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Sagar Coconut Handicraft: सागर के इस शख्स ने दिखाया कमाल, नारियल से बनाई हनुमान जी की मूर्ति, बागेश्वर सरकार से मिली प्रेरणा

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Published : Aug 9, 2023, 4:38 PM IST

Updated : Aug 9, 2023, 9:21 PM IST

एमपी के सागर जिले में एक शख्स ने अपनी कला का बेहतर प्रदर्शन करते हुए भगवान हनुमान जी की सबसे बड़ी मूर्ति बनाई है. इस मूर्ति बनाने के साथ ही इस शख्स ने वर्ल्ड रिकार्ड भी बनाया है. इस कामयाबी की दो खास बाते हैं, पहली तो यह की यह मूर्ति नारियल से बनी है, दूसरी इस शख्स को इसकी प्रेरणा बागेश्वर सरकार के पंडित धीरेंद्र शास्त्री से मिली है.

Sagar Coconut Handicraft
कोकोनट हैंडीक्राफ्ट
सागर के इस शख्स ने दिखाया कमाल

सागर। ईश्वर का आशीर्वाद हो और कला के प्रति समर्पण हो, तो इंसान कई कीर्तमान स्थापित कर सकता है. ऐसा ही एक कीर्तमान सागर के रिटायर शिक्षक लोकनाथ मिश्र ने बनाया है, जिसकी चारों तरफ चर्चा हो रही है. दरअसल लोकनाथ मिश्रा कोकोनट हैंडीक्राफ्ट के कलाकार हैं और नारियल के खोल और उनकी जटाओं से एक से बढ़कर एक कलाकृति बनाते हैं. एक बार उनकी मुलाकात बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री से हुई. लोकनाथ मिश्र ने उन्हें नारियल से तैयार कप भेंट किया और कला के बारे में बताया, तो बागेश्वर सरकार काफी प्रभावित हुए और उन्होंने हनुमान जी की प्रतिमा बनाने की इच्छा प्रकट की. पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की प्रेरणा से लोकनाथ मिश्र ने महज 108 दिन में ये कमाल कर दिया और कोकोनट हैंडीक्राफ्ट के जरिए अब तक सबसे बड़ी प्रतिमा बना दी. जिसे इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में शामिल किया गया है.

पांच साल में सीखा कोकोनट हैंडीक्राफ्ट: सागर के बहुमुखी प्रतिभा के धनी पंडित लोकनाथ मिश्र कई विधाओं में पारंगत है. कवि और साहित्यकार होने के साथ-साथ जादू की कला में माहिर लोकनाथ मिश्र नारियल से कलाकृति बनाने की कला कोकोनट हैंडीक्राफ्ट से बडे़ प्रभावित हुए. उन्होंने इस कला को सीखने की शुरूआत 2017 में की. इसके लिए उन्होंने तरह-तरह के नारियल के खोल और जटाएं इकट्ठा कर पहले छोटी- छोटी कलाकृतियां बनाई और फिर धीरे-धीरे कर जब वो कला में पारंगत हो गए, तो उन्होंने नारियल से बड़ी कलाकृतियां बनाना शुरू की.

Sagar Coconut Handicraft
नारियर से बनी हनुमान जी की प्रतिमा

बागेश्वर सरकार से मुलाकात के बाद मिली नयी प्रेरणा: पंडित लोकनाथ मिश्र बताते हैं कि "करीब 5 साल के अभ्यास के चलते मैं कोकोनट हैंडीक्राफ्ट की कला में पारंगत हो गया. दिसंबर 2022 में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री दमोह आए थे. जहां मैं उनके दर्शनों और कथा सुनने के लिए पहुंचा था. वहां मुझे पंडित धीरेन्द्र शास्त्री से मुलाकात का मौका मिला और मैंने उन्हें नारियल से बना कप भेंट करते हुए कोकोनट हैंडीक्राफ्ट के बारे में बताया, तो वो बडे़ प्रभावित हुए. कला से प्रभावित होकर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने हनुमान जी की मूर्ति बनाने की इच्छा प्रकट की."

Sagar Coconut Handicraft
नारियल से कलाकृति बनाते लोकनाथ मिश्र

केरल से मंगाए बडे़ नारियल, तब जाकर बनी विशाल मूर्ति: बागेश्वर सरकार की प्रेरणा से मैनें हनुमान जी की नारियल के खोल और जटाओं से मूर्ति बनाने का फैसला लिया. मैनें 28 दिसंबर को नारियल की हनुमान मूर्ति बनाने का काम शुरू किया. मूर्ति के लिए जरूरी छोटे और मझोले आकार के नारियल तो सागर में आसानी से मिल गए, लेकिन भगवान के मुदगल और कई जगह बडे़ आकार के नारियल की जरूरत महसूस हुई, तो मैनें केरल संपर्क किया और केरल में कई लोगों से संपर्क के बाद मुझे बडे़ आकार के नारियल मिले. बडे़ आकार के नारियल मिलने के बाद मैं हनुमान मूर्ति बनाने में जुट गया.

यहां पढ़ें...

108 दिन में तैयार हुई नारियल की हनुमान मूर्ति: पंडित लोकनाथ मिश्र बताते हैं कि "मैंने 28 दिसंबर को मूर्ति बनाने का काम शुरू किया और लगातार 108 दिन काम करके 14 अप्रैल 2023 को हनुमान मूर्ति बनाने का काम पूरा हुआ. ये ईश्वर का आशीर्वाद और हनुमान जी की कृपा थी, कि 108 के शुभांक के साथ नारियल से हनुमान मूर्ति बनाने का संकल्प पूरा हुआ. मैंने प्रतिमा बागेश्वर सरकार को दिखाई तो वो काफी प्रसन्न हुए."

Sagar Coconut Handicraft
लोकनाथ मिश्र ने बनाया वर्ल्ड रिकार्ड

कैसे बना रिकार्ड: पंडित लोकनाथ मिश्र बताते हैं कि "मैं कोकोनट हैंडीक्राफ्ट से कई तरह की चीजे बना चुका हूं. चूहा, गिद्ध, नारियल के कप और वोटे के अलावा दीपस्तंभ कई चीजें मैनें नारियल के खोल और जटाओं से तैयार की. जब मैनें कोकोनट हैंडीक्राफ्ट से बनी मूर्तियों की जानकारी हासिल की तो मुझे पता चला कि जितनी बड़ी मूर्ति हनुमान जी की मैनें बनाई है, वो अभी तक किसी कलाकार ने नहीं बनायी. हनुमानजी की प्रतिमा 22 इंच ऊंची, 14 इंच लंबी और 13 इंच गहरी है. इतनी बड़ी प्रतिमा किसी ने नहीं बनायी है. कोकोनट हैंडीक्राफ्ट से लोगों ने छोटी-छोटी प्रतिमा तो बनायी है. मैंने इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में संपर्क किया और कोकोनट हैंडीक्राफ्ट से सबसे बड़ी मूर्ति बनाने का दावा पेश किया. उन्होंने तमाम जांच पडताल के बाद इसे इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में शामिल कर लिया.

सागर के इस शख्स ने दिखाया कमाल

सागर। ईश्वर का आशीर्वाद हो और कला के प्रति समर्पण हो, तो इंसान कई कीर्तमान स्थापित कर सकता है. ऐसा ही एक कीर्तमान सागर के रिटायर शिक्षक लोकनाथ मिश्र ने बनाया है, जिसकी चारों तरफ चर्चा हो रही है. दरअसल लोकनाथ मिश्रा कोकोनट हैंडीक्राफ्ट के कलाकार हैं और नारियल के खोल और उनकी जटाओं से एक से बढ़कर एक कलाकृति बनाते हैं. एक बार उनकी मुलाकात बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री से हुई. लोकनाथ मिश्र ने उन्हें नारियल से तैयार कप भेंट किया और कला के बारे में बताया, तो बागेश्वर सरकार काफी प्रभावित हुए और उन्होंने हनुमान जी की प्रतिमा बनाने की इच्छा प्रकट की. पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की प्रेरणा से लोकनाथ मिश्र ने महज 108 दिन में ये कमाल कर दिया और कोकोनट हैंडीक्राफ्ट के जरिए अब तक सबसे बड़ी प्रतिमा बना दी. जिसे इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में शामिल किया गया है.

पांच साल में सीखा कोकोनट हैंडीक्राफ्ट: सागर के बहुमुखी प्रतिभा के धनी पंडित लोकनाथ मिश्र कई विधाओं में पारंगत है. कवि और साहित्यकार होने के साथ-साथ जादू की कला में माहिर लोकनाथ मिश्र नारियल से कलाकृति बनाने की कला कोकोनट हैंडीक्राफ्ट से बडे़ प्रभावित हुए. उन्होंने इस कला को सीखने की शुरूआत 2017 में की. इसके लिए उन्होंने तरह-तरह के नारियल के खोल और जटाएं इकट्ठा कर पहले छोटी- छोटी कलाकृतियां बनाई और फिर धीरे-धीरे कर जब वो कला में पारंगत हो गए, तो उन्होंने नारियल से बड़ी कलाकृतियां बनाना शुरू की.

Sagar Coconut Handicraft
नारियर से बनी हनुमान जी की प्रतिमा

बागेश्वर सरकार से मुलाकात के बाद मिली नयी प्रेरणा: पंडित लोकनाथ मिश्र बताते हैं कि "करीब 5 साल के अभ्यास के चलते मैं कोकोनट हैंडीक्राफ्ट की कला में पारंगत हो गया. दिसंबर 2022 में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री दमोह आए थे. जहां मैं उनके दर्शनों और कथा सुनने के लिए पहुंचा था. वहां मुझे पंडित धीरेन्द्र शास्त्री से मुलाकात का मौका मिला और मैंने उन्हें नारियल से बना कप भेंट करते हुए कोकोनट हैंडीक्राफ्ट के बारे में बताया, तो वो बडे़ प्रभावित हुए. कला से प्रभावित होकर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने हनुमान जी की मूर्ति बनाने की इच्छा प्रकट की."

Sagar Coconut Handicraft
नारियल से कलाकृति बनाते लोकनाथ मिश्र

केरल से मंगाए बडे़ नारियल, तब जाकर बनी विशाल मूर्ति: बागेश्वर सरकार की प्रेरणा से मैनें हनुमान जी की नारियल के खोल और जटाओं से मूर्ति बनाने का फैसला लिया. मैनें 28 दिसंबर को नारियल की हनुमान मूर्ति बनाने का काम शुरू किया. मूर्ति के लिए जरूरी छोटे और मझोले आकार के नारियल तो सागर में आसानी से मिल गए, लेकिन भगवान के मुदगल और कई जगह बडे़ आकार के नारियल की जरूरत महसूस हुई, तो मैनें केरल संपर्क किया और केरल में कई लोगों से संपर्क के बाद मुझे बडे़ आकार के नारियल मिले. बडे़ आकार के नारियल मिलने के बाद मैं हनुमान मूर्ति बनाने में जुट गया.

यहां पढ़ें...

108 दिन में तैयार हुई नारियल की हनुमान मूर्ति: पंडित लोकनाथ मिश्र बताते हैं कि "मैंने 28 दिसंबर को मूर्ति बनाने का काम शुरू किया और लगातार 108 दिन काम करके 14 अप्रैल 2023 को हनुमान मूर्ति बनाने का काम पूरा हुआ. ये ईश्वर का आशीर्वाद और हनुमान जी की कृपा थी, कि 108 के शुभांक के साथ नारियल से हनुमान मूर्ति बनाने का संकल्प पूरा हुआ. मैंने प्रतिमा बागेश्वर सरकार को दिखाई तो वो काफी प्रसन्न हुए."

Sagar Coconut Handicraft
लोकनाथ मिश्र ने बनाया वर्ल्ड रिकार्ड

कैसे बना रिकार्ड: पंडित लोकनाथ मिश्र बताते हैं कि "मैं कोकोनट हैंडीक्राफ्ट से कई तरह की चीजे बना चुका हूं. चूहा, गिद्ध, नारियल के कप और वोटे के अलावा दीपस्तंभ कई चीजें मैनें नारियल के खोल और जटाओं से तैयार की. जब मैनें कोकोनट हैंडीक्राफ्ट से बनी मूर्तियों की जानकारी हासिल की तो मुझे पता चला कि जितनी बड़ी मूर्ति हनुमान जी की मैनें बनाई है, वो अभी तक किसी कलाकार ने नहीं बनायी. हनुमानजी की प्रतिमा 22 इंच ऊंची, 14 इंच लंबी और 13 इंच गहरी है. इतनी बड़ी प्रतिमा किसी ने नहीं बनायी है. कोकोनट हैंडीक्राफ्ट से लोगों ने छोटी-छोटी प्रतिमा तो बनायी है. मैंने इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में संपर्क किया और कोकोनट हैंडीक्राफ्ट से सबसे बड़ी मूर्ति बनाने का दावा पेश किया. उन्होंने तमाम जांच पडताल के बाद इसे इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में शामिल कर लिया.

Last Updated : Aug 9, 2023, 9:21 PM IST
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