पन्ना। एशिया की एकमात्र हीरा खदान एनएमडीसी प्रबंधन के द्वारा मझगवां से निकले 8 हजार 337 कैरेट हीरों की नीलामी 50 करोड़ से अधिक कीमत पर हुई है. यह अब तक की एक बार में हुई सबसे बड़ी नीलामी बताई जा रही है. प्रति कैरेट के लिए भी उच्चतम कीमत मिली. ऑनलाइन नीलामी में देश के बड़े-बड़े व्यापारी शामिल हुए और बोली लगाई. दुनिया में हीरे के लिए प्रसिद्ध पन्ना जिले के मझगवां में एशिया की एकमात्र हीरा खदान है, जिसे NMDC कई वर्षों से चला रहा है. यहां से निकलने वाले हीरों की नीलामी राष्ट्रीय स्तर पर की जाती है.
8 लाख कैरेट के हीरे निकाले जाना बाकी
मझगवां खदान वन व पर्यावरणीय मुद्दों के चलते क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण दो साल से बंद है. 2020 से पहले यहां से निकले 8 हजार 337 कैरेट हीरो ंकी नीलामी 7 व 8 मार्च को हुई थी. इनका प्रदर्शन फरवरी में हुआ था. एनएमडीसी मुख्यालय हैदराबाद के मुताबिक नीलामी में मुंबई सूरत व पन्ना के कारोबारियों का अच्छा रिस्पांस मिला. मझगवां खदान की हीरा उत्पादन क्षमता सालाना 84 हजार कैरेट के करीब है. अब तक 13 लख कैरेट के हीरे यहां से निकाले गए हैं, जबकि 8 लाख कैरेट के हीरे निकाले जाना बाकी है.
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दो साल से ठप था कारोबार
हीरा कारोबारियों का मानना है कि कोरोना काल में 2 साल तक बाजार ठप थे. राष्ट्रीय मार्केट में हीरों की कमी हो गई थी, लेकिन अब बाजार खुलने से मांग बढ़ी है. देश में 90% हीरा पन्ना का होता है. हाल ही में उथली हीरा खदानों से मिले हीरो की प्रशासन ने नीलामी कराई थी. इसमें 26.11 कैरेट का बड़ा भी रखा गया था. इसकी रिकॉर्ड 6.22 लाख रुपये प्रति कैरेट से बोली लगी और 1.62 करोड़ में नीलामी हुई.
(Biggest auction of diamonds in panna) (8337 carat diamonds auctioned for 50 crores)