सागर। 17 सितंबर को प्रेम प्रसंग (Love Affairs) के चलते सेमरा लहरिया गांव (Semra Laharia Village) में राहुल यादव की हत्या का मामला बढ़ता नजर आ रहा है. प्रेम प्रसंग का मामला जातीय संघर्ष और वर्ग संघर्ष (Ethnic Conflict) में बदलता हुआ दिखाई दे रहा है. इस मामले में ब्राह्मण और यादव समाज के बीच संघर्ष (Conflict between Brahmin and Yadav Samaj) की स्थिति बन गई है. 26 सितंबर को जहां यादव समाज ने इस मामले में अपना शक्ति प्रदर्शन किया था, तो गुरुवार को ब्राह्मण समाज का आंदोलन (Brahmin Samaj Movement) होने जा रहा था.
लेकिन इसके पहले ही मुख्यमंत्री ने इस मामले में घायल महिला का निःशुल्क इलाज कराने और घटना की सीबीआई जांच के लिए केंद्र से सिफारिश की. इसके बावजूद भी गुरुवार 30 सितंबर को सागर में बड़े पैमाने पर ब्राह्मण समाज के लोग इकट्ठे हुए. समाजजनों का कहना है कि यह आंदोलन अब सम्मेलन में तब्दील हो गया है. क्योंकि मध्य प्रदेश के दूर-दूर के जिलों से और उत्तर प्रदेश से कई लोग पहले ही आंदोलन में शामिल होने के लिए चल चुके हैं.
प्रेम प्रसंग को दिया गया सियासी रंग
इस मामले में सागर पुलिस ने महिला के चार परिजनों को हत्या के मामले में गिरफ्तार किया था. इसके बावजूद भी यादव समाज के लोग ब्राह्मण परिवार का घर गिराने पर अड़े हुए थे. मंत्री भूपेंद्र सिंह (Minister Bhupendra Singh) ने इस मामले में यादव परिवार को निजी तौर पर एक लाख की सहायता दी. आरोपी ब्राह्मण परिवार का मकान गिराने का आदेश भी दिया. इसी बात को लेकर ब्राह्मण समाज के लोग नाराज हो गए.
यह मामला ब्राह्मण और यादव के बीच जातीय संघर्ष में तब्दील होता दिखाई देने लगा. ब्राह्मण समाज का मकान गिराए जाने से नाराज लोगों ने 30 सितंबर को विशाल आंदोलन का ऐलान किया था. आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रदेश भर से लोग सागर पहुंचे. हालांकि आंदोलन के पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिला का निःशुल्क इलाज कराने और घटना की सीबीआई जांच के लिए केंद्र से सिफारिश की हैं.
शादी होने के बाद भी प्रेमिका से मिलता था प्रेमी, लड़की के परिजनों ने पेट्रोल डालकर लगा दी आग
कलेक्टर ने दी मामले की सीबीआई जांच की जानकारी
सागर जिला कलेक्टर दीपक आर्य ने मीडिया से रूबरू होते हुए बताया है कि सेमरा लहरिया में जो भी घटनाक्रम हुआ था. उस घटनाक्रम में महिला गंभीर रूप से झुलस गई है. जिसका इलाज भोपाल में चल रहा है. वही कलेक्टर दीपक आर्य ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने निर्णय लिया है कि घटना की जांच सीबीआई से कराई जाएगी और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
क्या है सेमरा लहरिया हत्याकांड?
नरयावली थाना के सेमरा लहरिया गांव में 16 और 17 सितंबर की दरमियानी रात प्रेम प्रसंग के मामले में प्रेमी और प्रेमिका के जलने का मामला सामने आया था. प्रेमी राहुल यादव प्रेमिका के घर में जली हुई अवस्था में मिला था. मृत्यु के पहले पुलिस को दिए बयान में उसने कहा था कि उसकी प्रेमिका ने मिलने के लिए बुलाया था. लेकिन जब वह प्रेमिका से मिलने उसके घर पहुंचा, तो उसके परिजनों ने हाथ पैर बांधकर पेट्रोल डालकर आग लगा दी.
इस मामले में बुरी तरह से झुलसी प्रेमिका ने पुलिस को बयान दिया था कि उसकी शादी के बाद उसका प्रेमी उसके पीछे पड़ा हुआ था. घटना के दिन वह खुद पर पेट्रोल डालकर घर में घुस गया था. मेरे ऊपर पेट्रोल डालकर मुझे अपने साथ जलाने की कोशिश की थी. इस मामले में पुलिस ने प्रेमिका के पिता सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
युवक को जिंदा जलाने के मामले में उलझी पुलिस, मृतक और उसकी प्रेमिका के अलग-अलग बयान, जांच जारी
कायम है ब्राह्मण समाज की नाराजगी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पीड़ित महिला का बेहतर और मुफ्त इलाज कराए जाने और घटना की सीबीआई जांच के लिए केंद्र से सिफारिश के बाद भी गुरुवार को सागर खेल परिसर में ब्राह्मण समाज के लोग काफी संख्या में इकट्ठे हुए हैं. समाज का कहना है कि घटना की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद जिस आंदोलन को हमने सम्मेलन में तब्दील कर दिया है. क्योंकि प्रदेश के दूरदराज के इलाकों और उत्तर प्रदेश के कई जिलों से आंदोलन में शामिल होने वाले लोग चल चुके थे.
उपचुनाव और यूपी चुनाव पर पड़ सकता है असर
इस घटना के बाद एक तरफा कार्रवाई के आरोपों में पुलिस और प्रशासन घिर गया है. मंत्री भूपेंद्र सिंह की सक्रियता को लेकर भी ब्राह्मण समाज की नाराजगी बढ़ गई है. वहीं घटना को लेकर यादव समाज के आंदोलन की आड़ में सवर्ण और ओबीसी संघर्ष की नींव रखी जाने की कोशिशों को लेकर भी सियासी पारा चढ़ रहा है. ब्राह्मणों और यादव वर्ग खुले तौर पर आमने सामने आ चुके हैं.
मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव में बुंदेलखंड की पृथ्वीपुर सीट पर उपचुनाव होना है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में यादवों और ब्राह्मणों की संख्या काफी ज्यादा है. कई सीटों पर निर्णायक स्थिति में हैं. उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड इलाका मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड इलाके से सटा हुआ है. अगर वर्ग और जातीय संघर्ष के ऐसे ही हालात रहते हैं, तो यह मामला चुनाव को प्रभावित कर सकता है.