पन्ना। समूचे देश के हिन्दू धर्म के मान्यता अनुसार पितृ पक्ष शुरू हो गया है. जिसमे लोग अपने पूर्वजों उद्धार के लिए तर्पण करते है. इसी प्रकार पन्ना में भी लोग अपने पूर्वजों की आत्मा के मोक्ष की प्राप्ति के लिए तर्पण करने पन्ना के धरम सागर तालाब में पहुंच रहे हैं. मंदिरों की नगरी पन्ना में इंसानों के साथ-साथ भगवान जुगलकिशोर सरकार भी अपने पूर्वजों के लिए सफेद वस्त्र धारण कर 16 दिनों तक तर्पण करते हैं. एक मान्यता के अनुसार यह परंपरा भी राजा कर्ण के समय से चली आ रही है. (Hindu pitra paksha) (Panna Gods jugal kishore)
हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष का महत्व: मान्यता है कि पितृ पक्ष में पूर्वज अपने परिजनो के नजदीक आते हैं और उनके द्धारा दिया गया दान और किये गये कर्म पूर्वजों को सीधे प्राप्त होते हैं, वे अपने वंशजो को आशीर्वाद देते है. इस कारण से पितृ पक्ष में अपने वंशजो को याद कर तर्पण किया जाता है. पितृ पक्ष हिन्दू पंचाग केअनुसार भाद्र मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से प्रारम्भ होकर अश्विन मास की अमावस्या तक 16 तिथियों मे पूर्ण होता है.(MP News ) (pitra paksha tarpan)
Pitru Paksha And Shradh जानिए क्या है पितृपक्ष का महत्व, जिनकी हुई हो अकाल मृत्यु तो कब करें श्राद्ध
यहां भगवान भी करते हैं तर्पण: पन्ना का जुगल किशोर जी मंदिर बुदेलखंड का एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान भी तर्पण करते है. पुरानी मान्यता है कि पन्ना के जुगल किशोर भगवान बकायदा सफेद वस्त्र मे अपने पूर्वजों का तर्पण करते है. ये मनोहारी दर्शन साल मे सिर्फ एक ही बार होता है. 15 दिनो तक लोगो के साथ परदनिया और गमछा लगाकर पितरो का तर्पण करते हैं . पुजारी कहते हैं कि ये बहुत पुरानी परम्परा है और अब भगवान 15 दिन तक इसी स्वरूप मे लोगो को दर्शन देंगे. साथ मे राधा जी ने भी सफेद साड़ी पहनी है. भगवान तर्पण इसलिये करते है क्योकि पन्ना के लोग धन्य धान से परिपूर्ण रहें. लोग कहते हैं कि भगवान जब तर्पण करते हैं तो अपने पूर्वजों का सभी लोगो को तर्पण करना चाहिये. (Panna Jugal Kishore Mandir)