सिवनी। सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की जांच करने वाले मृतक का भी बयान ले लेते हैं. पढ़ने में कुछ अजीब लग रहा होगा, लेकिन एक मामले की जांच करने वाले अधिकारियों ने ऐसी ही जादूगरी करके दिखा दिया है. हुआ यूं कि सिवनी जिले की एक महिला ने लव मैरिज की थी. शादी के बाद मायके वाले उसे प्रताड़ित करते थे. परेशान होकर उसने हेल्पलाइन में इसकी शिकायत की. बाद में खुदकुशी भी कर ली थी. इसके बाद जब शिकायत सिवनी पुलिस के पास पहुंची तो पुलिस ने 3 साल पहले मृत हुई महिला का बयान लिखते हुए कहा कि, शिकायतकर्ता की शिकायत का निराकरण कर दिया गया है.
अधिकारियों ने कहा शिकायतकर्ता संतुष्ट: सीएम हेल्पलाइन के जरिए पुलिस को बरखा भारद्वाज नाम की महिला की शिकायत मिली थी. शिकायत के मुताबिक, महिला ने साल 2018 में प्रेम विवाह किया था और अपने ही परिजनों के खिलाफ परेशान किए जाने की लिखित शिकायत CPGRAM पर कराई थी. वहां से ये शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर पहुंची. शिकायतकर्ता को इससे अवगत कराया गया है. शिकायतकर्ता संतुष्ट है और शिकायत बंद कराना चाहता है.
महिला के पति की दलील: इस मामले में जब हमने महिला के पति प्रियंक तिवारी से बात की तो उन्होंने बताया कि "28-29 अक्टूबर को मेरे यहां महिला डेस्क थाने से पुलिस आई और उन्होंने जानकारी मांगी कि आपकी वाइफ को क्या प्रॉब्लम है? मैंने उनसे पूछा तो महिला पुलिसकर्मियों ने मुझे शिकायत के बारे में बताया. वो पीजीआर सेल में लिखित दर्ज एक शिकायत थी जो 3.5 साल बाद पीजीआर सेल से ट्रांसफर होकर सीएम हेल्पलाइन में दर्ज हुई थी.
मृतक को किया सहमत: पुलिसकर्मी जब मुझसे जानकारी और कागज लेकर गईं, तो कुछ दिन बाद मैंने शिकायत का स्टेटस सीएम हेल्पलाइन पर देखा, जिसमें शिकायत बंद बताई जा रही थी और दावा किया गया की शिकायतकर्ता को संतुष्ट करके सहमति से शिकायत को बंद किया गया है. मैंने पुलिस को बताया था कि 14 मार्च 2019 को मेरी पत्नी ने ख़ुदकुशी कर ली थी. इसके पहले भी मेरी पत्नी ने मायके वालों के खिलाफ शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी, अब ये नई बात सामने आई है तो पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए. बरखा भारद्वाज नाम की महिला ने 6 फरवरी 2018 को प्रियंक तिवारी से प्रेम विवाह किया था. शादी के एक साल बाद मार्च 2019 में महिला ने ख़ुदकुशी कर ली. इस मामले में महिला के पति और सास के खिलाफ मामला दर्ज हुआ और उन्हें जेल भी जाना पड़ा था.
जेल से छूटी लड़के की मां ने मांगी मदद: इस बारे में मृत महिला के पति और ससुराल वालों को विधिक सहायता दे रहे भोपाल की 'भाई वेलफेयर सोसाइटी' के ज़की एहमद बताते हैं, आज से तकरीबन 4 साल पहले ये मामला हमारे पास आया था, जब लड़के की मां जेल से छूटकर आई थी तो उन्होंने हमसे संपर्क किया था. इसमें लड़की ने ससुराल से नहीं, बल्कि मायके से परेशान होकर सुसाइड किया था. इत्तेफ़ाक से अभी जब पुलिस लड़के के घर पहुंची और उन्होंने बताया कि उसकी मौत तीन साल पहले हो चुकी है तो पुलिस ने ख़ानापूर्ति करते हुए लिख दिया कि लड़की इस केस को चलाना नहीं चाहती.
इनका कहना है: सिवनी एसपी रामजी श्रीवास्तव ने बताया, "जांच के दौरान थाने के जांचकर्ताओं ने जब शिकायत में दर्ज नंबर पर संपर्क किया तो सामने वाले ने बताया कि उनके द्वारा कोई शिकायत नहीं की गई है. बार-बार फोन करके जानकारी ली गई तो उन्होंने इनकार कर दिया कि बरखा भारद्वाज नाम की किसी महिला को नहीं जानते और इस नंबर से बरखा भारद्वाज ने शिकायत नहीं की है. इस आधार पर जब सामने वाला मना कर रहा था कि हमने कोई शिकायत नहीं की और हम संतुष्ट हैं, तो ये शिकायत इसी टिप्पणी के साथ बंद कर दी गई कि शिकायतकर्ता कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं और समस्या का समाधान हो गया है."
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मोबाइल नंबर से हेरफेर: एसपी श्रीवास्तव आगे बताते हैं कि पुलिस ने महिला के परिवारवालों से संपर्क किया और उन्होंने बताया कि उनकी मृत्यु हो चुकी है. चूंकि इसमें हमको दर्ज ये करना होता है कि शिकायतकर्ता शिकायत पर क्या कार्रवाई चाहता है और इसमें हम एक मोबाइल नंबर को शिकायतकर्ता मानते हैं और वो मोबाइल नंबर अभी घनश्याम मार्को के पास है और वो कोई कार्रवाई नहीं चाहता है इसलिए ये स्थिति निर्मित हुई है.