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धर्म के मार्ग पर अटल रहना ही भगवान कृष्ण की शिक्षाः स्वरूपानंद सरस्वती

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने नरसिंहपुर के परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई. इस दौरान उन्होंने लोगों को धर्म के मार्ग पर चलने की शिक्षा भी दी.

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शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती
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Published : Aug 12, 2020, 3:50 PM IST

नरसिंहपुर। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर में जन्माष्टमी का पर्व मनाया. इस मौके पर त्रिपुर सुंदरी का कृष्ण कन्हैया की वेशभूषा में श्रृंगार किया गया. इसके अलावा राधा कृष्ण मंदिर में शंकराचार्य ने विशेष पूजन-अर्चन किया.

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती

इस मौके पर उन्होंने आश्रम में भगवान कृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया और जीवन में धर्म मार्ग पर चलने की शिक्षा दी. उन्होंने बताया कि जो अधर्म के रास्ते पर चल रहे हैं, उनका एक दिन विनाश निश्चित है. जो अभी सुखी दिखाई देख रहा है, ये सब सुख उनका फांसी पर चढ़ने वाले मुजरिम जैसा है. जिसकी अंतिम इच्छा से पहले उसे खूब खिलाया पिलाया जाता है.

वैसे ही भगवान की तरफ से किया जाता है. ये लोगों को समझना चाहिए कि धर्म के मार्ग पर अटल रहना है. भगवान श्रीकृष्ण के अवतार की शिक्षा भी यही है.

नरसिंहपुर। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर में जन्माष्टमी का पर्व मनाया. इस मौके पर त्रिपुर सुंदरी का कृष्ण कन्हैया की वेशभूषा में श्रृंगार किया गया. इसके अलावा राधा कृष्ण मंदिर में शंकराचार्य ने विशेष पूजन-अर्चन किया.

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती

इस मौके पर उन्होंने आश्रम में भगवान कृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया और जीवन में धर्म मार्ग पर चलने की शिक्षा दी. उन्होंने बताया कि जो अधर्म के रास्ते पर चल रहे हैं, उनका एक दिन विनाश निश्चित है. जो अभी सुखी दिखाई देख रहा है, ये सब सुख उनका फांसी पर चढ़ने वाले मुजरिम जैसा है. जिसकी अंतिम इच्छा से पहले उसे खूब खिलाया पिलाया जाता है.

वैसे ही भगवान की तरफ से किया जाता है. ये लोगों को समझना चाहिए कि धर्म के मार्ग पर अटल रहना है. भगवान श्रीकृष्ण के अवतार की शिक्षा भी यही है.

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