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नीमच:कोरोना के कहर के बीच प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों से जमकर लूट!

जिले में एक और युवक की मौत कोरोना से हो गई. युवक के परिजनों ने प्राइवेट हॉस्पिटल पर मौत के बाद भी रुपए वसूलने का आरोप लगाया और शासकीय अस्‍पताल में अव्‍यवस्‍थाओं पर सवाल उठाए. परिजनों ने हॉस्पिटल में ऑक्सीजन ना मिलने का भी आरोप लगाया.

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Published : Apr 18, 2021, 3:41 PM IST

negligence of the hospital
हॉस्पिटल की लापरवाही

नीमच। जिले में कोरोना संक्रमण से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. रोजाना कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं. इसके अलावा मौतों के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल इस हालत में भी मरीजों को ज्यादा बिल थमा कर इलाज के नाम पर वसूली करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं.

हॉस्पिटल की लापरवाही
  • प्राइवेट हॉस्पिटल पर लाखों रुपए वसूलने का आरोप

शनिवार देर रात जिला चिकित्‍सालय में एक 32 वर्षीय कोरोना संक्रमित युवक की मौत हो गई. इसके बाद मृतक के परिजनों ने जिला चिकित्‍सालय में हंगामा खड़ा कर दिया. परिजनों ने एक प्राइवेट हॉस्पिटल पर आरोप लगाए हैं. उन्‍होंने बताया कि इलाज के नाम पर उन्‍हें गुमराह किया गया. परिजनों ने बताया कि केयरवेल हॉस्पिटल ने पिछले 5 दिन में उनसे ड़ेढ लाख रुपए वसूले और आखिर में मरीज की हालत ज्‍यादा खराब होने के बाद उसे जिला चिकित्‍सालय भेज दिया. परिजनों ने जिला अस्पताल पर भी देखदेख में लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि सही इलाज ना मिलने से उनके बेटे की मौत हो गई. मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जिला चिकित्‍सालय में हंगामा करते हुए डॉक्‍टरों के पैनल से मृतक का पीएम करवाने की मांग की.

ग्रेटर कैलाश अस्पताल की बड़ी लापरवाही, महू के कोरोना मरीज का शव खंडवा के लोगों को सौंपा

  • युवक की मौत के बाद हॉस्पिटल में हंगामा‌

जानकारी के अनुसार सदाराम बंजारा ने 5 दिन पहले उनके पुत्र को केयरवेल हॉस्पिटल में भर्ती करवाया था. सदाराम ने बताया कि डॉक्‍टर पाटीदार ने उन्‍हें 5 दिन तक इलाज करने के नाम पर गुमराह किया.5 दिन बाद उनके पुत्र की तबीयत अचानक बिगड़ी, तो उसे सरकारी हॉस्‍पिटल के लिए रैफर कर दिया जहां शनिवार रात करीब 9.30 बजे उनके बेटे की मौत हो गई.

  • कलेक्टर से शिकायत के बाद लगाया गया ऑक्सीजन

परिजनों के हंगामे के बाद स्थिति बिगड़ती देख पुलिस को सूचना दी गई. जिसके बाद पुलिस को परिजनों ने आपबीती सुनाई. उनकी मांग डॉक्‍टरों के पैनल से पीएम कराने की थी. मृतक के पिता ने बताया कि डॉक्टरों ने उनके बेटे को सांस लेने में हो रही तकलीफ के बावजूद ऑक्सीजन हटा दी थी. जिसके बाद परिजनों ने कलेक्टर से ऑक्‍सीजन हटाने की शिकायत की. शिकायत के बाद फिर से मनोहर को ऑक्‍सीजन लगा दी गई. इसके बाद मनोहर ने रात करीब 9 बजे परिजनों से ज्‍यूस मांगा. परिजन ज्‍यूस लेकर आए तो वहां मौजूद कंपाउंडर ने उन्‍हें बताया कि उनके बेटे की मौत हो चुकी है. यह सुनकर परिजनों ने अस्‍पताल में हंगामा कर दिया.

नीमच। जिले में कोरोना संक्रमण से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. रोजाना कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं. इसके अलावा मौतों के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल इस हालत में भी मरीजों को ज्यादा बिल थमा कर इलाज के नाम पर वसूली करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं.

हॉस्पिटल की लापरवाही
  • प्राइवेट हॉस्पिटल पर लाखों रुपए वसूलने का आरोप

शनिवार देर रात जिला चिकित्‍सालय में एक 32 वर्षीय कोरोना संक्रमित युवक की मौत हो गई. इसके बाद मृतक के परिजनों ने जिला चिकित्‍सालय में हंगामा खड़ा कर दिया. परिजनों ने एक प्राइवेट हॉस्पिटल पर आरोप लगाए हैं. उन्‍होंने बताया कि इलाज के नाम पर उन्‍हें गुमराह किया गया. परिजनों ने बताया कि केयरवेल हॉस्पिटल ने पिछले 5 दिन में उनसे ड़ेढ लाख रुपए वसूले और आखिर में मरीज की हालत ज्‍यादा खराब होने के बाद उसे जिला चिकित्‍सालय भेज दिया. परिजनों ने जिला अस्पताल पर भी देखदेख में लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि सही इलाज ना मिलने से उनके बेटे की मौत हो गई. मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जिला चिकित्‍सालय में हंगामा करते हुए डॉक्‍टरों के पैनल से मृतक का पीएम करवाने की मांग की.

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  • युवक की मौत के बाद हॉस्पिटल में हंगामा‌

जानकारी के अनुसार सदाराम बंजारा ने 5 दिन पहले उनके पुत्र को केयरवेल हॉस्पिटल में भर्ती करवाया था. सदाराम ने बताया कि डॉक्‍टर पाटीदार ने उन्‍हें 5 दिन तक इलाज करने के नाम पर गुमराह किया.5 दिन बाद उनके पुत्र की तबीयत अचानक बिगड़ी, तो उसे सरकारी हॉस्‍पिटल के लिए रैफर कर दिया जहां शनिवार रात करीब 9.30 बजे उनके बेटे की मौत हो गई.

  • कलेक्टर से शिकायत के बाद लगाया गया ऑक्सीजन

परिजनों के हंगामे के बाद स्थिति बिगड़ती देख पुलिस को सूचना दी गई. जिसके बाद पुलिस को परिजनों ने आपबीती सुनाई. उनकी मांग डॉक्‍टरों के पैनल से पीएम कराने की थी. मृतक के पिता ने बताया कि डॉक्टरों ने उनके बेटे को सांस लेने में हो रही तकलीफ के बावजूद ऑक्सीजन हटा दी थी. जिसके बाद परिजनों ने कलेक्टर से ऑक्‍सीजन हटाने की शिकायत की. शिकायत के बाद फिर से मनोहर को ऑक्‍सीजन लगा दी गई. इसके बाद मनोहर ने रात करीब 9 बजे परिजनों से ज्‍यूस मांगा. परिजन ज्‍यूस लेकर आए तो वहां मौजूद कंपाउंडर ने उन्‍हें बताया कि उनके बेटे की मौत हो चुकी है. यह सुनकर परिजनों ने अस्‍पताल में हंगामा कर दिया.

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