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मुआवजा नहीं मिलने से परेशान आदिवासी किसान, तहसीलदार से लगाई गुहार - Soybean crop destroyed

नसरुल्लागंज क्षेत्र के आदिवासी किसानों की बारिश से बर्बाद हुई फसल का सर्वे अभी तक नहीं हुआ है. जिससे परेशान होकर लाडकुई क्षेत्र के किसानों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा और तुरंत सर्वे कराकर मुआवजे की मांग की.

Tribal farmers are worried about not getting compensation in sihore
मुआवजा नहीं मिलने से परेशान आदिवासी किसान
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Published : Dec 7, 2019, 9:22 PM IST

सीहोर। नसरुल्लागंज क्षेत्र के आदिवासी किसानों की बारिश से बर्बाद हुई फसल का सर्वे अभी तक नहीं हुआ है. जिससे परेशान होकर लाडकुई क्षेत्र के किसानों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा और तुरंत सर्वे कराकर मुआवजे की मांग की.

मुआवजा नहीं मिलने से परेशान आदिवासी किसान

मामला नसरुल्लागंज क्षेत्र के गांव इटावा खुर्द, डोंगलापानी व किशनपुर के किसानों का है. जहां वन भूमि पर आदिवासी किसान 50 वर्षों से काबिज है और कृषि कार्य कर परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं. लेकिन खरीफ सीजन में अतिवृष्टि होने के कारण उनकी सोयाबीन की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई, जिससे कि परिवार के जीवन यापन पर संकट आ गया है.

बावजूद इसके प्रशासन द्वारा उनकी जमीन का ना तो सर्वे किया गया और ना ही मुआवजा दिया गया. किसानों ने मांग की है कि सर्वे कराकर शीघ्र मुआवजा दिलाया जाए. यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो वह आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.

सीहोर। नसरुल्लागंज क्षेत्र के आदिवासी किसानों की बारिश से बर्बाद हुई फसल का सर्वे अभी तक नहीं हुआ है. जिससे परेशान होकर लाडकुई क्षेत्र के किसानों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा और तुरंत सर्वे कराकर मुआवजे की मांग की.

मुआवजा नहीं मिलने से परेशान आदिवासी किसान

मामला नसरुल्लागंज क्षेत्र के गांव इटावा खुर्द, डोंगलापानी व किशनपुर के किसानों का है. जहां वन भूमि पर आदिवासी किसान 50 वर्षों से काबिज है और कृषि कार्य कर परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं. लेकिन खरीफ सीजन में अतिवृष्टि होने के कारण उनकी सोयाबीन की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई, जिससे कि परिवार के जीवन यापन पर संकट आ गया है.

बावजूद इसके प्रशासन द्वारा उनकी जमीन का ना तो सर्वे किया गया और ना ही मुआवजा दिया गया. किसानों ने मांग की है कि सर्वे कराकर शीघ्र मुआवजा दिलाया जाए. यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो वह आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.

Intro:सीहोर- खराब हुई सोयाबीन की फसल का मुआवजा नहीं आने पर आदिवासी किसानों ने तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन....

सीहोर जिले के नसरुल्लागंज तहसील के आदिवासी क्षेत्र लाडकुई अंतर्गत आने वाले गांव के किसानों की  अतिवृष्टि से खराब हुई फसल का मुआवजा नहीं आने से नाराज आदिवासी पट्टाधारी किसानों ने तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन....
        Body:मामला नसरुल्लागंज क्षेत्र के ग्राम इटावा खुर्द, डोंगलापानी व किशनपुर के किसानों ने नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंंपा जिसमें उल्लेख करते हुए कहा कि अतिवृष्टि होने से खराब हुई सोयाबीन की फसल का मुआवजा इटावाखुर्द, डोंगला पानी, किशनपुर के पट्टाधारी किसानों को छोड़ दिया। 

        यह वन भूमि पर 40 से 50 वर्षों से काबिज है व कृषि कार्य कर परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। अतिवृष्टि होने के कारण इस वर्ष सोयाबीन की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई जिससे कि परिवार के जीवन यापन पर संकट आ गया है। 
        क्षेत्र में अतिवृष्टि से खराब हुई फसल का मुआवजा शासन के द्वारा दिया जा रहा है किंतु शासन द्वारा किए गए सर्वे में वन भूमि काबिज पट्टाधारी किसान को छोड़ दिया है। 
   वही उन्होंने मांग की है कि सर्वे कराकर हमारा नाम जोड़ा जाए और हमें शीघ्र मुआवजा दिलाया जाए जिससे कि हमारे परिवार का भरण पोषण कर सकें एवं शासन की योजना का लाभ मिल सके।

बाईट - श्याम बारेला, किसान, इटावा खुर्दConclusion:
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