मुरैना। जिले में सुबह ही कोरोना मरीज के मिलने की सूचना पोरसा में पदस्थ ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दी थी. जिसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया और तत्काल दल गठित कर पोरसा भेजा गया. जहां मरीज के परिजन और ग्रामीणों सहित सभी के टेंपरेचर की जांच की गई एवं कोरोना के लक्षणों की जानकारी ली गई. तब जाकर स्थिति स्पष्ट हुई.
पोरसा में पदस्थ डॉक्टर के द्वारा कोरोना के मरीज पाए जाने की जानकारी को प्रशासन ने गंभीरता से लिया और तत्काल पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम गठित कर राजस्व टीम के निर्देशन में भेजा गया. वहां संबंधित पेशेंट के परिजनों सहित आसपास संपर्क में रहने वाले सभी के स्वास्थ्य परीक्षण किए गए, तो पता चला कि डॉक्टर रघुराज सिंह द्वारा जिस मरीज की बात की गई थी, वो अंबा में इलाज के बाद लाभ ना होने पर आगरा में एडमिट कराया गया था और आगरा से उसे जयपुर ले जाया गया. जहां उसका इलाज चल रहा है. मुरैना के अधिकारियों ने आगरा और जयपुर के डॉक्टर्स से भी उसकी जानकारी मांगी है, ताकि कोरोना होने पर उसे या उसके परिजनों को आइसोलेशन की सुविधा मुहैया कराई जा सके.
अभी जिले में किसी भी कोरोना के मरीज की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन मुरैना जिले में लगभग आधा दर्जन से अधिक कोरोना के लक्षण वाले संदिग्ध मरीज चयनित किए जा चुके हैं. जिन्हें उन्हीं के घरों में आइसोलेशन वार्ड बनाकर रखा गया है. जिससे स्वास्थ्य होम आइसोलेशन नाम दिया है.