राजगढ़। मौजूदा वक्त में महिला सशक्तिकरण की बात हर क्षेत्र में जोर पकड़ रही है. बात अगर सियासत की करें तो यहां भी महिलाओं का दखल दिखने लगा है. लेकिन, राजगढ़ ऐसा लोकसभा क्षेत्र है, जहां से कभी भी कोई महिला लोकसभा नहीं पहुंची. इसकी इकलौती वजह ये है कि महिला सशक्तिकरण की पैरवी करने वाले राजनीतिक दलों ने कभी किसी महिला को टिकट ही नहीं दिया.
महिलाओं को टिकट नहीं दिये जाने पर राजगढ़ कांग्रेस की पूर्व जिला अध्यक्ष मानती हैं कि राजनीति दलों को लगता है कि अगर महिलाएं लोकसभा पहुंचेंगी तो नेताओं का दबदबा कम होगा, इसलिये महिलाओं को टिकट नहीं दिया जाता, जबकि बीजेपी की जिला मंत्री डॉक्टर अनीता दुबे कहती हैं कि महिलाओं के प्रति क्षेत्र के लोगों की मानसिकता ठीक हुई है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि आने वाले चुनाव में राजगढ़ का प्रतिनिधित्व महिलाओं के हाथ में होगा.
महिलाओं पर राजनीतिक दलों का विश्वास नहीं होने पर राजनीतिक जानकार महिलाओं का राजनीति में सक्रिय नहीं होना मुख्य वजह मानते हैं. जानकार दावा करते हैं कि राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के आठों विधानसभा क्षेत्रों में महिलाएं राजनीति के लिहाज से जागरूक ही नहीं हैं.
ऐसा नहीं हैं कि मध्यप्रदेश की महिलाओं का राजनीति में दखल नहीं है. सुमित्रा महाजन, उमा भारती जैसी दिग्गज नेताओं ने राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी राजनीति में अपना लोहा मनवाया है, लेकिन राजगढ़ की जनता और यहां की महिलाओं के लिये ये अफसोस की बात है कि यहां से राजनीतिक दलों ने अब तक किसी महिला को लोकसभा जाने का मौका नहीं दिया. ईटीवी भारत मध्यप्रदेश