मुरैना। बाल संप्रेक्षण गृह के शौचालय की खिड़की निकालकर भागे 8 अपचारी बालकों के मामले में महिला बाल विकास विभाग ने जवाब मांगा है. बाल संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक बृजराज शर्मा सहित चार कर्मचारियों को नोटिस थमाया गया है. जिस समय बालक भागे, उस समय आप लोग कहां पर थे. जिला महिला एवं बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी ने तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है. निर्धारित समय में जवाब नहीं मिलने पर संबंधितों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी. सिटी कोतवाली थाना पुलिस ने बालकों के परिजनों से चर्चा करके कई जगह दबिश दी, लेकिन अभी तक उनका कहीं कोई सुराग नहीं मिला है.
जानिए क्या है पूरा मामला: जानकारी के अनुसार, मुरैना शहर की नैनागढ़ रोड स्थित बाल सम्प्रेषण गृह से 8 बाल अपचारी बालक दीवाल तोड़कर फरार हो गए. भागने वाले बाल अपचारी बालकों में 4 भिंड और 4 मुरैना जिले के रहने वाले बताए गए हैं. सभी बाल अपचारी बालक हत्या व दुष्कर्म के मामले में पिछले डेढ़ साल से बंद थे. बाल अपचारी बालक को पकड़ने के लिए पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रही है. सूत्रों के अनुसार बाल अपचारी बालकों के भागने की मुख्य वजह दिन में गार्ड की व्यवस्था नहीं होना है. 4 महीने पहले बाल सम्प्रेषण गृह में होम गार्ड के जवानों की तैनाती हुई थी. होम गार्ड के जवान दिन-रात बाल सम्प्रेषण गृह में रहकर बाल अपचारी बालक पर सतत नजर रखते थे.
11 कर्मचारियों के लिए पोस्ट सेशन, लेकिन कर्मचारी सिर्फ चार: मुरैना बाल संप्रेषण गृह में 11 कर्मचारियों के लिए पोस्ट सेशन है, लेकिन यहां पर सिर्फ 4 कर्मचारी ही पदस्थ हैं. इनमें से एक बाल सम्प्रेषण गृह के अधीक्षक है. इसके अलावा एक अकाउंटेंट, एक चपरासी और एक अन्य कर्मचारी है. बाल सम्प्रेषण गृह को चलाने के साथ ही बाल अपराधियों की देखरेख का पूरा जिम्मा भी इन्हीं कर्मचारियों के कंधों पर है. जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी महेंद्र अंब का कहना है कि, बाल संप्रेषण गृह से 8 बाल अपराधी फरार होने के मामले में अधीक्षक सहित 4 कर्मचारियों को नोटिस जारी किए गए है. निर्धारित समय में जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.
13 साल में भाग चुके हैं 37 बालक: बाल संप्रेक्षण गृह के देखरेख का पूरी तरह से महिला बाल विकास विभाग का जिम्मा है. सुरक्षा में हर बार बड़ी चूक के चलते अपचारी बालक फरार हो जाते हैं. पिछले 13 साल में गृह से 37 बच्चे फरार हो चुके हैं. वारदात के बाद भी विभागीय अधिकारी सतर्क नहीं रहते इसलिए वारदात की पुनरावृत्ति हो रही हैं. बाल संप्रेक्षण गृह से भागे आठ अपचारी बालकों के मामले में अधीक्षक समेत चार कर्मचारियों को नोटिस देकर जवाब मांगा है. वहीं एसएएफ के चार जवान तैनात हैं, लेकिन उनको अंदर जाने की अनुमति नहीं हैं. अंदर के लिए चार होमगार्ड की डिमांड पूर्व में की जा चुक है, मिले नहीं हैं.
कब कितने बच्चे भागे
- 2011 में दीवार फांदकर तीन बच्चे भागे
- 28-29 अगस्त 2016 की दरम्यानी रात को शौचालय की दीवार तोड़कर पांच बच्चे फरार हुए.
- 19 सितंबर 2016 को भी एक बच्चे ने भागने का प्रयास किया.
- 29-30 अक्टूबर 2018 की दरम्यानी रात को छह बच्चे दीवार तोड़कर भागे.
- 27 अप्रैल 2019 को दो बच्चे रोशनदान निकाल कर भागे.
- 25 जून 2019 की रात नौ बजे तीन बच्चे गार्ड की आंखों में मिर्ची झोंककर भाग गए.
- 20 नवंबर 2021 को दोपहर पौने बारह बजे मुख्य दरवाजे से गार्ड को झांसा देकर चार बच्चे फरार हो गए.
- 02 जुलाई 2023 को शौचालय की खिडकी निकालकर शाम साढ़े चार बजे आठ अपचारी बालक फरार हो गए.