संदीप सिंह परिहार हैं और वह भिंड का रहने वाला हैं. थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस अधीक्षक को एक सूचना मिली थी कि एक ऐसा व्यक्ति होटल में रुका है जो अपने आप को अपर मजिस्ट्रेट ग्वालियर खंडपीठ का बता रहा है, मामले की जांच के बाद आरोपी को पकड़ा लिया गया जो अपर मजिस्ट्रेट बनकर होटल में रुका हुआ था.

अपर मजिस्ट्रेट बनकर लोगों से धोखाधड़ी करने वाला आरोपी चढ़ा पुलिस के हत्थे

जानकारी के लिए जब होटल के मैनेजर से बात की गई तो उसने बताया कि आरोपी ने उनके भाई जो कटनी जेल में बंद है, उसका बेल कराने को आश्वासन दिया था, और ये बताया था कि ग्वालियर खंडपीठ से मेरा ट्रांसफर जबलपुर खंडपीठ हो गया है, और ज्वाइन करते ही 2 से 3 दिन में काम करा दूंगा. इस काम के एवज में फर्जी मजिस्ट्रेट ने 30 से 40 हज़ार रुपये धोखाधड़ी की थी.

थाना प्रभारी ने जब इस मामले में अधिक जानकारी ली तो आरोपी के कई और ठगी के मामले सामने आए. आरोपी ने एक महिला से शादी का झांसा देकर दो लाख रुपए की ऐंठ लिए हैं. उसके भाई की नौकरी लगाने के नाम पर एक लाख 40 हज़ार एवं एक अन्य रिश्तेदार से प्यून बनाने के नाम पर 72 हज़ार रुपये वसूल लिये थे, इसी तरह कई लोगों से धोखधड़ी की गई थी. जिसके तहत प्रकरण दर्ज कर मामले के तह तक जाकर पूंछताछ की जा रही हैं. उसे गिरफ्तार करके न्यायिक रिमांड में जेल भेजा गया है.

शहडोल: जिले के कोतवाली थाना ने लोगों से मजिस्ट्रेट बताकर धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया हैं. पुलिस के पूछताछ से आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया हैं साथ ही कई खुलासे भी हुए हैं
कोतवाली थाना प्रभारी रावेंद्र द्विवेदी के मुताबिक आरोपी का नाम संदीप सिंह परिहार हैं और वह भिंड का रहने वाला हैं. थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस अधीक्षक को एक सूचना मिली थी कि एक ऐसा व्यक्ति होटल में रुका है जो अपने आप को अपर मजिस्ट्रेट ग्वालियर खंडपीठ का बता रहा है, मामले की जांच के बाद आरोपी को पकड़ा लिया गया जो अपर मजिस्ट्रेट बनकर होटल में रुका हुआ था.

अपर मजिस्ट्रेट बनकर लोगों से धोखाधड़ी करने वाला आरोपी चढ़ा पुलिस के हत्थे

जानकारी के लिए जब होटल के मैनेजर से बात की गई तो उसने बताया कि आरोपी ने उनके भाई जो कटनी जेल में बंद है, उसका बेल कराने को आश्वासन दिया था, और ये बताया था कि ग्वालियर खंडपीठ से मेरा ट्रांसफर जबलपुर खंडपीठ हो गया है, और ज्वाइन करते ही 2 से 3 दिन में काम करा दूंगा. इस काम के एवज में फर्जी मजिस्ट्रेट ने 30 से 40 हज़ार रुपये धोखाधड़ी की थी.

थाना प्रभारी ने जब इस मामले में अधिक जानकारी ली तो आरोपी के कई और ठगी के मामले सामने आए. आरोपी ने एक महिला से शादी का झांसा देकर दो लाख रुपए की ऐंठ लिए हैं. उसके भाई की नौकरी लगाने के नाम पर एक लाख 40 हज़ार एवं एक अन्य रिश्तेदार से प्यून बनाने के नाम पर 72 हज़ार रुपये वसूल लिये थे, इसी तरह कई लोगों से धोखधड़ी की गई थी. जिसके तहत प्रकरण दर्ज कर मामले के तह तक जाकर पूंछताछ की जा रही हैं. उसे गिरफ्तार करके न्यायिक रिमांड में जेल भेजा गया है.

Intro:note_ वर्जन कोतवाली थाना प्रभारी रावेंद्र द्विवेदी की है।


अपर मजिस्ट्रेट बनकर करता था धोखाधड़ी, पुलिस के हत्थे चढ़ते ही हुए कई खुलासे

शहडोल- शहडोल जिले के कोतवाली थाने में आज एक ऐसा आरोपी पकड़ाया जो अपने आप को अपर मजिस्ट्रेट बताकर लोगों से धोखाधड़ी करता था, पैसों की लूट करता था, आज जब कोतवाली पुलिस ने पकड़ा तो कई खुलासे हुए, कोतवाली थाना प्रभारी रावेंद्र द्विवेदी के मुताबिक आरोपी अपना नाम संदीप सिंह परिहार बता रहा है, वो भिंड का रहने वाला है।


Body:अपर मजिस्ट्रेट बनकर करता था धोखाधड़ी

कोतवाली थाना प्रभारी रावेंद्र द्विवेदी के मुताबिक पुलिस अधीक्षक को एक सूचना मिली थी, की एक ऐसा व्यक्ति होटल में रुका है जो अपने आप को अपर मजिस्ट्रेट ग्वालियर खंडपीठ का बता रहा है, जब इसके बार में सूचना तस्दीक करने को निर्देशित किया गया, जिसके बाद आरोपी को पकड़ा गया,जो अपर मजिस्ट्रेट बनकर रुका हुआ था।

आरोपी ने अपना नाम संदीप सिंह परिहार बताया, वो भिंड का रहने वाला है।

इस बारे में और जानकारी के लिए जब होटल के मैनेजर से बात की गई तो उसने बताया कि आरोपी ने उनके भाई जो कटनी जेल में बंद है, उसका बेल कराने को आश्वासन दिया था, और ये बताया था कि ग्वालियर खंडपीठ से मेरा ट्रांसफर जबलपुर खंडपीठ हो गया है, और ज्वाइन करते ही 2 से 3 दिन में काम कर दूंगा।

इस काम के एवज में फर्जी मजिस्ट्रेट ने 30 से 40 हज़ार रुपये धोखाधड़ी कर ले लिया था।


Conclusion:कोतवाली थाना प्रभारी रावेंद्र द्विवेदी ने बताया कि जब उसके बारे में और जानकारी ली गई तो पता चला कि पूनम सिंह जो असवारी की रहने वाली हैं वो जबलपुर से BAHMS कर रही थी, तो उसे शादी का प्रलोभन देकर उससे भी दो लाख रुपये, उसके भाई की नौकरी लगाने के नाम पर एक लाख 40 हज़ार उसके एक अन्य रिश्तेदार से प्यून बनाने के नाम पर 72 हज़ार रुपये वसूल लिए, इस तरह से कई लोगों से धोखधड़ी की, जिस पर प्रकरण पंजीबद्ध कर, विवेचना में लिया गया है, और सारे तह में जाकर पूंछताछ की जा रही है। आज उसे गिरफ्तार करके न्यायिक रिमांड में जेल भेजा गया है।
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