मंडला। मंडला जिले के सुरहली गांव में रहने वाला एक परिवार ऐसा है, जो पीढ़ियों से अनुवांशिक बीमारी से पीड़ित है, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह जाता है, परिवार के अधिकतर सदस्यों के एक पैर में हमेशा सूजन बनी रहती है, आम तौर पर इस बीमारी को फाइलेरिया कहा जाता है, लेकिन कुछ लोग स्थानीय भाषा में इसे हाथी पांव भी कहते हैं, बैगा जनजाति के इस परिवार की ये बीमारी अब तक लाइलाज बनी हुई है और पीढियों से ये परिवार इस बीमारी का सामना कर रहा है.
परिवार के करीब 6 से ज्यादा सदस्य इस बीमारी से परेशान हैं, बूढ़े हो या बच्चे सभी के पैर हमेशा में हमेशा सूजन बनी रहती है, कई बार तो ये बीमारी शरीर के अन्य हिस्से में भी अपना प्रभाव दिखाने लगती है. पीड़ितों का कहना है कि इस बीमारी से उनकी जिंदगी परेशानियों से घिर गई है, हमेशा शरीर में दर्द होने से वे कोई काम नहीं कर पाते क्योंकि पैर में इतनी सूजन हो जाती है कि वो चल-फिर भी नहीं पाते हैं.
बैगा परिवार की इस बीमारी के चलते सुरहली गांव के अन्य ग्रामीणों भी इसका भय बना रहता है क्योंकि हाथी पांव की ये बीमारी इस परिवार में पीढ़ियों से चली आ रही है, ऐसा नहीं है कि इस परिवार का उपचार नहीं किया गया, जिला अस्पताल मंडला से लेकर जबलपुर तक इस परिवार ने इलाज करवाया, लेकिन ये बीमारी अब तक लाइलाज बनी हुई है.
डॉक्टर गुरुमोहन सिंह ने इस बीमारी के बारे में कहा कि इसे हाथी पांव तो नहीं कहा जा सकता क्योंकि हाथी पांव और फाइलेरिया का इलाज संभव है, लेकिन इस बीमारी से पीड़ितों को निजात नहीं मिल पा रही है. डॉक्टर ने इस बीमारी को हाथी पांव नहीं बल्कि कुछ और बताया है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि इस परिवार की आर्थिक मदद के लिए अब तक प्रशासन ने कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया. हालांकि इस परिवार के लिए ईटीवी भारत की पहल के बाद डॉ गुरुमोहन सिंह ने इस बीमारी के पीड़ितों को जांच और रिसर्च का भरोसा दिलाया है.