रीवा। लद्दाख की गलवान घाटी में चीन की दुश्मन सेना से लोहा लेते हुए रीवा के लाल दीपक सिंह ने देश के लिए अपना बलिदान दिया था. शहीद दीपक सिंह की पत्नी रेखा सिंह अब भारतीय सेना में शामिल हो चुकी हैं. पति के शाहिद होने के बाद उन्होंने ने सेना में भर्ती होने की तैयारी की. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद रेखा सिंह को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट का पद मिला है और अब वह पूर्वी लद्दाख में तैनात होंगी. शहीद दीपक सिंह का सपना था कि उनकी पत्नी भी भारतीय सेना का हिस्सा बने. जिसके बाद पत्नी रेखा सिंह ने अपने पति के सपने को साकार कर दिया है.
शहीद हुए थे दीपक, पत्नि बनी लेफ्टिनेंट: भारतीय सेना में शामिल हुई लेफ्टिनेंट रेखा सिंह ने चेन्नई स्थित आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में लेफ्टिनेंट प्री कमीशन में ट्रेनिंग पूरी की. इसके बाद जब उन्हें इस बड़े पद से नवाजा गया तब लेफ्टिनेंट रेखा सिंह के जेठ, ससुर और रेखा सिंह के माता पिता भी इस आयोजन में शामिल हुए. इस दौरान अपनी बहु को सेना की वर्दी और कंधों पर लगे सितारे को देख कर ससुर की आंखे नम हो गई. उस बक्त उनके आखों के सामने खड़ी बहु की जगह उन्हे अपना लाल दीपक सिंह दिखाई दे रहा रहा था.
बड़े भाई से प्रेरित होकर सेना में भर्ती हुए थे दीपक: दीपक सिंह का जन्म 15 जुलाई वर्ष 1989 को रीवा जिले के फरेंदा गांव में हुआ था. दीपक के पिता गजराज सिंह किसान है. शहीद दीपक सिंह के बड़े भाई प्रकाश सिंह भी भारतीय सेना के जवान है. अपने बड़े भाई प्रकाश से प्रेरित होकर स्कूल के समय ही दीपक ने अपना लक्ष्य तय कर लिया था. पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने सेना में भर्ती होने की प्रक्रिया हासिल कर ली और भारतीय सेना में शामिल होने की तैयारी में जुट गए.
शहीद को वीर चक्र: अपने सीने में देशभक्ति का जज्बा लिए 23 साल की उम्र में रीवा के लाल शहीद दीपक सिंह वर्ष 2012 में भारतीय सेना के बिहार रेजिमेंट के चिकित्सा कोर में भर्ती हुए और जनवरी वर्ष 2020 में उनकी पदस्थापना लद्दाख में हो गई, लेकिन 6 महीने बाद लद्दाख के गलवान घाटी में दुश्मन चीनी सेना के कायराना हरकत के बाद हुए मुठभेड़ में वह शहीद हो गए. जिसके बाद बीते वर्ष ही शहीद दीपक सिंह की पत्नी रेखा सिंह को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वीरचक्र देकर सम्मानित किया था और अब पति के दीपक सिंह के शहीद होने के 3 साल बाद उनकी पत्नी सेना में लेफ्टिनेंट बनी हैं जिससे पूरा देश उनपर गर्व कर रहा है.
पूर्वी लद्दाख में तैनात होंगी लेफ्टिनेंट रेखा: रेखा सिंह ने कहा कि नोएडा जाकर सेना में भर्ती होने के लिए उन्होंने प्रवेश परीक्षा की तैयारियों का प्रशिक्षण लिया. रीवा में उन्होंने फिजिकल ट्रेनिंग ली, अपने प्रथम प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिली लेकिन दूसरे प्रयास में उनका चयन भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर हुआ. रेखा का प्रशिक्षण 28 मई 2022 से चेन्नई में शुरू हुआ था. प्रशिक्षण पूरा होने के एक साल बाद वह अब भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन चुकी है. लेफ्टिनेंट बनने के बाद अब वह पूर्वी लद्दाख में तैनात होकर भारतीय सेना में अपनी सेवाएं देंगी. लेफ्टिनेंट रेखा सिंह ने कहा कि ‘मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है और मैं सभी महिला उम्मीदवारों को सलाह देना चाहूंगी कि वे खुद पर भरोसा रखें और दूसरों के बारे में सोचे बिना वह करें जो वह करना चाहती हैं.