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सड़कों के सिंकदर बने आवारा मवेशी, नगर पालिका बनी अनजान

मंडला में इन दिनों लोग आवारा मवेशियों से परेशान हैं. शहर के भीड़ और मुख्य जगहों पर मवेशियों के बैठने से आवाजाही में परेशानी होती है. मवेशियों के चलते आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं. नगर पालिका और पुलिस प्रशासन मामले को लेकर अनजान बने हुए हैं.

Stray cattle affected traffic
मवेशियों से यातायात प्रभावित
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Published : Jul 10, 2020, 7:07 PM IST

Updated : Jul 10, 2020, 7:38 PM IST

मंडला । शहर में इन दिनों सड़क पर आवारा मवेशियों का जमावड़ा देखा जा रहा है, जो सड़क के सिकंदर समझकर जहां मर्जी वहां बैठकर आराम से जुगाली करते रहते हैं. इन मवेशियों की जब मर्जी होती है, बीच सड़क पर टहलने लगते हैं, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इनसे नर्मदा का बड़ा पुल भी नहीं बचा जो मंडला को अन्य जिलों या प्रदेश से जोड़ता है.

मवेशियों से यातायात प्रभावित

हर जगह मौजूद आवारा मवेशी

बाजार, सड़क, चौक चौराहा हो या फिर नर्मदा का बड़ा पुल ये मवेशी हर जगह यातायात में बाधा पहुंचाते हैं. बढ़ी तादात में ये मवेशी सड़क को घेर लेते हैं, जिससे वाहनों की आवाजाही में रुकावट पैदा होती है. बिना हॉर्न के कोई भी वाहन नहीं निकल सकता है. यातायात प्रभारी लोहित शेंडे का कहना है कि वे लॉकडाउन के नियमों का पालन कराने में लगे हुए हैं.

शिंडे ने कहा कि वे मवेशियों के मामले को लेकर अधिकारियों से बात कर रहे हैं, साथ ही नगर पालिका से भी चर्चा कर प्लान तैयार करने में जुटे हैं, जल्द ही परेशानी को दूर कर दिया जाएगा. मवेशियों की वजह से पहले भी कई हादसे हो चुके हैं और आगे भी आशंका हो सकती है, लेकिन नगर पालिका की तरफ से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, ऐसे में यातायात विभाग की परेशानी और बढ़ गई है.

मालिकों को नहीं नगर पालिका का डर

नगर पालिका पशु मालिकों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता है. मवेशियों को कांजी हाउस और गो शालाओं में नहीं भेजा जाता है. पशुओं के मालिकों से जुर्माना भी नहीं वसूला जाता, ऐसे में बेखौफ पशु मालिक अपने मवेशियों को छोड़ देते हैं. यदि जल्द इन आवारा मवेशियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो किसी बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता है. खास तौर पर रात के समय बरसात के मौसम में हादसे की आशंका और भी बढ़ जाती है.

मंडला । शहर में इन दिनों सड़क पर आवारा मवेशियों का जमावड़ा देखा जा रहा है, जो सड़क के सिकंदर समझकर जहां मर्जी वहां बैठकर आराम से जुगाली करते रहते हैं. इन मवेशियों की जब मर्जी होती है, बीच सड़क पर टहलने लगते हैं, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इनसे नर्मदा का बड़ा पुल भी नहीं बचा जो मंडला को अन्य जिलों या प्रदेश से जोड़ता है.

मवेशियों से यातायात प्रभावित

हर जगह मौजूद आवारा मवेशी

बाजार, सड़क, चौक चौराहा हो या फिर नर्मदा का बड़ा पुल ये मवेशी हर जगह यातायात में बाधा पहुंचाते हैं. बढ़ी तादात में ये मवेशी सड़क को घेर लेते हैं, जिससे वाहनों की आवाजाही में रुकावट पैदा होती है. बिना हॉर्न के कोई भी वाहन नहीं निकल सकता है. यातायात प्रभारी लोहित शेंडे का कहना है कि वे लॉकडाउन के नियमों का पालन कराने में लगे हुए हैं.

शिंडे ने कहा कि वे मवेशियों के मामले को लेकर अधिकारियों से बात कर रहे हैं, साथ ही नगर पालिका से भी चर्चा कर प्लान तैयार करने में जुटे हैं, जल्द ही परेशानी को दूर कर दिया जाएगा. मवेशियों की वजह से पहले भी कई हादसे हो चुके हैं और आगे भी आशंका हो सकती है, लेकिन नगर पालिका की तरफ से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, ऐसे में यातायात विभाग की परेशानी और बढ़ गई है.

मालिकों को नहीं नगर पालिका का डर

नगर पालिका पशु मालिकों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता है. मवेशियों को कांजी हाउस और गो शालाओं में नहीं भेजा जाता है. पशुओं के मालिकों से जुर्माना भी नहीं वसूला जाता, ऐसे में बेखौफ पशु मालिक अपने मवेशियों को छोड़ देते हैं. यदि जल्द इन आवारा मवेशियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो किसी बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता है. खास तौर पर रात के समय बरसात के मौसम में हादसे की आशंका और भी बढ़ जाती है.

Last Updated : Jul 10, 2020, 7:38 PM IST
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