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नौरादेही के टाइगर रिजर्व बनने के बाद बड़ी खुशखबरी, बाघिन ने चार शावकों को दिया जन्म

Nauradehi Tiger Reserve:एमपी के सबसे बड़े नौरादेही अभयारण्य से खुशखबरी सामने आई है. यहां बाघिन N-112 ने चार शावकों को जन्म दिया है. सभी शावक स्वस्थ और सुरक्षित बताए जा रहे हैं.

Nauradehi Tiger Reserve
बाघिन ने दिए शावकों को जन्म
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 28, 2023, 10:53 PM IST

बाघिन ने दिया शावकों को जन्म

सागर। एमपी के सबसे बड़े नौरादेही अभयारण्य और सबसे छोटे रानी दुर्गावती वन्य जीव अभ्यारण्य को रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने के बाद पहली खुशखबरी आई है. नौरादेही अभ्यारण्य में जन्मी बाघिन N-112 ने चार शावकों को जन्म दिया है. हालांकि टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने अभी तक इन शावकों की कोई तस्वीर जारी नहीं की है, लेकिन इनके जन्म की पुष्टि टाइगर रिजर्व द्वारा कर दी गई है. टाइगर रिजर्व का कहना है कि चारों शावक स्वस्थ और सुरक्षित हैं और फिलहाल सुरक्षा कारणों से ही उनकी तस्वीर और लोकेशन जारी नहीं की जा रही है.

टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने की पुष्टि: नौरादेही टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. ए ए अंसारी से मिली जानकारी के मुताबिक बाघिन राधा की बेटी N-112 ने चार शावकों को जन्म दिया हैं. ऐसी संभावना है कि बाघिन ने करीब डेढ़ महीने पहले इन शावकों को जन्म दिया है. गौरतलब है कि नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य में 2011 तक बाघ थे, लेकिन फिर विलुप्त हो गए थे. ऐसे में 2018 में राष्ट्रीय बाघ परियोजना के अंतर्गत नौरादेही बाघिन राधा और बाघ किशन को बसाया गया था.

नौरादेही के माहौल में रच बस जाने के बाद बाघ किशन से बाघिन राधा ने पहली बार तीन शावकों को जन्म दिया था. जिनमें दो मादा और एक नर था. अब राधा और किशन की बेटी N-112 ने चार शावकों को जन्म दिया है. टाइगर रिजर्व ने शावकों के जन्म की पुष्टि की है, लेकिन अब तक इनकी तस्वीरों और लोकेशन जारी नहीं की है, लेकिन जन्म की पुष्टि और सुरक्षित और स्वस्थ होने की जानकारी दी है.

हाल ही में बना है प्रदेश का सातवां टाइगर रिजर्व: मध्य प्रदेश के सबसे बड़े अभ्यारण्य नौरादेही वन्य जीव अभ्यारण्य, जो सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिले तक फैला है. नौरादेही अभयारण्य और दमोह जिले के रानी दुर्गावती अभयारण्य को मिलाकर रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व की स्थापना की गई है. इसकी अधिसूचना 20 सितंबर 2023 को जारी की गई थी. अधिसूचना जारी होते ही नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य की पहचान अब रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के रूप में हो गई है और यहां बाघों की संख्या बढ़ाने और उन्हें सुरक्षित आवास देने के लिए विशेष सुविधाएं मुहैया कराना शुरू हो गया है.

यहां पढ़ें...

क्या कहना है टाइगर रिजर्व प्रबंधन का: रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के उपसंचालक डॉ. ए ए अंसारी का कहना है कि 'नौरादेही के N1 और N2 के जो पहले बच्चे थे. उनमें दो मादा और एक नर था. उन्हीं में से एक मादा N-112 ने शावकों को जन्म दिया है. चारों स्वस्थ और सुरक्षित हैं.

बाघिन ने दिया शावकों को जन्म

सागर। एमपी के सबसे बड़े नौरादेही अभयारण्य और सबसे छोटे रानी दुर्गावती वन्य जीव अभ्यारण्य को रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने के बाद पहली खुशखबरी आई है. नौरादेही अभ्यारण्य में जन्मी बाघिन N-112 ने चार शावकों को जन्म दिया है. हालांकि टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने अभी तक इन शावकों की कोई तस्वीर जारी नहीं की है, लेकिन इनके जन्म की पुष्टि टाइगर रिजर्व द्वारा कर दी गई है. टाइगर रिजर्व का कहना है कि चारों शावक स्वस्थ और सुरक्षित हैं और फिलहाल सुरक्षा कारणों से ही उनकी तस्वीर और लोकेशन जारी नहीं की जा रही है.

टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने की पुष्टि: नौरादेही टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. ए ए अंसारी से मिली जानकारी के मुताबिक बाघिन राधा की बेटी N-112 ने चार शावकों को जन्म दिया हैं. ऐसी संभावना है कि बाघिन ने करीब डेढ़ महीने पहले इन शावकों को जन्म दिया है. गौरतलब है कि नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य में 2011 तक बाघ थे, लेकिन फिर विलुप्त हो गए थे. ऐसे में 2018 में राष्ट्रीय बाघ परियोजना के अंतर्गत नौरादेही बाघिन राधा और बाघ किशन को बसाया गया था.

नौरादेही के माहौल में रच बस जाने के बाद बाघ किशन से बाघिन राधा ने पहली बार तीन शावकों को जन्म दिया था. जिनमें दो मादा और एक नर था. अब राधा और किशन की बेटी N-112 ने चार शावकों को जन्म दिया है. टाइगर रिजर्व ने शावकों के जन्म की पुष्टि की है, लेकिन अब तक इनकी तस्वीरों और लोकेशन जारी नहीं की है, लेकिन जन्म की पुष्टि और सुरक्षित और स्वस्थ होने की जानकारी दी है.

हाल ही में बना है प्रदेश का सातवां टाइगर रिजर्व: मध्य प्रदेश के सबसे बड़े अभ्यारण्य नौरादेही वन्य जीव अभ्यारण्य, जो सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिले तक फैला है. नौरादेही अभयारण्य और दमोह जिले के रानी दुर्गावती अभयारण्य को मिलाकर रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व की स्थापना की गई है. इसकी अधिसूचना 20 सितंबर 2023 को जारी की गई थी. अधिसूचना जारी होते ही नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य की पहचान अब रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के रूप में हो गई है और यहां बाघों की संख्या बढ़ाने और उन्हें सुरक्षित आवास देने के लिए विशेष सुविधाएं मुहैया कराना शुरू हो गया है.

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क्या कहना है टाइगर रिजर्व प्रबंधन का: रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के उपसंचालक डॉ. ए ए अंसारी का कहना है कि 'नौरादेही के N1 और N2 के जो पहले बच्चे थे. उनमें दो मादा और एक नर था. उन्हीं में से एक मादा N-112 ने शावकों को जन्म दिया है. चारों स्वस्थ और सुरक्षित हैं.

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