रीवा। जिले में महाशिवरात्रि पर्व पर शिव बारात का भव्य आयोजन किया जाता है. यह आयोजन पिछले 40 वर्ष से लगातार आयोजित किया जा रहा है. बारात पचमठा नाथ आश्रम सेनिकाली जाती है. सुंदर-सुंदर झांकियों का ढोल नगाड़े गाजे बाजे के साथ पथ संचालन होता है. झांकी के आगे हाथी, ऊंट और घोड़ों के अलावा भोलेनाथ के भक्त भूत-पिसाच की वेश भूषा धारण कर नाचते थिरकते बारात में शामिल होते हैं. कहा जाता है कि, यहां जो भंडारा होता है वह एसिया का सबसे बड़ा भंड़ारा होता है. प्रसाद ग्रहण करने के लिए कई सौ किलोमीटर तक भक्तों की लाइन लगी रहती है.
महाशिवरात्रि पर बनेगा महा रिकार्ड: बताया जा रहा है कि, शिव बारात आयोजन समिति के द्वारा इस महाशिवरात्रि को भगवान भोलेनाथ के लिए महाप्रसाद बनाने की तैयारी की जा रजाई है. इसके लिए 1100 किलो की लोहे से निर्मित एक कढ़ाई तैयार की गई है. इस कढ़ाई में 5100 किलो का महाभोग तैयार होगा. महा कढ़ाई में 100 किलो देशी घी खिचड़ी बनाई जाएगी. 1100 किलो की इस कढ़ाई में 5100 किलो की खिचड़ी पकाई जाएगी. जिसमें 100 किलो देशी घी, 4000 लीटर पानी. 600 किलो चावल, 300 किलो दाल, 100 किलो हरी सब्जियां डाली जाएगी. इस बनाने के लिए 14-14 फीट का तीन (पलटा) करछुला का स्तेमाल किया जाएगा. इस महाप्रसाद खिचड़ी को 21 शिवभक्त बना कर तैयार करेंगे. जिसके बाद इस महाप्रसाद को शिव भक्तों में वितरित किया जाएगा. फिर यह रिकार्ड एशिया बुक ऑफ रिकार्ड के पन्नो में दर्ज हो जाएगा.
विशाल कढ़ाई में बनेगा महाप्रसाद: आप को बता दें कि रीवा के पचमठा आश्रम में महाशिवरात्रि के दिन विशाल भंडारा होने जा रहा है. इस भंडारे में 1100 किलों के कड़ाही में 5100 किलों खिचड़ी बनेंगी. पचमठा आश्रम में परिसर में बनने जा रहे 5100 किलो के महाप्रसाद का कवरेज एशिया बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम करेगी. इससे पहले का रिकॉर्ड 3000 किलों का प्रसाद बनाए का है, लेकिन अबकी बार 5100 किलों खिचड़ी महाप्रसाद बनाना अपने आप में अकल्पनिय और अविश्वनीय है.
इतने दिन में तैयार हुई कढ़ाई और करछुला: 1100 किलो की वाली लोहे की कढ़ाई और 14-14 फीट के तीन (पलटा) करछुला को बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के कानपुर व आगरा के कारीगरों बुलाया गया था. इस महा कढ़ाई और करछुला को बने में 15 दिन से भी ज्यादा लगे. इसे बनाने 51 कारीगरों के द्वारा तैयार किया गया. इस महा कढ़ाई की ऊंचाई 5.50 फीट है और इसकी गहराई 8 फीट है, जबकि इसकी चौड़ाई 11 फीट के आसपास है. इस कढ़ाई को बने के लिए सबसे पहले 10 मजदूरों ने मिलकर गड्ढानुमा भट्टी बने का कार्य किया.
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विशाल भंडारे का आयोजन: बीहर नदी के किनारे बने भगवान शिव की प्राचीन मंदिर को पचमठा नाथ के नाम से जाना जाता है. इसके अलावा इसी प्रांगण में यहां पर दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर के अलावा अन्य मंदिर भी स्थापित है. बताया जाता है कि, यहां पर पिछले 40 सालो से महाशिवरात्री के पर्व पर सोभा यात्रा निकली जाती है. साथ ही पचमठा नाथ आश्रम में विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है जहां आप लाखो की तादात में श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर भगवान भोलेनाथ का प्रसाद का ग्रहण करते है.
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ऐसे निकलेगी शिव बारात: महाशिवरात्रि के पर्व पर रीवा में शिव बारात आयोजन समिति की ओर से भव्य शोभा यात्रा निकलेगी. बारात में हाथी घोड़े और ऊंट के आलावा शिव बारात में भक्त भूत पिसाच का वेश धारण कर नाचते थिरकते शहर में निकलेंगे.