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मंडला: खुद के गढ़ को नहीं बचा सके फग्गन सिंह कुलस्ते, जीतकर भी 'हारे'

बीजेपी प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते ने कमल सिंह मरावी को भले ही शिकस्त दे दी हो, लेकिन वह खुद के गृहक्षेत्र में कांग्रेस की सेंधमारी को रोकने में असफल रहे. पढ़ें पूरी खबर..

फग्गन सिंह कुलस्ते
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Published : May 24, 2019, 2:11 PM IST

मंडला। मंडला लोकसभा सीट पर फतेह हासिल करने वाले बीजेपी के आदिवासी नेता फग्गन सिंह कुलस्ते 6वीं बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले नेताओं में शामिल हो गए हैं. उन्होंने कमल सिंह मरावी को भले ही शिकस्त दी हो, लेकिन वह खुद के गृहक्षेत्र में कांग्रेस की सेंधमारी को रोकने में असफल रहे.

खुद के गढ़ को नहीं बचा सके फग्गन सिंह कुलस्ते

इस बार जिले के 8 विधानसभा क्षेत्रों में से 5 पर कुलस्ते का करिश्मा नहीं चल पाया. सिर्फ 3 क्षेत्रों में मिली लीड ने उन्हें एक बार फिर संसद पहुंचने का मौका दिया है. मंडला सीट से छठवीं बार संसद पहुंचने वाले कुलस्ते को केवलारी, गोटेगांव और मंडला विधानसभा क्षेत्र में लीड नहीं मिलती तो उनकी हार तय थी, क्योंकि निवास, बिछिया और लखनादौन, डिंडौरी और शाहपुरा में कांग्रेस प्रत्याशी को उनसे ज्यादा वोट मिले हैं.

निवास विधानसभा क्षेत्र में फग्गन सिंह कुलस्ते बीजेपी के कमल सिंह मरावी से 3744 वोटों से पीछे रहे. बिछिया में 22,825, लखनादौन में 1106, डिंडौरी में 18,245 शाहपुरा में 8955 मतों से पीछे रहे. हालांकि केवलारी से उन्हें 51,904 गोटेगांव 45,736 के अलावा मंडला में भी 54,228 की अच्छी लीड मिली, जिससे उनकी जीत सुनिश्चित हो पायी.

तीनों विधानसभा क्षेत्रों को जोड़ा जाए तो कुलस्ते को यहां से 1 लाख 51 हजार 868 की लीड मिली, जबकि पांच अन्य विधानसभा क्षेत्रों में वह 54 हजार 875 वोट से कांग्रेस प्रत्याशी कमल सिंह मरावी से पीछे रहे. कुलस्ते को 97 हजार 674 वोटों से जीत मिली. माना ये भी जा रहा है कि उनकी जीत में मोदी लहर का भी प्रभाव रहा है.

मंडला। मंडला लोकसभा सीट पर फतेह हासिल करने वाले बीजेपी के आदिवासी नेता फग्गन सिंह कुलस्ते 6वीं बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले नेताओं में शामिल हो गए हैं. उन्होंने कमल सिंह मरावी को भले ही शिकस्त दी हो, लेकिन वह खुद के गृहक्षेत्र में कांग्रेस की सेंधमारी को रोकने में असफल रहे.

खुद के गढ़ को नहीं बचा सके फग्गन सिंह कुलस्ते

इस बार जिले के 8 विधानसभा क्षेत्रों में से 5 पर कुलस्ते का करिश्मा नहीं चल पाया. सिर्फ 3 क्षेत्रों में मिली लीड ने उन्हें एक बार फिर संसद पहुंचने का मौका दिया है. मंडला सीट से छठवीं बार संसद पहुंचने वाले कुलस्ते को केवलारी, गोटेगांव और मंडला विधानसभा क्षेत्र में लीड नहीं मिलती तो उनकी हार तय थी, क्योंकि निवास, बिछिया और लखनादौन, डिंडौरी और शाहपुरा में कांग्रेस प्रत्याशी को उनसे ज्यादा वोट मिले हैं.

निवास विधानसभा क्षेत्र में फग्गन सिंह कुलस्ते बीजेपी के कमल सिंह मरावी से 3744 वोटों से पीछे रहे. बिछिया में 22,825, लखनादौन में 1106, डिंडौरी में 18,245 शाहपुरा में 8955 मतों से पीछे रहे. हालांकि केवलारी से उन्हें 51,904 गोटेगांव 45,736 के अलावा मंडला में भी 54,228 की अच्छी लीड मिली, जिससे उनकी जीत सुनिश्चित हो पायी.

तीनों विधानसभा क्षेत्रों को जोड़ा जाए तो कुलस्ते को यहां से 1 लाख 51 हजार 868 की लीड मिली, जबकि पांच अन्य विधानसभा क्षेत्रों में वह 54 हजार 875 वोट से कांग्रेस प्रत्याशी कमल सिंह मरावी से पीछे रहे. कुलस्ते को 97 हजार 674 वोटों से जीत मिली. माना ये भी जा रहा है कि उनकी जीत में मोदी लहर का भी प्रभाव रहा है.

Intro:पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते वैसे तो छटवीं बार चुनाव जीत गये लेकिन इस जीत पर उन्हें मंथन जरूर करना होगा क्योंकि 8 विधानसभा क्षेत्र में से 5 पर कुलस्ते का करिश्मा नहीं चल पाया सिर्फ तीन विधानसभा क्षेत्र से मिली लीड ने उन्हें फिर से जीतने का मौका दिलाया लेकिन बड़ी बात यह है कि अपने गृह क्षेत्र में ही कुलस्ते कॉंग्रेश की सेंधमारी नहीं रोक पाए


Body:मण्डला लोकसभा क्षेत्र से छठवीं बार जीत का परचम लहराने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते को यदि केवलारी,गोटेगांव और मण्डला विधानसभा से लीड नहीं मिलती तो उनका हारना तय था क्योंकि निवास,बिछिया,लखनादौन, डिंडौरी और शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र में कॉंग्रेश के प्रत्याशी कमल सिंह मरावी से उन्हें हार का सामना करना पड़ा बात करें आंकड़ों की तो निवास जो कुलस्ते का ग्रह क्षेत्र है यहाँ से उन्हें 3744 वोट की हार कॉंग्रेश से मिली,बिछिया में वे कमल सिंह मरावी से 22825,लखनादौन से 1106 वोट से हार,डिंडोरी से फग्गनसिंह 18245 वोट से पिछड़े तो शाहपुरा में कमल सिंह मरावी 8955 वोट से आगे रहे,केवलारी विधानसभा सभा क्षेत्र ने कुलस्ते की लाज रख दी जहाँ से उन्हें 51904 वोट की लीड मिली वहीं मण्डला के मतदाताओं ने भी कुलस्ते का अच्छा साथ दिया और 54228 वोट से कुलस्ते कॉंग्रेश से आगे निकल गए, कुलस्ते के लिए एक बार फिर से गोटेगांव से 45736 वोट के साथ जीत की राह आसान हुई और इन तीन विधानसभा क्षेत्र के वोटों को जोड़ा जाए तो 151868 वोट की लीड कुलस्ते को इन तीन विधानसभा क्षेत्र से मिली,वहीं बाकी की 5 विधानसभा क्षेत्र में कुलस्ते 54875 वोट से कॉंग्रेश प्रत्याशी से पीछे रहे,ऐसे में अगर तीन विधानसभा क्षेत्र की जनता का साथ अगर 2014 के चुनाव के मुकाबले ज्यादा न मिलता तो कुलस्ते का करिश्मा बरकार न रहता और कुलस्ते के लिए 97674 वोटों की जीत मुश्किल होती।


Conclusion:इन चुनावों में कुलस्ते को एंटी इनकम्बेंसी का सामना करना पड़ा और लोकसभा क्षेत्र के आदिवासी मतदाताओं की जहाँ ज्यादा संख्या है उन्ही 5 विधानसभा क्षेत्र में कुलस्ते हारे है बाकी की बची तीन विधानसभा जो शहरी क्षेत्र में आती हैं और यहाँ सामान्य वर्ग के मतदाताओं का साथ कुलस्ते को मिला और वे 6वी बार भाजपा का परचम लहरा पाए।जिसका उन्हें अहसास भी है और वे इन कमियों को दूर करने की बात भी कर रहे हैं

बाईट--फग्गनसिंह कुलस्ते।
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