जबलपुर। शहर 26 जनवरी से 29 जनवरी तक राम मय रहेगा. रामायण से जुड़े हुए दुनिया भर के साहित्यकार और कलाकार वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए जबलपुर आ रहे हैं. इस आयोजन में अमेरिका से डेविड फ्राले आ रहे हैं जिन्होंने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया है. इन्होंने रामायण का फ्रेंच में अनुवाद किया है. इस कार्यक्रम का आयोजन जबलपुर के लोग मिलकर करते हैं. लेकिन इस आयोजन का विचार अखिलेश गुमास्ता का है.
डॉक्टर अखिलेश गुमास्ता पेशे से एक आर्थोपेडिक सर्जन है लेकिन इनकी रामायण को लेकर रुचि बहुत गहरी है और डाक्टर गुमास्ता ने लगातार 6 साल मेहनत करके रामायण का अंग्रेजी अनुवाद किया है. यह अनुवाद कई मायनों में इसके पहले रामायण के अनुवाद से अलग है. क्योंकि इस पुस्तक में रामायण को अंग्रेजी में कविता के रूप में लिखा गया है. इसके पहले रामायण के अंग्रेजी अनुवाद गद्द के रूप में थे इसलिए यह कृति बाकी पुस्तकों से हटकर है.
डाक्टर गुमास्ता का कहना है कि वह वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस को जबलपुर का एक स्थापित आयोजन बना देना चाहते हैं. ताकि हर साल लोग दुनियाभर से लोग इस आयोजन में शामिल होने के लिए जबलपुर आएं और यह जबलपुर की पहचान बनेगी.
क्या है इस कार्यक्रम में खास-
इस आयोजन में इंडोनेशिया से बेले नाम का एक समूह आ रहा है जो मुस्लिम है लेकिन रामलीला करते हैं इसके साथ ही मणिपुर से एक रामलीला करने वाला ग्रुप जो जगत तुलसी के नाम से जाना जाता है. वह आ रहा है वह भी अपनी प्रस्तुतियां जबलपुर में देगा. अयोध्या फाउंडेशन का एक ग्रुप आ रहा है जो मंचीय कार्यक्रम प्रस्तुत करेगा. बनारस से रामलीला करने वाले लोग आ रहे हैं कर्नल जीडी बक्शी संत मुरारी बापू और कुमार विश्वास इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए जबलपुर पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही रामायण से जुड़ी कुछ फिल्में भी इस दौरान दिखाई जाएंगी. रामायण से जुड़ा हुआ एक कवि सम्मेलन में इस दौरान आयोजित किया जाएगा.