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पुलिस पर लगाया झूठा फंसाने का आरोप, बनाया वीडियो और कर ली आत्महत्या

सागर जिले में देवरी पुलिस पर चोरी के इल्जाम में झूठा फंसाने का आरोप लगाकर एक युवक ने आत्महत्या कर ली. इससे पहले उसने वीडियो बनाकर पुलिस की प्रताड़ना और बदनामी के डर से ये कदम उठाने की बात कही है.

allegation on police
पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप
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Published : Feb 6, 2023, 1:12 PM IST

पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप

सागर। मध्यप्रदेश में सागर जिले की पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में है. ताजा मामला देवरी से जुड़ा है. जहां झुनकू वार्ड निवासी युवक हल्लू प्रजापति ने पुलिस पर चोरी के मामले में झूठा फंसाने का आरोप लगाकर आत्महत्या कर ली. इससे पहले उसने वीडियो बनाकर खुद के बेकसूर होने की बात कही है. युवक की मौत के बाद उसके परिजन और स्थानीय ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे 44 जाम कर आक्रोश जताया. परिजन की मांग है कि पूरे घटनाक्रम की उच्चस्तरीय जांच करके दोषी पुलिस वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए.

पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप : हल्लू के भाई सुरेंद्र प्रजापति ने बताया कि ''उसके भाई को बीती 30 जनवरी को चोरी के आरोप में देवरी पुलिस ने पकड़ा था. 31 जनवरी की सुबह हल्लू को यह कहकर छोड़ा गया कि वारदात में शामिल अपने अन्य साथियों को लेकर आओ''. सुरेंद्र के मुताबिक, झूठे आरोप में फंसाने और बदनामी के डर से परेशान होकर हल्लू ने उसी दिन सुबह करीब 11 बजे आत्महत्या कर ली.

नकली कीटनाशक ने बर्बाद हुई फसल, परेशान किसान ने सागर थाने में लगाई खुद को आग

खुदकुशी के पहले बनाया वीडियो : हल्लू ने आत्महत्या करने से पहले अपने मोबाइल फोन द्वारा वीडियो बनाया था. इसमें उसने खुद को बेकसूर बताते हुए पुलिस पर प्रताड़ना देने और झूठे केस में फंसाए जाने का आरोप लगाया है. हल्लू का कहना है कि उसने कभी चोरी जैसा काम नहीं किया. पुलिस ने इस मामले में उसे झूठा फंसाया है, जिससे उसकी बदनामी हुई है. इस वीडियो में उसने पुलिस से अपने परिजन को परेशान न करने की बात भी कही है.

अफसरों की कार्यप्रणाली के खिलाफ आक्रोश : घटना के बाद हल्लू के परिजन पुलिस के खिलाफ खासे आक्रोशित हैं. उनका कहना है कि आला अधिकारी मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. इसके चलते स्थानीय ग्रामीणों ने रविवार को नेशनल हाईवे 44 पर चक्काजाम किया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. मौके पर पहुंचीं एडिशनल एएसपी ज्योति ठाकुर ने हल्लू के परिजन से बात की और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया. जिसके बाद जाम खुल सका.

पुलिस ने आरोपों को झूठा बताया : एएसपी ज्योति ठाकुर ने हल्लू प्रजापति के आरोपों को गलत बताया है. उनका कहना है ''कि चोरी के संदेह पर हल्लू प्रजापति को थाने बुलाया गया था. प्रारंभिक पूछताछ और फिंगरप्रिंट मिलान आदि औपचारिकताओं के बाद उसे छोड़ दिया गया था. प्रताड़ना देने और झूठा फंसाने के आरोप निराधार हैं. मामले की जांच की जा रही है. जो तथ्य सामने आएंगे, उनके हिसाब से कार्यवाही की जाएगी''.

पहले भी लगे हैं आरोप : इससे पहले भी सागर पुलिस की साख पर सवाल उठ चुके हैं. कुछ दिन पूर्व ही प्रेम प्रसंग के एक मामले में जैसीनगर थाना इलाके में एक युवक द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया था. इस मामले में भी पुलिस पर प्रताड़ना देने के आरोप लगे थे.

पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप

सागर। मध्यप्रदेश में सागर जिले की पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में है. ताजा मामला देवरी से जुड़ा है. जहां झुनकू वार्ड निवासी युवक हल्लू प्रजापति ने पुलिस पर चोरी के मामले में झूठा फंसाने का आरोप लगाकर आत्महत्या कर ली. इससे पहले उसने वीडियो बनाकर खुद के बेकसूर होने की बात कही है. युवक की मौत के बाद उसके परिजन और स्थानीय ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे 44 जाम कर आक्रोश जताया. परिजन की मांग है कि पूरे घटनाक्रम की उच्चस्तरीय जांच करके दोषी पुलिस वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए.

पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप : हल्लू के भाई सुरेंद्र प्रजापति ने बताया कि ''उसके भाई को बीती 30 जनवरी को चोरी के आरोप में देवरी पुलिस ने पकड़ा था. 31 जनवरी की सुबह हल्लू को यह कहकर छोड़ा गया कि वारदात में शामिल अपने अन्य साथियों को लेकर आओ''. सुरेंद्र के मुताबिक, झूठे आरोप में फंसाने और बदनामी के डर से परेशान होकर हल्लू ने उसी दिन सुबह करीब 11 बजे आत्महत्या कर ली.

नकली कीटनाशक ने बर्बाद हुई फसल, परेशान किसान ने सागर थाने में लगाई खुद को आग

खुदकुशी के पहले बनाया वीडियो : हल्लू ने आत्महत्या करने से पहले अपने मोबाइल फोन द्वारा वीडियो बनाया था. इसमें उसने खुद को बेकसूर बताते हुए पुलिस पर प्रताड़ना देने और झूठे केस में फंसाए जाने का आरोप लगाया है. हल्लू का कहना है कि उसने कभी चोरी जैसा काम नहीं किया. पुलिस ने इस मामले में उसे झूठा फंसाया है, जिससे उसकी बदनामी हुई है. इस वीडियो में उसने पुलिस से अपने परिजन को परेशान न करने की बात भी कही है.

अफसरों की कार्यप्रणाली के खिलाफ आक्रोश : घटना के बाद हल्लू के परिजन पुलिस के खिलाफ खासे आक्रोशित हैं. उनका कहना है कि आला अधिकारी मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. इसके चलते स्थानीय ग्रामीणों ने रविवार को नेशनल हाईवे 44 पर चक्काजाम किया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. मौके पर पहुंचीं एडिशनल एएसपी ज्योति ठाकुर ने हल्लू के परिजन से बात की और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया. जिसके बाद जाम खुल सका.

पुलिस ने आरोपों को झूठा बताया : एएसपी ज्योति ठाकुर ने हल्लू प्रजापति के आरोपों को गलत बताया है. उनका कहना है ''कि चोरी के संदेह पर हल्लू प्रजापति को थाने बुलाया गया था. प्रारंभिक पूछताछ और फिंगरप्रिंट मिलान आदि औपचारिकताओं के बाद उसे छोड़ दिया गया था. प्रताड़ना देने और झूठा फंसाने के आरोप निराधार हैं. मामले की जांच की जा रही है. जो तथ्य सामने आएंगे, उनके हिसाब से कार्यवाही की जाएगी''.

पहले भी लगे हैं आरोप : इससे पहले भी सागर पुलिस की साख पर सवाल उठ चुके हैं. कुछ दिन पूर्व ही प्रेम प्रसंग के एक मामले में जैसीनगर थाना इलाके में एक युवक द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया था. इस मामले में भी पुलिस पर प्रताड़ना देने के आरोप लगे थे.

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