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khandwa: पटाखा कारोबारी पर फूटा GST का बम, साढ़े चौबीस लाख का टैक्स जमा किया

खंडवा में दीपावली के पहले पटाखा कारोबारी के यहां जीएसटी का बम फुट गया. करीब तीन दिनों तक चली जीएसटी कार्रवाई में बगैर बिल का ओवर स्टाक और साधारण कागजों पर हिसाब लिखा मिला. ओवर स्टाक मिलने पर शासकीय टैक्स और जुर्माने की राशी 24 लाख 47 हजार रुपये वसूल किए गए, साथ ही साधारण कागजों पर भी हिसाब लिखा हुआ मिला है, इससे जुर्माने की राशी बढ़ने की संभावना है. (khandwa GST Action on Firecracker Trader) (Deposited 24.5 lakhs tax in Khandwa)

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Published : Oct 16, 2022, 12:41 PM IST

खंडवा। पटाखे के कारोबारी कच्चे बिल पर करोड़ों का व्यापार करते हैं. इंदौर कमिश्नर लोकेश कुमार जाटव के निर्देश पर प्रदेश के 16 शहरों में जीएसटी का सर्वे किया जा रहा है. खंडवा जिले में सर्किल की टीम के ग्यारह सदस्यों ने लगातार तीन दिनों तक शहर में इंदौर रोड पर स्थित केसीसी पटाखा सेंटर में जांच की. कार्रवाई में खंडवा, बुरहानपुर और खरगोन के वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों शामिल हुए. तीन दिन तक अधिकारी और कर्मचारियों ने केसीसी फटाखा गोडाउन में रखे सामान और बिलों की जांच की.जांच में बगैर बिल का ओव्हर स्टाक मिला.

पटाखे का कच्चे बिल पर कारोबार: पटाखा व्यवसाय से जुड़े लोगों के अनुसार यह पूरा कारोबार कच्चे बिल पर होता है, कारोबार से जुड़े लोग टैक्स चोरी करने में भी माहिर हैं. बिना आयकर विभाग के वकील खुद के कच्चे रजिस्टर पर हिसाब-किताब रखते हैं. जीएसटी का सर्वे कर रही टीम के अनुसार पटाखे का कारोबार कच्चे बिल पर होता है. इसलिए व्यापारी टैक्स चोरी करते हैं. इसकी एक वजह यह भी है कि पटाखे पर एमआरपी बेचने वाली कीमत से 2 से 3 गुना ज्यादा होती है, और पटाखों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है, ऐसे में जीएसटी बहुत ज्यादा हो जाता है. इसी को बचाने के लिए व्यापारी द्वारा टैक्स चोरी की जाती है. यह फर्म पिछले पंद्रह सालों से इसी तरह कच्चे बिल पर पटाखे का कारोबार कर रही है.

24 लाख 47 हजार रुपये वसूल किए: असिस्टेंट कमिश्नर ज्योति ब्रह्मे व उनकी टीम द्वारा केसीसी फटाखा सेंटर के चारों गोडाउन में स्टाक की जांच कर बिल से मिलान किया. केसीसी पटाखा सेंटर के चारों पार्टनर संजय वर्मा, कुन्दन बजाज, मुकेश चंचलानी और राजकुमार कमनानी के घरों से भी कागजात जब्त किये गए हैं. इस टीम के सदस्य लगातार तीन दिनों तक पटाखा गोडाउन में जांच करते रहे, जो देर रात नियमानुसार वीडियोग्राफी करते हुए गोदाम को सील करते और सुबह होते ही वापस फटाखा गोडाउन में लौटकर जांच करते थे. जांच के दौरान पटाखा कारोबारी ने अपने बचाव के लिए एक आयकर सलाहकार, एक चार्टर्ड एकाउंटेंट और वकीलों की टीम लैपटॉप के साथ गोडाउन के बाहरी हिस्से में बैठा रखी थी.

क्या बोले ज्वाइंट कमिश्नर: संभाग के ज्वाइंट कमिश्नर आरएस बिलवाल ने बताया कि केसीसी पटाखा फर्म के संचालक संजय वर्मा, कुन्दन बजाज, मुकेश चंचलानी और राजकुमार कमनानी से 24 लाख 47 हजार चालीस रुपये टैक्स वसूल किया गया. यह राशि उन्होंने चालान के रूप में जमा की है. साधारण कागजों पर भी हिसाब लिखा हुआ मिला है.
(khandwa GST Action on Firecracker Trader) (Deposited 24.5 lakhs tax in Khandwa)

खंडवा। पटाखे के कारोबारी कच्चे बिल पर करोड़ों का व्यापार करते हैं. इंदौर कमिश्नर लोकेश कुमार जाटव के निर्देश पर प्रदेश के 16 शहरों में जीएसटी का सर्वे किया जा रहा है. खंडवा जिले में सर्किल की टीम के ग्यारह सदस्यों ने लगातार तीन दिनों तक शहर में इंदौर रोड पर स्थित केसीसी पटाखा सेंटर में जांच की. कार्रवाई में खंडवा, बुरहानपुर और खरगोन के वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों शामिल हुए. तीन दिन तक अधिकारी और कर्मचारियों ने केसीसी फटाखा गोडाउन में रखे सामान और बिलों की जांच की.जांच में बगैर बिल का ओव्हर स्टाक मिला.

पटाखे का कच्चे बिल पर कारोबार: पटाखा व्यवसाय से जुड़े लोगों के अनुसार यह पूरा कारोबार कच्चे बिल पर होता है, कारोबार से जुड़े लोग टैक्स चोरी करने में भी माहिर हैं. बिना आयकर विभाग के वकील खुद के कच्चे रजिस्टर पर हिसाब-किताब रखते हैं. जीएसटी का सर्वे कर रही टीम के अनुसार पटाखे का कारोबार कच्चे बिल पर होता है. इसलिए व्यापारी टैक्स चोरी करते हैं. इसकी एक वजह यह भी है कि पटाखे पर एमआरपी बेचने वाली कीमत से 2 से 3 गुना ज्यादा होती है, और पटाखों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है, ऐसे में जीएसटी बहुत ज्यादा हो जाता है. इसी को बचाने के लिए व्यापारी द्वारा टैक्स चोरी की जाती है. यह फर्म पिछले पंद्रह सालों से इसी तरह कच्चे बिल पर पटाखे का कारोबार कर रही है.

24 लाख 47 हजार रुपये वसूल किए: असिस्टेंट कमिश्नर ज्योति ब्रह्मे व उनकी टीम द्वारा केसीसी फटाखा सेंटर के चारों गोडाउन में स्टाक की जांच कर बिल से मिलान किया. केसीसी पटाखा सेंटर के चारों पार्टनर संजय वर्मा, कुन्दन बजाज, मुकेश चंचलानी और राजकुमार कमनानी के घरों से भी कागजात जब्त किये गए हैं. इस टीम के सदस्य लगातार तीन दिनों तक पटाखा गोडाउन में जांच करते रहे, जो देर रात नियमानुसार वीडियोग्राफी करते हुए गोदाम को सील करते और सुबह होते ही वापस फटाखा गोडाउन में लौटकर जांच करते थे. जांच के दौरान पटाखा कारोबारी ने अपने बचाव के लिए एक आयकर सलाहकार, एक चार्टर्ड एकाउंटेंट और वकीलों की टीम लैपटॉप के साथ गोडाउन के बाहरी हिस्से में बैठा रखी थी.

क्या बोले ज्वाइंट कमिश्नर: संभाग के ज्वाइंट कमिश्नर आरएस बिलवाल ने बताया कि केसीसी पटाखा फर्म के संचालक संजय वर्मा, कुन्दन बजाज, मुकेश चंचलानी और राजकुमार कमनानी से 24 लाख 47 हजार चालीस रुपये टैक्स वसूल किया गया. यह राशि उन्होंने चालान के रूप में जमा की है. साधारण कागजों पर भी हिसाब लिखा हुआ मिला है.
(khandwa GST Action on Firecracker Trader) (Deposited 24.5 lakhs tax in Khandwa)

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