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खंडवा: इंजीनियर आत्महत्या मामले में समाज सेविका को क्लीनचिट, हाईकोर्ट ने सभी आरोपों को किया खारिज

शहर में चर्चित रहे इंजीनियर आकाश हल्दानी के आत्महत्या के मामले में मोघट थाने में दर्ज प्रकरण को उच्च न्यायालय जबलपुर ने खारिज कर दिया. उच्च न्यायालय ने इस मामले में शीना नेगी को आरोपों से मुक्त कर दिया है. साथ ही जिला न्यायालय में चल रहे प्रकरण को भी खत्म कर दिया.

Jabalpur High Court
जबलपुर हाईकोर्ट
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Published : Oct 31, 2021, 10:47 AM IST

खंडवा। शहर के बहुचर्चित आत्महत्या के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने शीना नेगी को आरोप मुक्त कर दिया है. दरअसल 2019 ने इंजीनियर आकाश हल्दानी ने आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में परिवारजनों की शिकायत पर मोघट पुलिस ने शहर की समाज सेविका शीना नेगी को आरोपी बनाया था. मामले में सुनवाई पहले जिला कोर्ट में चली. इसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा. हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए मामले को खारिज कर दिया. इस मामले में हाईकोर्ट ने शीना नेगी को आरोप मुक्त कर दिया है.

अधिवक्ता रोचक नागौरी

क्या है पूरा मामला

शीना नेगी के अधिवक्ता रोचक नागौरी ने बताया कि करीब दो साल पहले 9 नवंबर को रात में आकाश हल्दानी की मौत ट्रेन से कटकर हुई थी. इस संबंध में मोघट पुलिस ने मर्ग कायम किया और विवेचना कर शीना नेगी पर घटना के 24 घंटे के अंदर प्रकरण दर्ज कर लिया. उसे गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया.

मीडिया ने भी काफी प्रमुखता से इस मुद्दे को उठाया. पुलिस ने एफआईआर में यह उल्लेख किया था कि दोनों के बीच कुछ प्रेम प्रसंग था. उससे व्यथित होकर शीना नेगी ने आकाश को प्रताड़ित किया जिसके बाद उसने आत्महत्या की. इस मामले में पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया.

बलात्कार के आरोप से वकील बरी, मासूम पर जानलेवा हमला करने वाले आरोपी को सश्रम कारावास

सभी आरोपों से किया मुक्त

अधिवक्ता रोचक नागौरी ने बताया कि इस मामले में हमने न्यायालय के सामने तथ्य पेश किए कि यदि पुलिस की जांच को पुरी तरह से सही भी मान लिया जाए तो भी हमारे खिलाफ धारा 306 का अपराध कायम नहीं होना चाहिए. लोवर कोर्ट जब आर्गुमेंट से सहमत नहीं हुआ, तो इस मामले के विरुद्ध जबलपुर उच्च न्यायालय में डिस्चार्ज याचिका लगाई. जिस पर कोरोना काल के बाद न्यायाधीश संजय द्विवेदी के यहां इस मामले में सुनवाई हुई.

इसके बाद उच्च न्यायालय ने शीना नेगी को संपुर्ण आरोपों से मुक्त किया. प्रकरण को खारिज करते हुए धारा 306 और एससी-एसटी एक्ट की धारा से मुक्त कर दिया. जिला न्यायालय में चल रहे प्रकरण को भी खत्म कर दिया.

HC की रोक के बावजूद स्वीकार कर ली खात्मा रिपोर्ट, कोर्ट ने नोटिस जारी कर JMFC भोपाल से मांगा जवाब

झूठे आरोप में फंसाया था- शीना

प्रकरण खारीज होने पर शीना नेगी ने बताया कि मेरी सामाजिक छवि को खराब करने के उद्देश्य से मुझ पर झूठे आरोप लगा कर मुझे फंसाया गया था. मैंने हमेशा समाज हित में कार्य किया है. मैं किसी के भी साथ गलत नहीं कर सकती. मुझ पर लगाए गए सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद थे. ईश्वर सभी के कर्मों के साक्षी हैं.

खंडवा। शहर के बहुचर्चित आत्महत्या के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने शीना नेगी को आरोप मुक्त कर दिया है. दरअसल 2019 ने इंजीनियर आकाश हल्दानी ने आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में परिवारजनों की शिकायत पर मोघट पुलिस ने शहर की समाज सेविका शीना नेगी को आरोपी बनाया था. मामले में सुनवाई पहले जिला कोर्ट में चली. इसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा. हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए मामले को खारिज कर दिया. इस मामले में हाईकोर्ट ने शीना नेगी को आरोप मुक्त कर दिया है.

अधिवक्ता रोचक नागौरी

क्या है पूरा मामला

शीना नेगी के अधिवक्ता रोचक नागौरी ने बताया कि करीब दो साल पहले 9 नवंबर को रात में आकाश हल्दानी की मौत ट्रेन से कटकर हुई थी. इस संबंध में मोघट पुलिस ने मर्ग कायम किया और विवेचना कर शीना नेगी पर घटना के 24 घंटे के अंदर प्रकरण दर्ज कर लिया. उसे गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया.

मीडिया ने भी काफी प्रमुखता से इस मुद्दे को उठाया. पुलिस ने एफआईआर में यह उल्लेख किया था कि दोनों के बीच कुछ प्रेम प्रसंग था. उससे व्यथित होकर शीना नेगी ने आकाश को प्रताड़ित किया जिसके बाद उसने आत्महत्या की. इस मामले में पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया.

बलात्कार के आरोप से वकील बरी, मासूम पर जानलेवा हमला करने वाले आरोपी को सश्रम कारावास

सभी आरोपों से किया मुक्त

अधिवक्ता रोचक नागौरी ने बताया कि इस मामले में हमने न्यायालय के सामने तथ्य पेश किए कि यदि पुलिस की जांच को पुरी तरह से सही भी मान लिया जाए तो भी हमारे खिलाफ धारा 306 का अपराध कायम नहीं होना चाहिए. लोवर कोर्ट जब आर्गुमेंट से सहमत नहीं हुआ, तो इस मामले के विरुद्ध जबलपुर उच्च न्यायालय में डिस्चार्ज याचिका लगाई. जिस पर कोरोना काल के बाद न्यायाधीश संजय द्विवेदी के यहां इस मामले में सुनवाई हुई.

इसके बाद उच्च न्यायालय ने शीना नेगी को संपुर्ण आरोपों से मुक्त किया. प्रकरण को खारिज करते हुए धारा 306 और एससी-एसटी एक्ट की धारा से मुक्त कर दिया. जिला न्यायालय में चल रहे प्रकरण को भी खत्म कर दिया.

HC की रोक के बावजूद स्वीकार कर ली खात्मा रिपोर्ट, कोर्ट ने नोटिस जारी कर JMFC भोपाल से मांगा जवाब

झूठे आरोप में फंसाया था- शीना

प्रकरण खारीज होने पर शीना नेगी ने बताया कि मेरी सामाजिक छवि को खराब करने के उद्देश्य से मुझ पर झूठे आरोप लगा कर मुझे फंसाया गया था. मैंने हमेशा समाज हित में कार्य किया है. मैं किसी के भी साथ गलत नहीं कर सकती. मुझ पर लगाए गए सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद थे. ईश्वर सभी के कर्मों के साक्षी हैं.

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