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साइबेरियन पक्षियों को किया बेघर, कटे पेड़ पर घंटों बैठी रहे प्रवासी पक्षी - खरगोन न्यूज

खरगोन में विद्युत वितरण कम्पनी ने बिना अनुमति के एक पेड़ को काट दिया, जिसपर इन पक्षियों ने अपना आशियाना बनाया था. पेड़ के कटने से पक्षियों के चूजे मर गए और उनके अंडे भी नष्ट हो गए. वहीं एक मनुष्य की तरह वे भी अपने टूटे आशियानों पर बैठ कर मानव क्रूरता पर आंसू बहा रहे है.

Siberian birds homeless due to tree cutting
साइबेरियन पक्षियों को किया बेघर
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Published : Jul 23, 2020, 4:27 PM IST

खरगोन। निमड़ा का मौसम साइबेरियन पक्षियों के बिडिंग के लिए अनुकूल माना जाता है. बिडिंग के लिए हजारों किलोमीटर का सफर तय कर प्रतिवर्ष हजारों जोड़े निमड़ा में आते है, लेकिन विद्युत वितरण कम्पनी ने बिना अनुमति के एक पेड़ को काट दिया, जिसपर इन पक्षियों ने अपना आशियाना बनाया था. पेड़ के कटने से पक्षियों के चूजे मर गए और उनके अंडे भी नष्ट हो गए. वहीं एक मनुष्य की तरह वे भी अपने टूटे आशियानों पर बैठ कर मानव क्रूरता पर आंसू बहा रहे है.

साइबेरियन पक्षियों को किया बेघर

अपना आशियाना टूटने से जिस प्रकार इंसान रोते है, उसी प्रकार अपने टूटे आशियानों को लेकर साइबेरियन पक्षी भी हताश बैठ है. ऐसा ही कुछ नजारा खरगोन कलेक्टर कार्यालय के गेट पर देखने को मिला. जहां हजारों किलोमीटर का सफर तय कर निमाड़ की धरती पर पहुंच साइबेरियन पक्षी कटे हुए पेड़ पर बैठे रहे.

पक्षी प्रेमी ने की कार्रवाई की मांग

खरगोन के पक्षी प्रेमी संजय परासर ने बताया कि हजारों किलोमीटर का सफर तय कर यहां पक्षी यहां आते है. लेकिन कुछ लोगों ने पेड़ को काट दिया, जिससे पक्षियों के घर उजड़ गए है. साथ ही कई पक्षी मृत भी हो गए है. फारेस्ट विभाग को वन्यप्राणी अधिनियम के तहत दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए.

शिकायत मिलने पर मौका का किया मुआयना

वहीं फारेस्ट के रेंजर रामगोपाल दशोरे ने बताया कि पत्रकार संघ द्वारा शिकायत की गई थी कि कलेक्टोरेट गेट पर अज्ञात लोगों द्वारा पेड़ काट दिया गया है. जिससे पक्षियों की मौत हो गई है. जिस पर हमारी टीम द्वारा मौका मुआयना किया गया. जिसमें पाया गया है कि विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के पेड़ काटा गया है. जिसका पंचनामा बना लिया गया है. रेंजर का कहना है कि वन्यप्राणी अधिनियम के तहत आरोपी पर कार्रवाई की जाएगी.

खरगोन। निमड़ा का मौसम साइबेरियन पक्षियों के बिडिंग के लिए अनुकूल माना जाता है. बिडिंग के लिए हजारों किलोमीटर का सफर तय कर प्रतिवर्ष हजारों जोड़े निमड़ा में आते है, लेकिन विद्युत वितरण कम्पनी ने बिना अनुमति के एक पेड़ को काट दिया, जिसपर इन पक्षियों ने अपना आशियाना बनाया था. पेड़ के कटने से पक्षियों के चूजे मर गए और उनके अंडे भी नष्ट हो गए. वहीं एक मनुष्य की तरह वे भी अपने टूटे आशियानों पर बैठ कर मानव क्रूरता पर आंसू बहा रहे है.

साइबेरियन पक्षियों को किया बेघर

अपना आशियाना टूटने से जिस प्रकार इंसान रोते है, उसी प्रकार अपने टूटे आशियानों को लेकर साइबेरियन पक्षी भी हताश बैठ है. ऐसा ही कुछ नजारा खरगोन कलेक्टर कार्यालय के गेट पर देखने को मिला. जहां हजारों किलोमीटर का सफर तय कर निमाड़ की धरती पर पहुंच साइबेरियन पक्षी कटे हुए पेड़ पर बैठे रहे.

पक्षी प्रेमी ने की कार्रवाई की मांग

खरगोन के पक्षी प्रेमी संजय परासर ने बताया कि हजारों किलोमीटर का सफर तय कर यहां पक्षी यहां आते है. लेकिन कुछ लोगों ने पेड़ को काट दिया, जिससे पक्षियों के घर उजड़ गए है. साथ ही कई पक्षी मृत भी हो गए है. फारेस्ट विभाग को वन्यप्राणी अधिनियम के तहत दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए.

शिकायत मिलने पर मौका का किया मुआयना

वहीं फारेस्ट के रेंजर रामगोपाल दशोरे ने बताया कि पत्रकार संघ द्वारा शिकायत की गई थी कि कलेक्टोरेट गेट पर अज्ञात लोगों द्वारा पेड़ काट दिया गया है. जिससे पक्षियों की मौत हो गई है. जिस पर हमारी टीम द्वारा मौका मुआयना किया गया. जिसमें पाया गया है कि विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के पेड़ काटा गया है. जिसका पंचनामा बना लिया गया है. रेंजर का कहना है कि वन्यप्राणी अधिनियम के तहत आरोपी पर कार्रवाई की जाएगी.

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