राजगढ़। मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में जहां 19 जनवरी को ब्यावरा शहर में नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर जागरूक नागरिक मंच ने उसके समर्थन में रैली निकाली थी, उसी दौरान प्रशासन ने ब्यावरा और समस्त जिले में धारा 144 लागू कर रखी थी.
वहीं इसके बाद भी कार्यकर्ताओं द्वारा रैली निकाली गई, जिसके चलते कलेक्टर और कार्यकर्ताओं के बीच में झड़प हो गई थी. जिसके बाद 22 जनवरी को भाजपा के कई वरिष्ठ नेता अपने कार्यकर्ताओं के समर्थन में और जिला प्रशासन के खिलाफ ब्यावरा शहर पहुंचे थे.
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सिद्ध हो चुका है कि राजगढ़ कलेक्टर ने अपनी सीमा लांघ कर पहले तो संसद में बने कानून का समर्थन कर रहे कार्यकर्ताओं पर थप्पड़ बरसाये और इसके साथ ही एक एएसआई को भी थप्पड़ मारा!
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कमलनाथ जी से मेरा सवाल है कि क्या अब भी इन्हें बचाया जाएगा या फिर इन पर कार्रवाई की जायेगी? #MP_मांगे_जवाब pic.twitter.com/CJffk179CX
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कमलनाथ जी से मेरा सवाल है कि क्या अब भी इन्हें बचाया जाएगा या फिर इन पर कार्रवाई की जायेगी? #MP_मांगे_जवाब pic.twitter.com/CJffk179CXसिद्ध हो चुका है कि राजगढ़ कलेक्टर ने अपनी सीमा लांघ कर पहले तो संसद में बने कानून का समर्थन कर रहे कार्यकर्ताओं पर थप्पड़ बरसाये और इसके साथ ही एक एएसआई को भी थप्पड़ मारा!
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कमलनाथ जी से मेरा सवाल है कि क्या अब भी इन्हें बचाया जाएगा या फिर इन पर कार्रवाई की जायेगी? #MP_मांगे_जवाब pic.twitter.com/CJffk179CX
वहीं इसी दौरान जहां जिला कलेक्टर पर एक पुलिस विभाग के एएसआई को थप्पड़ मारने के आरोप लगा था, इसको लेकर जहां डीजीपी वीके सिंह ने गृह विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर यह जानकारी दी थी.
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन ने बुधवार को कलेक्टर पर विधि सम्मत कार्रवाई करने की बात कही है ,वहीं इसी को लेकर जहां पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया है कि " सिद्ध हो चुका है कि राजगढ़ कलेक्टर ने अपनी सीमा लांग कर पहले तो संसद में बने कानून का समर्थन कर रहे कार्यकर्ताओं पर थप्पड़ बरसाए और इसके साथ ही एक एएसआई को थप्पड़ मारा, कमलनाथ जी से मेरा सवाल है कि क्या अब भी इन्हें बचाया जाएगा या फिर इन पर कार्रवाई की जाएगी".