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वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस का आयोजन, दुनिया भर से आ रहे हैं जानकार और कलाकार

जबलपुर में रामायण कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें देश विदेश से साहित्यकार और कलाकार हिस्सा लेने आ रहे है. इसका आयोजन 26 जनवरी से 29 जनवरी तक रहेगा.

World Ramayana Conference organized in Jabalpur
वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस का आयोजन
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Published : Jan 5, 2020, 1:21 AM IST

जबलपुर। शहर 26 जनवरी से 29 जनवरी तक राम मय रहेगा. रामायण से जुड़े हुए दुनिया भर के साहित्यकार और कलाकार वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए जबलपुर आ रहे हैं. इस आयोजन में अमेरिका से डेविड फ्राले आ रहे हैं जिन्होंने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया है. इन्होंने रामायण का फ्रेंच में अनुवाद किया है. इस कार्यक्रम का आयोजन जबलपुर के लोग मिलकर करते हैं. लेकिन इस आयोजन का विचार अखिलेश गुमास्ता का है.

वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस का आयोजन

डॉक्टर अखिलेश गुमास्ता पेशे से एक आर्थोपेडिक सर्जन है लेकिन इनकी रामायण को लेकर रुचि बहुत गहरी है और डाक्टर गुमास्ता ने लगातार 6 साल मेहनत करके रामायण का अंग्रेजी अनुवाद किया है. यह अनुवाद कई मायनों में इसके पहले रामायण के अनुवाद से अलग है. क्योंकि इस पुस्तक में रामायण को अंग्रेजी में कविता के रूप में लिखा गया है. इसके पहले रामायण के अंग्रेजी अनुवाद गद्द के रूप में थे इसलिए यह कृति बाकी पुस्तकों से हटकर है.

डाक्टर गुमास्ता का कहना है कि वह वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस को जबलपुर का एक स्थापित आयोजन बना देना चाहते हैं. ताकि हर साल लोग दुनियाभर से लोग इस आयोजन में शामिल होने के लिए जबलपुर आएं और यह जबलपुर की पहचान बनेगी.


क्या है इस कार्यक्रम में खास-
इस आयोजन में इंडोनेशिया से बेले नाम का एक समूह आ रहा है जो मुस्लिम है लेकिन रामलीला करते हैं इसके साथ ही मणिपुर से एक रामलीला करने वाला ग्रुप जो जगत तुलसी के नाम से जाना जाता है. वह आ रहा है वह भी अपनी प्रस्तुतियां जबलपुर में देगा. अयोध्या फाउंडेशन का एक ग्रुप आ रहा है जो मंचीय कार्यक्रम प्रस्तुत करेगा. बनारस से रामलीला करने वाले लोग आ रहे हैं कर्नल जीडी बक्शी संत मुरारी बापू और कुमार विश्वास इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए जबलपुर पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही रामायण से जुड़ी कुछ फिल्में भी इस दौरान दिखाई जाएंगी. रामायण से जुड़ा हुआ एक कवि सम्मेलन में इस दौरान आयोजित किया जाएगा.

जबलपुर। शहर 26 जनवरी से 29 जनवरी तक राम मय रहेगा. रामायण से जुड़े हुए दुनिया भर के साहित्यकार और कलाकार वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए जबलपुर आ रहे हैं. इस आयोजन में अमेरिका से डेविड फ्राले आ रहे हैं जिन्होंने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया है. इन्होंने रामायण का फ्रेंच में अनुवाद किया है. इस कार्यक्रम का आयोजन जबलपुर के लोग मिलकर करते हैं. लेकिन इस आयोजन का विचार अखिलेश गुमास्ता का है.

वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस का आयोजन

डॉक्टर अखिलेश गुमास्ता पेशे से एक आर्थोपेडिक सर्जन है लेकिन इनकी रामायण को लेकर रुचि बहुत गहरी है और डाक्टर गुमास्ता ने लगातार 6 साल मेहनत करके रामायण का अंग्रेजी अनुवाद किया है. यह अनुवाद कई मायनों में इसके पहले रामायण के अनुवाद से अलग है. क्योंकि इस पुस्तक में रामायण को अंग्रेजी में कविता के रूप में लिखा गया है. इसके पहले रामायण के अंग्रेजी अनुवाद गद्द के रूप में थे इसलिए यह कृति बाकी पुस्तकों से हटकर है.

डाक्टर गुमास्ता का कहना है कि वह वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस को जबलपुर का एक स्थापित आयोजन बना देना चाहते हैं. ताकि हर साल लोग दुनियाभर से लोग इस आयोजन में शामिल होने के लिए जबलपुर आएं और यह जबलपुर की पहचान बनेगी.


क्या है इस कार्यक्रम में खास-
इस आयोजन में इंडोनेशिया से बेले नाम का एक समूह आ रहा है जो मुस्लिम है लेकिन रामलीला करते हैं इसके साथ ही मणिपुर से एक रामलीला करने वाला ग्रुप जो जगत तुलसी के नाम से जाना जाता है. वह आ रहा है वह भी अपनी प्रस्तुतियां जबलपुर में देगा. अयोध्या फाउंडेशन का एक ग्रुप आ रहा है जो मंचीय कार्यक्रम प्रस्तुत करेगा. बनारस से रामलीला करने वाले लोग आ रहे हैं कर्नल जीडी बक्शी संत मुरारी बापू और कुमार विश्वास इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए जबलपुर पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही रामायण से जुड़ी कुछ फिल्में भी इस दौरान दिखाई जाएंगी. रामायण से जुड़ा हुआ एक कवि सम्मेलन में इस दौरान आयोजित किया जाएगा.

Intro:वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में दुनिया भर से आ रहे हैं रामायण के जानकार और कलाकार
वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस के आयोजक डॉक्टर अखिलेश ने किया है रामायण का इंग्लिश अनुवाद कई मायनों में अलग है डॉक्टर अखिलेश की रामायण


Body:जबलपुर 26 जनवरी से 29 जनवरी तक राम मय रहेगा रामायण से जुड़े हुए दुनिया भर के साहित्यकार और कलाकार वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए जबलपुर आ रहे हैं इस आयोजन में अमेरिका से डेविड फ्राले आ रहे हैं जिन्होंने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया है फिलिप्स बेनोइड फ्रांस से आ रहे हैं इन्होंने रामायण का फ्रेंच में अनुवाद किया है स्टीफन नएप अमेरिका से आ रहे हैं थाईलैंड से प्रसन विद्या नाम के विद्वान आ रहे हैं जिन्होंने थाई भाषा में रामायण लिखी है इंडोनेशिया से बेले नाम का एक समूह आ रहा है जो मुस्लिम है लेकिन रामलीला करते हैं इसके साथ ही मणिपुर से एक रामलीला करने वाला ग्रुप जो जगत तुलसी के नाम से जाना जाता है वह आ रहा है वह भी अपनी प्रस्तुतियां जबलपुर में देगा अयोध्या फाउंडेशन का एक ग्रुप आ रहा है जो मंचीय कार्यक्रम प्रस्तुत करेगा बनारस से रामलीला करने वाले लोग आ रहे हैं कर्नल जीडी बक्शी संत मुरारी बापू और कुमार विश्वास इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए जबलपुर पहुंच रहे हैं इसके साथ ही रामायण से जुड़ी कुछ फिल्में भी इस दौरान दिखाई जाएंगी बच्चों के लिए एक रामायण स्कूल का आयोजन किया जा रहा है रामायण से जुड़ा हुआ एक कवि सम्मेलन में इस दौरान आयोजित किया जाएगा

इस कार्यक्रम का आयोजन जबलपुर के लोग मिलकर करते हैं लेकिन इस आयोजन का विचार अखिलेश गुमास्ता के दिमाग से निकला था डॉक्टर अखिलेश गुमास्ता पेशे से एक आर्थोपेडिक सर्जन है लेकिन इनकी रामायण को लेकर रुचि बहुत गहरी है और डाक्टर गुमास्ता नहीं लगातार 6 साल मेहनत करके रामायण का अंग्रेजी अनुवाद किया है यह अनुवाद कई मायनों में इसके पहले रामायण के अनुवाद से अलग है क्योंकि इस पुस्तक में रामायण को अंग्रेजी में कविता के रूप में लिखा गया है इसके पहले रामायण के अंग्रेजी अनुवाद गद्द के रूप में थे इसलिए यह कृति बाकी पुस्तकों से हटकर है डाक्टर गुमास्ता का कहना है कि वह वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस को जबलपुर का एक स्थापित आयोजन बना देना चाहते हैं ताकि हर साल लोग दुनियाभर से लोग इस आयोजन में शामिल होने के लिए जबलपुर आएं और यह जबलपुर की पहचान बनेगी


Conclusion:वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कई विभाग भी सहयोग दे रहे हैं दरअसल रामायण एक कथा है एक दर्शन है इस किताब में और क्या क्या है इस पर दुनिया भर के लोग क्या सोचते हैं यह जानना जरूरी है क्योंकि सदियों से यह पुस्तक लोगों को राह दिखाती आ रही है हो सकता है कि राम के नाम पर हंगामा करने वाले लोग इस पुस्तक के ज्ञान को समझ कर शांति की ओर लौट पड़े बाइट डॉ अखिलेश गुमास्ता रामायण के अनुवाद कर्ता
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