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लाखा बंजारा झील की सफाई को लेकर धरने पर बैठे शहरवासी, मशीन से सफाई की मांग की

सागर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए काम शुरू हो चुका है. इसके अंतर्गत लाखा बंजारा झील को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है. शहर के लोगों ने झील की सफाई मैन्युअली नहीं करते हुए ड्रेसर मशीन से करवाने की मांग उठाई है.

लाखा बंजारा झील की सफाई को लेकर धरने पर बैठे शहरवासी
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Published : Sep 24, 2019, 9:52 AM IST

सागर। स्मार्ट सिटी के तहत शहर की ऐतिहासिक धरोहर लाखा बंजारा झील की सफाई और सौंदर्यीकरण भी किया जाना प्रस्तावित है, लेकिन इसे लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में झील को जेसीबी, पोकलेन मशीन और डंपर से साफ करवाने का प्रस्ताव रखा गया है, लेकिन शहर के युवाओं ने मांग की है कि मैन्युअली सफाई कराने की जगह ड्रेसर मशीन से सफाई कराई जाए. उनका मानना है कि जेसीबी से झील की सफाई होना संभव नहीं है. शहर के युवाओं ने इस मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है.

लाखा बंजारा झील की सफाई को लेकर धरने पर बैठे शहरवासी

लंबे समय से झील के विकास और सफाई के नाम पर सागर में राजनीति होती आई है. बीते साल झील संरक्षण के नाम पर करोड़ों की राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. इस बार झील की सफाई को लेकर 100 करोड़ से ज्यादा का प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के माध्यम आया है. जिसमें झील की सफाई पोकलेन मशीन और डंफर से करने का प्रावधान है. इसी प्रावधान के खिलाफ शहर के युवा वर्ग ने आवाज उठाई है.

धरने पर बैठे युवाओं का कहना है कि इतनी बड़ी झील की इस तरह से सफाई का प्रावधान प्रस्तावित राशि में सेंध लगाने के किया गया है. ड्रेसर मशीन से कभी भी सफाई की जा सकती है, जबकि मैनुअली कार्य करने से पहले लगभग तीन महीने झील को खाली करने और जमा सिल्ट को सुखाने में लगेंगे. युवाओं का कहना है कि झील संरक्षण के नाम पर पहले जो कुछ होता आया है, वो अब नहीं होने देंगे.

सागर। स्मार्ट सिटी के तहत शहर की ऐतिहासिक धरोहर लाखा बंजारा झील की सफाई और सौंदर्यीकरण भी किया जाना प्रस्तावित है, लेकिन इसे लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में झील को जेसीबी, पोकलेन मशीन और डंपर से साफ करवाने का प्रस्ताव रखा गया है, लेकिन शहर के युवाओं ने मांग की है कि मैन्युअली सफाई कराने की जगह ड्रेसर मशीन से सफाई कराई जाए. उनका मानना है कि जेसीबी से झील की सफाई होना संभव नहीं है. शहर के युवाओं ने इस मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है.

लाखा बंजारा झील की सफाई को लेकर धरने पर बैठे शहरवासी

लंबे समय से झील के विकास और सफाई के नाम पर सागर में राजनीति होती आई है. बीते साल झील संरक्षण के नाम पर करोड़ों की राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. इस बार झील की सफाई को लेकर 100 करोड़ से ज्यादा का प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के माध्यम आया है. जिसमें झील की सफाई पोकलेन मशीन और डंफर से करने का प्रावधान है. इसी प्रावधान के खिलाफ शहर के युवा वर्ग ने आवाज उठाई है.

धरने पर बैठे युवाओं का कहना है कि इतनी बड़ी झील की इस तरह से सफाई का प्रावधान प्रस्तावित राशि में सेंध लगाने के किया गया है. ड्रेसर मशीन से कभी भी सफाई की जा सकती है, जबकि मैनुअली कार्य करने से पहले लगभग तीन महीने झील को खाली करने और जमा सिल्ट को सुखाने में लगेंगे. युवाओं का कहना है कि झील संरक्षण के नाम पर पहले जो कुछ होता आया है, वो अब नहीं होने देंगे.

Intro:सागर। सागर का चयन देश के सौ स्मार्ट शहरों में हुआ और इसी के तहत सागर शहर की धरोहर ऐतिहासिक लाखा बंजारा झील की सफाई और सौंदर्यीकरण भी किया जाना प्रस्तावित है, लेकिन इन सब के बीच झील की सफाई को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत झील को मैनुअली साफ करने का प्रस्ताव रखा गया है लेकिन शहर के बुद्धिजीवियों और कुछ राजनीतिज्ञों के अनुसार इसे हैदराबाद के झील की तर्ज ड्रेज़र मशीन से ही साफ किए जाने कि मांग की जा रही है, ड्रेज़र मशीन से सफाई की मांग कर रहे नागरिकों का मानना है कि मैनुअली जेसीबी से झील की सफाई होना संभव नहीं है, और अब सर्वदलीय युवाओं ने इस झील की सफाई ड्रेजर मशीन से कराए जाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना प्रारम्भ कर दिया है। लंबे समय से झील के विकास सफाई के नाम पर सागर में राजनीति होती आयी है, करोड़ों रूपये की राशि बीते वर्षों में झील संरक्षण के नाम पर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। Body:दरअसल हरबार इस झील को संवारने के साफ करने के प्रयास किये जाते है, लेकिन सिर्फ औपचारिक्ता कर राशि डकार ली जाती है, इस बार भी सागर झील की सफाई को लेकर 100 करोड़ रुपयों से ज्यादा का प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के माध्यम आया हैं जिसमें इस झील की सफाई पोकलेन मशीन और डम्फर से करने का प्रावधान है। स्मार्ट सिटी के इसी प्रावधान के खिलाफ़ शहर का युवा वर्ग उठ खड़ा हुआ है, युवाओं की मांग है कि सागर झील की सफाई भी हैदराबाद की झील की तरह ड्रेजर मशीन से हो।
अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे इन युवाओं के तर्क है कि इतनी बड़ी झील की मैनुअली सफाई का प्रावधान सिर्फ राशि को खुर्द-बुर्द करने के लिए किया गया है, ड्रेजर मशीन से सफाई के विषय में तर्क देते हुए युवाओं ने कहा कि मशीन बारहों महीने सफाई कर सकती है, जबकि हांथों से कार्य करने से पहले लगभग तीन महीने झील को खाली करने और जमा सिल्ट को सुखाने में लगेंगे। इन युवाओं का कहना है कि झील संरक्षण के नाम पर पहले जो कुछ होता आया है वो अब नहीं होने देंगे और उनका यह आंदोलन जारी रहेगा। इस धरना प्रदर्शन और आंदोलन में कांग्रेस और बीजेपी सहित अन्य दलों से जुड़े युवा भी हिस्सा ले रहे हैं।
बाइट-धरणेन्द्र जैन, सामाजिक कार्यकर्ता
बाइट- श्वेता यादव, बीजेपी पार्षद
बाइट-निखिल चौकसे, कांग्रेस कार्यकर्ता
Conclusion:
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