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कलेक्ट्रेट बना कूड़ादान, प्लास्टिक, शराब की बोतल और तबांकू से रंगीन परिसर - Single use plastic

रतलाम कलेक्ट्रेट परिसर के कोन- कोने में तंबाकू और पान के धब्बे बने हुए हैं. कलेक्ट्रेट भवन के गेट के बाहर ही कूड़े का ढ़ेर लगा हुआ है. यहां तक की असामाजिक तत्व कलेक्ट्रेट परिसर में ही शराब का सेवन भी कर रहे हैं.

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कलेक्ट्रेट का कोना-कोना कूड़ादान
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Published : Dec 8, 2019, 10:13 AM IST

Updated : Dec 8, 2019, 12:53 PM IST

रतलाम। देशभर के शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर स्वच्छता अभियान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, लेकिन रतलाम के कलेक्ट्रेट भवन की हालत देखकर लगता है कि यहां स्वच्छता से दूर-दूर तक सरोकार नहीं है. साल 2018 में करोड़ों रुपये की लागत से बनकर तैयार हुए नवीन कलेक्ट्रेट भवन में गंदगी का अंबार लगा हुआ है.

कलेक्ट्रेट बना कूड़ादान


रतलाम कलेक्ट्रेट परिसर में सफाई व्यवस्था प्राइवेट ठेके पर दी गई थी, लेकिन सफाई ठेकेदार द्वारा बीच में ही काम बंद कर दिया गया. उसके बाद पिछले 15 दिनों से कलेक्ट्रेट परिसर में सफाई व्यवस्था ठप पड़ी हुई है. कलेक्ट्रेट परिसर के गेट और पिछले हिस्से में बड़ी मात्रा में कूड़े का ढेर लग गया है. यहां तक कि सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग बंद किए जाने के बाद भी कलेक्ट्रेट परिसर में धड़ल्ले से सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग किया जा रहा है.


गौरतलब है कि पिछले महीने ही रतलाम कलेक्टर रुचिका चौहान ने स्वास्थ्य और पुलिस विभाग के साथ बैठक कर सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू का प्रयोग करने वालों पर जुर्माना लगाने के आदेश जारी किये थे और कलेक्ट्रेट भवन में धूम्रपान और तंबाकू के सेवन पर जुर्माना वसूले जाने के नोटिस चस्पा किए गए थे. लेकिन कलेक्ट्रेट भवन में ही कलेक्टर के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

रतलाम। देशभर के शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर स्वच्छता अभियान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, लेकिन रतलाम के कलेक्ट्रेट भवन की हालत देखकर लगता है कि यहां स्वच्छता से दूर-दूर तक सरोकार नहीं है. साल 2018 में करोड़ों रुपये की लागत से बनकर तैयार हुए नवीन कलेक्ट्रेट भवन में गंदगी का अंबार लगा हुआ है.

कलेक्ट्रेट बना कूड़ादान


रतलाम कलेक्ट्रेट परिसर में सफाई व्यवस्था प्राइवेट ठेके पर दी गई थी, लेकिन सफाई ठेकेदार द्वारा बीच में ही काम बंद कर दिया गया. उसके बाद पिछले 15 दिनों से कलेक्ट्रेट परिसर में सफाई व्यवस्था ठप पड़ी हुई है. कलेक्ट्रेट परिसर के गेट और पिछले हिस्से में बड़ी मात्रा में कूड़े का ढेर लग गया है. यहां तक कि सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग बंद किए जाने के बाद भी कलेक्ट्रेट परिसर में धड़ल्ले से सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग किया जा रहा है.


गौरतलब है कि पिछले महीने ही रतलाम कलेक्टर रुचिका चौहान ने स्वास्थ्य और पुलिस विभाग के साथ बैठक कर सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू का प्रयोग करने वालों पर जुर्माना लगाने के आदेश जारी किये थे और कलेक्ट्रेट भवन में धूम्रपान और तंबाकू के सेवन पर जुर्माना वसूले जाने के नोटिस चस्पा किए गए थे. लेकिन कलेक्ट्रेट भवन में ही कलेक्टर के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

Intro:देशभर के शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर स्वच्छता अभियान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जिसमें रतलाम शहर में भी स्वच्छता अभियान जोर-शोर से चलाया जा रहा है लेकिन रतलाम के कलेक्ट्रेट भवन की हालत देखकर लगता है कि यहां स्वच्छता है कि इसका स्वच्छता से दूर-दूर तक सरोकार नहीं है. यहां वर्ष 2018 में करोड़ो रुपये की लागत से बनकर तैयार हुए नवीन कलेक्ट्रेट भवन मैं गंदगी का अंबार लगा हुआ है. कलेक्ट्रेट भवन के गेट के बाहर ही कूड़े का ढेर लगा हुआ है तो वही कलेक्ट्रेट भवन के कोने-कोने में पान और तंबाकू के धब्बे लगे हुए हैं .खास बात यह भी है कि कलेक्ट्रेट में आने वाले आगंतुकों के अलावा कलेक्ट्रेट भवन के कर्मचारी ही इस कृत्य में शामिल है।




Body:दरअसल रतलाम कलेक्ट्रेट परिसर में सफाई व्यवस्था प्राइवेट ठेके पर दी गई थी. लेकिन सफाई ठेकेदार द्वारा बीच में ही काम बंद कर दिया गया जिसके बाद पिछले 15 दिनों से कलेक्ट्रेट परिसर में सफाई व्यवस्था ठप पड़ी हुई है. कलेक्ट्रेट परिसर के गेट और पिछले हिस्से में बड़ी मात्रा में कूड़े का ढेर लग गया है. यहां तक कि सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग बंद किए जाने के बाद भी कलेक्ट्रेट परिसर में धड़ल्ले से सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग किया जा रहा है. गौरतलब है कि पिछले महीने ही रतलाम कलेक्टर रुचिका चौहान ने स्वास्थ्य और पुलिस विभाग के साथ बैठक कर सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू का प्रयोग करने वालों पर जुर्माना लगाने के आदेश जारी किये थे और कलेक्ट्रेट भवन में धूम्रपान और तंबाकू के सेवन पर जुर्माना वसूले जाने के नोटिस चस्पा किए गए थे. लेकिन कलेक्ट्रेट भवन में ही कलेक्टर के आदेश का मखौल उड़ता दिखाई दे रहा है जहां कलेक्ट्रेट परिसर के कोने कोने में तंबाकू और पान के धब्बे बने हुए हैं. वहीं कुछ असामाजिक तत्व कलेक्ट्रेट परिसर में ही शराब का सेवन भी कर रहे हैं.




Conclusion:
बहरहाल जब जिले के प्रशासनिक भवन में ही स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रही है तो बाकी जगहों पर इस अभियान की क्या स्थिति होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

WT-01_ दिव्यराज सिंह राठौर (संवाददाता रतलाम)
Last Updated : Dec 8, 2019, 12:53 PM IST
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