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रतलाम के ट्रीमेन का कमाल, बंजर पहाड़ी पर उगा दिए आम के 3 हजार पौधे - ratlam

रतलाम के नौगांवा गांव में भैरुलाल धाकड़ ने अपने मजबूत इरादों से अकेले ही बंजर पहाड़ी पर 3 हजार से अधिक आम के पेड़ उगा दिए हैं.

रतलाम के ट्रीमेन का कमाल
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Published : Jun 15, 2019, 9:29 PM IST

रतलाम| रतलाम के नौगांवा गांव में रहने वाले भैरुलाल धाकड़ को मालवा क्षेत्र में ट्रीमेन के नाम से जाना जाता है. भैरुलाल धाकड़ ने अपने मजबूत इरादों से अकेले ही बंजर पहाड़ी पर 3 हजार से अधिक आम के पेड़ उगा दिए हैं. करीब 7 सालों से इस मुश्किल मिशन को पुरा करने में लगे भेरुलाल अकेले ही बंजर पहाड़ी पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं.

रतलाम के ट्रीमेन का कमाल
  • भैरुलाल धाकड़ महाराष्ट्र के जलगांव काम करने गए थे, जहां उन्होंने पहाड़ियों को हरा-भरा देखा और लौटे आए की गांव की बंजर पहाड़ी को भी हरा भरा बनाने में जुट गए.
  • मालवा के ट्रीमैन भैरुलाल धाकड़ ने जिम्मा उठाया, एक बंजर पहाड़ी को पेड़-पौधों से श्रृंगारित करने और पर्यावरण को खुशहाल बनाने का.
  • भैरुलाल पिछले 7 सालों में इस पहाड़ी पर 3000 आम के पौधे लगा चुके हैं और शुरुआत में लगाए गए आम के पेड़ों से अब फल भी मिलने लगे हैं.
  • भैरुलाल हर बार गर्मियों में पहाड़ी पर गड्डे खोदते हैं और बारिश होने पर उनमें आम की गुठलियां डाल देते हैं.
  • आम के पौधे के लिए भैरुलाल गांव में डोर टू डोर आम की गुठलियां इकट्ठा करते है.
  • ट्रीमेन भैरुलाल की कड़ी मेहनत और नतीजे देखकर उनका परिवार और गांव वाले भी अब उनके काम में सहयोग दे रहे हैं.
  • पर्यावरण के लिए किए जा रहे इस प्रयास को अब प्रशासन की सराहना और मदद भी मिलने लगी है.
  • जिला कलेक्टर ने पहाड़ी का दौरा कर भैरुलाल को वृक्षारोपण के लिए भूमि आवंटन और पौधों की व्यव्स्था करवाने का आश्वासन दिया है.
  • भैरुलाल का कहना है की उनका लक्ष्य पूरी पहाड़ी पर 5 हजार आम के पेड़ लगाने का है.

रतलाम| रतलाम के नौगांवा गांव में रहने वाले भैरुलाल धाकड़ को मालवा क्षेत्र में ट्रीमेन के नाम से जाना जाता है. भैरुलाल धाकड़ ने अपने मजबूत इरादों से अकेले ही बंजर पहाड़ी पर 3 हजार से अधिक आम के पेड़ उगा दिए हैं. करीब 7 सालों से इस मुश्किल मिशन को पुरा करने में लगे भेरुलाल अकेले ही बंजर पहाड़ी पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं.

रतलाम के ट्रीमेन का कमाल
  • भैरुलाल धाकड़ महाराष्ट्र के जलगांव काम करने गए थे, जहां उन्होंने पहाड़ियों को हरा-भरा देखा और लौटे आए की गांव की बंजर पहाड़ी को भी हरा भरा बनाने में जुट गए.
  • मालवा के ट्रीमैन भैरुलाल धाकड़ ने जिम्मा उठाया, एक बंजर पहाड़ी को पेड़-पौधों से श्रृंगारित करने और पर्यावरण को खुशहाल बनाने का.
  • भैरुलाल पिछले 7 सालों में इस पहाड़ी पर 3000 आम के पौधे लगा चुके हैं और शुरुआत में लगाए गए आम के पेड़ों से अब फल भी मिलने लगे हैं.
  • भैरुलाल हर बार गर्मियों में पहाड़ी पर गड्डे खोदते हैं और बारिश होने पर उनमें आम की गुठलियां डाल देते हैं.
  • आम के पौधे के लिए भैरुलाल गांव में डोर टू डोर आम की गुठलियां इकट्ठा करते है.
  • ट्रीमेन भैरुलाल की कड़ी मेहनत और नतीजे देखकर उनका परिवार और गांव वाले भी अब उनके काम में सहयोग दे रहे हैं.
  • पर्यावरण के लिए किए जा रहे इस प्रयास को अब प्रशासन की सराहना और मदद भी मिलने लगी है.
  • जिला कलेक्टर ने पहाड़ी का दौरा कर भैरुलाल को वृक्षारोपण के लिए भूमि आवंटन और पौधों की व्यव्स्था करवाने का आश्वासन दिया है.
  • भैरुलाल का कहना है की उनका लक्ष्य पूरी पहाड़ी पर 5 हजार आम के पेड़ लगाने का है.
Intro:माउंटेनमैन दशरथ माझी और पेडमैन ए मुरुगनाथम के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा लेकिन मध्य प्रदेश के ट्रीमेन के बारे में कम ही लोग जानते है। जी हां मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के नौगांवा गाँव में रहते हैं मध्य प्रदेश के ट्रीमैन जो माउंटेनमैन और पेडमैन की तरह ही जिद्दी और इरादों के पक्के हैं। रतलाम के नौगाँवा गाँव में रहने वाले भैरोलाल धाकड़ जो मालवा क्षेत्र में ट्रीमेन के नाम से जाने जाते हैं।भैरुलाल धाकड़ ने अपने मजबूत इरादों से अकेले ही बंजर पहाड़ी पर 3000 से अधिक आम के पेड़ उगा दिए है।


Body:मालवा के ट्रीमैन भेरुलाल धाकड़ ने जिम्मा उठाया है एक बंजर पहाड़ी को पेड़-पौधों से श्रंगारित करने और पर्यावरण को खुशहाल बनाने का। करीब 7 वर्षो से इस मुश्किल मिशन को पुरा करने मे लगे भेरुलाल अकेले ही बंजर पहाड़ी पर कड़ी मेहनत कर रहे है। भेरुलाल अब तक इस पहाड़ी पर 3000 आम के पौधे लगा चुके हैं और शुरुआत में लगाए गए आम के पेड़ों से अब फल भी मिलने लगे हैं। दरअसल भेरुलाल धाकड़ महाराष्ट्र के जलगाँव काम करने गये गये थे जहाँ पहाड़ियों को हरा-भरा देखा और प्रेरणा लेकर लौटे की गांव की बंजर पहाड़ी को भी हरा भरा बनाना है और अकेले ही इस मिशन में जुट गए जो अब तक अनवरत जारी है। भेरुलाल हर बार गर्मियों में पहाड़ी पर गड्डे खोदते हैं और बारिश होने पर उनमें आम की गुठलियाँ लगाते हैं। खासबात यह है कि आम के पौधे के लिए भेरुलाल गाँव में डोर टू डोर आम की गुठलिया इकट्ठा करते है।


Conclusion:ट्रीमेन भेरुलाल की अथक मेहनत और नतीजे देखकर उनका परिवार और गांव वाले भी अब उनके कार्य में सहयोग दे रहे हैं पर्यावरण के लिए किये जा रहे इस भागीरथी प्रयास को अब प्रशासन की सराहना और मदद भी मिलने लगी है।जिला कलेक्टर ने पहाड़ी का दौरा कर भेरुलाल को वृक्षारोपण के लिये भूमि आवंटन और पौधो की व्यव्स्था करवाने आश्वासन दिया है।भेरुलाल का कहना है की उनका लक्ष्य पूरी पहाड़ी पर 5000 आम के पेड़ लगाने का है खास बात यह भी है कि भेरुलाल इन पेड़ों पर लगे फल गांव के बच्चों और लोगों में निशुल्क वितरित कर रहे हैं।


पीटीसी-01-दिव्यराज सिंह (संवाददाता)
बाईट-01&2&3-भेरुलाल धाकड़
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