मण्डला। टिड्डियों का दल प्रदेश के कई जिलों में प्रवेश कर चुका है. होशंगाबाद के बाद जबलपुर, सिवनी और मंडला में भी टिड्डी दल के आक्रमण का खतरा मंडरा रहा है. जिसे देखते हुए जिला कलेक्टर डॉ. जगदीश चंद्र जटिया ने अलर्ट जारी कर जरूरी उपाय बताकर टिड्डियों को भगाने की सलाह दी है. वहीं निगरानी के लिए विकासखंड स्तर पर दल भी बनाए गए हैं.
कलेक्टर के अनुसार टिड्डी दल सीमावर्ती इलाकों में टिड्डी दल का प्रवेश हो सकता है. जिस कारण जिले में प्रवेश होने की पूर्ण आशंका दिखाई दे रही है. टिड्डी दल द्वारा बहुतायत मात्रा में फसलों या वनस्पतियों पर बैठकर नुकसान पहुंचाया जाता है, जिसके नियंत्रण के लिए आवश्यक है कि पहले से तैयारियां रखी जाएं.
मण्डला कलेक्टर ने जिले के सभी विकासखंड के लिए टिड्डियों की निगरानी रखने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं. जिससे कि टिड्डियों के हमले से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकें और इन्हें जल्द से जल्द भगाने के भी इंतजाम किए जा सकें.
टिड्डी दल से बचने के उपाय
टिड्डी दल के हमले से नजदीकी स्थान पर सूचना अनुसार पूर्व से ही ध्वनि विस्तारक यंत्र जैसे ढोलक, मांदल, डीजे, ट्रैक्टर का साइलेंसर निकालकर आवाज करना, खाली टीन के डिब्बे इत्यादि स्थानीय स्तर पर तैयार रखें. जिससे कि सामूहिक प्रयासों से ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग किए जाने से टिड्डी दल नीचे ना आकर फसलों और वनस्पति पर ना बैठते हुए आगे निकल जाएं.
टिड्डी का हमला
टिड्डियां दल बना कर हमला करती हैं और महज कुछ मिनट में ही किसी भी खेत की पूरी फसल चौपट कर जाती हैं. एक दल में एक से डेढ़ लाख या उससे ज्यादा टिड्डी हो सकती हैं और दूसरे प्रदेश में हुए सर्वे के अनुसार एक टिड्डी दल एक दिन में 2 हजार 500 इंसानों, आठ से दस हाथियों के भोजन के बराबर अनाज को नुकसान पहुंचा देता है.