ETV Bharat / state

मंदसौर: 24 सालों बाद लबालब भरा लामगरा जलाशय, स्थानीय लोगों के लिए साबित हो रहा वरदान

मंदसौर जिले में मानसून के आगमन पर ही हर साल लामगरा जलाशय सूख जाता था और लोगों को पानी के लिए भारी समस्याओं का समाना करना पड़ता था, लेकिन पिछले साल हुई भारी बारिश के चलते इस साल जल स्तर में गिरावट नहीं आई. मंदसौर तहसील का सबसे बड़ा लामगरा जलाशय 24 सालों बाद इस साल मई-जून की भीषण गर्मी में भी लबालब भरा हुआ है.

after-24-years-the-lamagara-reservoir-is-filled-in
24 सालों बाद लबालब भरा लामगरा जलाशय
author img

By

Published : Jun 1, 2020, 11:22 PM IST

Updated : Jun 5, 2020, 4:44 PM IST

मंदसौर। जिले में अच्छे मानसून के कारण पिछले साल भारी तबाही हुई थी, जिसकी वजह से कई आशियाने और फसलें बर्बाद हो गई थी. लेकिन भारी बारिश का एक अच्छा असर भी हुआ और वो ये कि 24 सालों बाद मई-जून की गर्मी में भी लामगरा जलाशय में पानी की कमी नहीं हुई है. आमतौर पर इस सीजन में लोगों को पानी की कमी से जूझना पड़ता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुई. इलाके में किसी भी तरह से पानी की कोई समस्या नहीं है. मंदसौर तहसील का सबसे बड़ा लामगरा जलाशय 24 सालों बाद, इस साल मई-जून की भीषण गर्मी में भी लबालब भरा हुआ है. सालों बाद इस जलाशय में जमा हुए पानी से पूरे इलाके का जल स्तर बढ़ गया है और यहां के लोग गर्मी की सीजन में भी हरी-भरी फसलें पैदा कर रहे हैं.

24 सालों बाद लबालब भरा लामगरा जलाशय

तीन दशकों से सूख जाता था जलाशय

राजस्व रिकॉर्ड के नक्शे पर मौजूद लामगरा जलाशय का एरिया करीब साढ़े 7 वर्ग किलोमीटर का है. मालवा इलाके में पिछले तीन दशकों से मानसूनी बरसात की कमी के कारण लामगरा जलाशय पूरी तरह सूख गया था. इसकी तलहटी में जमी काली मिट्टी की उपजाऊ गाद को किसानों ने ट्रालियां भर-भर कर अपने खेतों में बिखेरना शुरू कर दिया था. हर साल गर्मी के सीजन में 20 -22 सालों से चल रहे तालाब गहरीकरण के काम की वजह से इस विशाल तालाब की गहराई भी दुगनी हो गई.

गर्मी के सीजन में किसान उगा रहे हरी सब्जियां

पिछले साल अगस्त और सितंबर के दौरान हुई भारी बरसात से सूखा पड़ा ये तालाब पूरी तरह लबालब भर गया और 9 महीने बाद आज भी इसका जल स्तर उतना ही बना हुआ है. इस तालाब में जमा पानी की वजह से पूरे इलाके के कुएं और ट्यूबवेल के जल स्तर में भी अब बढ़ोतरी हो गई है. यही वजह है कि, आसपास के किसानों ने अब गर्मी के सीजन में हरे चारे और सब्जियों के अलावा फलों की खेती भी शुरू कर दी है. पहले उपजाऊ मिट्टी और अब गर्मी के सीजन में भरपूर पानी मिलने से इलाके के किसान भी काफी खुश हैं.

सांसद सुधीर गुप्ता ने लोगों का किया धन्यवाद

इस तालाब के सूखने के बाद इसकी उपजाऊ मिट्टी चार जिलों के किसान यहां से ले जा रहे थे, लेकिन खनिज विभाग और राजस्व अधिकारियों की आपत्ती से वर्ष 2017 में गहरीकरण का काम कुछ दिनों के लिए बंद हो गया था. लिहाजा किसानों ने मिट्टी की मांग को लेकर यहां आंदोलन भी किया. ऐसे में सांसद सुधीर गुप्ता की पहल पर दोबारा शुरू हुए तालाब गहरीकरण से उसका काम पूरा हुआ है. अब तालाब लबालब भरे होने से सांसद सुधीर गुप्ता ने भी इसके गहरीकरण में की गई जनभागीदारी के लिए लोगों का धन्यवाद अदा किया है.

लामगरा जलाशय में इस साल भरपूर पानी

पिछले दो दशकों से अपने अंचल की उपजाऊ मिट्टी देकर इलाके की जमीन को आबाद करने वाले लामगरा जलाशय में इस साल भरपूर पानी भरा हुआ है. पहले मिट्टी की उपलब्धता और अब पानी की कमी दूर होने से, ये धरोहर यहां के लोगों के लिए अब वरदान साबित हो रही है.

मंदसौर। जिले में अच्छे मानसून के कारण पिछले साल भारी तबाही हुई थी, जिसकी वजह से कई आशियाने और फसलें बर्बाद हो गई थी. लेकिन भारी बारिश का एक अच्छा असर भी हुआ और वो ये कि 24 सालों बाद मई-जून की गर्मी में भी लामगरा जलाशय में पानी की कमी नहीं हुई है. आमतौर पर इस सीजन में लोगों को पानी की कमी से जूझना पड़ता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुई. इलाके में किसी भी तरह से पानी की कोई समस्या नहीं है. मंदसौर तहसील का सबसे बड़ा लामगरा जलाशय 24 सालों बाद, इस साल मई-जून की भीषण गर्मी में भी लबालब भरा हुआ है. सालों बाद इस जलाशय में जमा हुए पानी से पूरे इलाके का जल स्तर बढ़ गया है और यहां के लोग गर्मी की सीजन में भी हरी-भरी फसलें पैदा कर रहे हैं.

24 सालों बाद लबालब भरा लामगरा जलाशय

तीन दशकों से सूख जाता था जलाशय

राजस्व रिकॉर्ड के नक्शे पर मौजूद लामगरा जलाशय का एरिया करीब साढ़े 7 वर्ग किलोमीटर का है. मालवा इलाके में पिछले तीन दशकों से मानसूनी बरसात की कमी के कारण लामगरा जलाशय पूरी तरह सूख गया था. इसकी तलहटी में जमी काली मिट्टी की उपजाऊ गाद को किसानों ने ट्रालियां भर-भर कर अपने खेतों में बिखेरना शुरू कर दिया था. हर साल गर्मी के सीजन में 20 -22 सालों से चल रहे तालाब गहरीकरण के काम की वजह से इस विशाल तालाब की गहराई भी दुगनी हो गई.

गर्मी के सीजन में किसान उगा रहे हरी सब्जियां

पिछले साल अगस्त और सितंबर के दौरान हुई भारी बरसात से सूखा पड़ा ये तालाब पूरी तरह लबालब भर गया और 9 महीने बाद आज भी इसका जल स्तर उतना ही बना हुआ है. इस तालाब में जमा पानी की वजह से पूरे इलाके के कुएं और ट्यूबवेल के जल स्तर में भी अब बढ़ोतरी हो गई है. यही वजह है कि, आसपास के किसानों ने अब गर्मी के सीजन में हरे चारे और सब्जियों के अलावा फलों की खेती भी शुरू कर दी है. पहले उपजाऊ मिट्टी और अब गर्मी के सीजन में भरपूर पानी मिलने से इलाके के किसान भी काफी खुश हैं.

सांसद सुधीर गुप्ता ने लोगों का किया धन्यवाद

इस तालाब के सूखने के बाद इसकी उपजाऊ मिट्टी चार जिलों के किसान यहां से ले जा रहे थे, लेकिन खनिज विभाग और राजस्व अधिकारियों की आपत्ती से वर्ष 2017 में गहरीकरण का काम कुछ दिनों के लिए बंद हो गया था. लिहाजा किसानों ने मिट्टी की मांग को लेकर यहां आंदोलन भी किया. ऐसे में सांसद सुधीर गुप्ता की पहल पर दोबारा शुरू हुए तालाब गहरीकरण से उसका काम पूरा हुआ है. अब तालाब लबालब भरे होने से सांसद सुधीर गुप्ता ने भी इसके गहरीकरण में की गई जनभागीदारी के लिए लोगों का धन्यवाद अदा किया है.

लामगरा जलाशय में इस साल भरपूर पानी

पिछले दो दशकों से अपने अंचल की उपजाऊ मिट्टी देकर इलाके की जमीन को आबाद करने वाले लामगरा जलाशय में इस साल भरपूर पानी भरा हुआ है. पहले मिट्टी की उपलब्धता और अब पानी की कमी दूर होने से, ये धरोहर यहां के लोगों के लिए अब वरदान साबित हो रही है.

Last Updated : Jun 5, 2020, 4:44 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.