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सरकारी जमीन पर होगा गौशाला का निर्माण, हजार गायों को रखने की होगी क्षमता

जिले में गौशाला परियोजना समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक में गौशाला निर्माण का फैसला किया गया. गौशाला का निर्माण शासकीय जमीन पर किया जाएगा. जिसमें 500 से हजार गायों को रखने की क्षमता होगी.

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Published : Feb 24, 2021, 7:28 PM IST

gaushala will be constructed in narsinghpur
जिले में होगा गौशाला का निर्माण

नरसिंहपुर। जिला स्तरीय गौशाला परियोजना समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक में शासकीय जमीन पर गौशाला बनाने की बात कलेक्टर ने की. गौशाला का निर्माण मनरेगा और विभिन्न शासकीय योजनाओं के तहत किया जाएगा. गौशाला निर्माण के तहत 500 से एक हजार गौवंश को रखा जाएगा.

  • गौशाला में एक हजार गौवंश को मिलेगा आसरा

बैठक में शासकीय भूमि पर गौशाला बनाने का निर्णय लिया गया. गौशाला का निर्माण मनरेगा और विभिन्न शासकीय योजनाओं के तहत किया जाएगा. गौशाला में 500 से एक हजार तक गौवंश को रखा जाएगा. बैठक में फैसला किया गया कि गौशाला का संचालन खुद के ही संसाधनों से होगा. आत्मनिर्भर बनाने के लिए गौशाला में केंचुआ खाद, गौकाष्ठ, गोबर के कंडे, अगरबत्ती का निर्माण किया जाएगा. भूमि पर चारा और बांस उत्पादन किया जाएगा. आमदनी बढ़ाने के लिए बांस, खमेर, मुनगा (सहजन) के पौधों का रोपण कर बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाएगा.

  • गिर और मालवीय नस्ल की गायों का होगा पालन

गौशाला की आमदनी बढ़ाने के लिए गिर और मालवीय नस्ल की गायों का पालन किया जाएगा. गौशाला में पीएचई द्वारा दो ट्यूबवेल निर्माण किया जाएगा. पानी की उपलब्धता बनाये रखने के लिए नाले पर एक चेक डैम, स्टाप डैम का निर्माण किया जाएगा. मछली पालन का संचालन किया जाएगा. गौशाला का संचालन बहोरीपार के 5 स्थानीय सक्रिय स्वसहायता समूहों द्वारा होगा. गौशाला के कार्यों की मॉनिटरिंग प्रबंधक के रूप में कार्यपालन यंत्री करेंगे. गौशाला के निर्माण से 50 से 100 स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा. सीईओ जिला पंचायत भार्गव ने वर्ष 2019- 20 की 28 गौशालाओं के संचालन और वर्ष 2020- 21 की निर्माणाधीन 58 गौशालाओं के बारे में जानकारी दी.

नरसिंहपुर। जिला स्तरीय गौशाला परियोजना समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक में शासकीय जमीन पर गौशाला बनाने की बात कलेक्टर ने की. गौशाला का निर्माण मनरेगा और विभिन्न शासकीय योजनाओं के तहत किया जाएगा. गौशाला निर्माण के तहत 500 से एक हजार गौवंश को रखा जाएगा.

  • गौशाला में एक हजार गौवंश को मिलेगा आसरा

बैठक में शासकीय भूमि पर गौशाला बनाने का निर्णय लिया गया. गौशाला का निर्माण मनरेगा और विभिन्न शासकीय योजनाओं के तहत किया जाएगा. गौशाला में 500 से एक हजार तक गौवंश को रखा जाएगा. बैठक में फैसला किया गया कि गौशाला का संचालन खुद के ही संसाधनों से होगा. आत्मनिर्भर बनाने के लिए गौशाला में केंचुआ खाद, गौकाष्ठ, गोबर के कंडे, अगरबत्ती का निर्माण किया जाएगा. भूमि पर चारा और बांस उत्पादन किया जाएगा. आमदनी बढ़ाने के लिए बांस, खमेर, मुनगा (सहजन) के पौधों का रोपण कर बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाएगा.

  • गिर और मालवीय नस्ल की गायों का होगा पालन

गौशाला की आमदनी बढ़ाने के लिए गिर और मालवीय नस्ल की गायों का पालन किया जाएगा. गौशाला में पीएचई द्वारा दो ट्यूबवेल निर्माण किया जाएगा. पानी की उपलब्धता बनाये रखने के लिए नाले पर एक चेक डैम, स्टाप डैम का निर्माण किया जाएगा. मछली पालन का संचालन किया जाएगा. गौशाला का संचालन बहोरीपार के 5 स्थानीय सक्रिय स्वसहायता समूहों द्वारा होगा. गौशाला के कार्यों की मॉनिटरिंग प्रबंधक के रूप में कार्यपालन यंत्री करेंगे. गौशाला के निर्माण से 50 से 100 स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा. सीईओ जिला पंचायत भार्गव ने वर्ष 2019- 20 की 28 गौशालाओं के संचालन और वर्ष 2020- 21 की निर्माणाधीन 58 गौशालाओं के बारे में जानकारी दी.

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