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sharadiya navratri 2022: ऐसा मंदिर जहां मां काली को आता है पसीना, 24 घंटे चालू रहता है AC, विज्ञान भी रहस्य जानने में फेल - जबलपुर महाकाली मंदिर में एसी लगा है

जबलपुर में महाकाली का एक ऐसा मंदिर है, जहां माता को पसीना आता है. माता को लगातार पसीना आने के चलते मंदिर प्रशासन ने मंदिर में एसी लगवाया है. यह एसी मां की सेवा में 24 घंटे चालू रहता है. कई बार इस बात को पता लगाने की कोशिश की गई ये पसीना कैसे आता है लेकिन कोई परिणाम नहीं मिला. sharadiya navratri 2022, mahakali temple ac runs 24 hours, sweats in jablpur mahakali

sharadiya navratri 2022
मां काली को आता है पसीना
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Published : Oct 1, 2022, 11:06 PM IST

जबलपुर। इंसान को गर्मी में पसीना आना तो आम बात है, लेकिन मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक ऐसा मंदिर है, जहां स्थापित मां काली की मूर्ति से पसीना निकलते देखा जा सकता है. माता को इतना पसीना आता था कि पुजारियों को उनके वस्त्र तक बदलने पड़ते थे. लिहाजा उन्होंने वहां एसी लगवा दिया, जिससे मां काली को गर्मी न लगे. गौर करने वाली बात यह है कि इस रहस्य को लेकर कई रिसर्च भी हुई लेकिन इसकी वजह का पता नहीं चल पाई. sharadiya navratri 2022, mahakali temple ac runs 24 hours, sweats in jablpur mahakali

24 घंटे चालू रहता है एसी: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही देवी मंदिरों में दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं. इस खास मौके पर शहर के उन ऐतिहासिक मंदिरों का जिक्र करना भी जरूरी है, जिनके रहस्य आज भी अनसुलझे हैं. ऐसा ही एक मंदिर स्थित है संस्कारधानी जबलपुर में. बंजारों की काली मां का जहां काली के दरबार में कई रहस्य छुपे हुए हैं, जिनका राज आज भी राज है. मंदिर की प्रमुख मान्यता यह है कि अगर मंदिर में लाइट बंद हो जाए तो मां को पसीना इतना आता है कि कई वस्त्र बदलने पड़ जाते हैं. आज मंदिर में 24 घंटे AC चलता रहता है, ताकि मां को पसीना ना आ पाए.

मां काली को आता है पसीना

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गोंडवाना साम्राज्य के दौरान स्थापित हुई थी प्रतिमा: मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में लगभग 500 साल पहले काली मां की भव्य प्रतिमा को गोंडवाना साम्राज्य के दौरान स्थापित किया गया था. मंदिर के प्रधान पुजारी बताते हैं कि पहले यहां पर जंगल हुआ करता था. उस जंगल के बीच में कुछ बंजारों का परिवार रहता था. उन्हीं बंजारों के द्वारा यह मूर्ति स्थापित की गई थी. कहा जाता है कि जब बंजारे यह स्थान छोड़कर आगे बढ़ने लगे तो उन्होंने माता की मूर्ति को आगे ले जाने की कोशिश की, लेकिन माता महाकाली की मूर्ति 1 इंच भी इधर से उधर नहीं हुई. जिसके बाद बंजारे माता महाकाली की मूर्ति को छोड़कर आगे बढ़ गए. उसके बाद से वहां के रहवासी माता की पूजन अर्चन करने लगे. कहते हैं तब से ही माता की प्रतिमा को जरा सी भी गर्मी सहन नहीं होती और मूर्ति को पसीना आने लगता था. लिहाजा श्रद्धालुओं ने पहले वहां कूलर लगवा दिया लेकिन उसके बाद भी जब मां काली को पसीना आता रहा तब वहां एसी लगवा दिया गया जो दिन रात चलता रहता है.

sharadiya navratri 2022
मां काली को आता है पसीना

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विज्ञान भी हुआ फेल: कभी कभी तकनीकी कारणों की वजह से या बिजली चले जाने से यदि एसी बंद हो जाता है तो फिर काली मां की मूर्ति से निकलते वाले पसीने को साफ देखा जा सकता है. हैरानी की बात तो ये है कि काली माता को पसीना निकलने के कारणों पर अनेक बार खोज भी की गई है लेकिन विज्ञान को भी इस सवाल का कोई जवाब नहीं मिला.(sharadiya navratri 2022) ( mahakali temple ac runs 24 hours) (sweats in jablpur mahakali)

जबलपुर। इंसान को गर्मी में पसीना आना तो आम बात है, लेकिन मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक ऐसा मंदिर है, जहां स्थापित मां काली की मूर्ति से पसीना निकलते देखा जा सकता है. माता को इतना पसीना आता था कि पुजारियों को उनके वस्त्र तक बदलने पड़ते थे. लिहाजा उन्होंने वहां एसी लगवा दिया, जिससे मां काली को गर्मी न लगे. गौर करने वाली बात यह है कि इस रहस्य को लेकर कई रिसर्च भी हुई लेकिन इसकी वजह का पता नहीं चल पाई. sharadiya navratri 2022, mahakali temple ac runs 24 hours, sweats in jablpur mahakali

24 घंटे चालू रहता है एसी: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही देवी मंदिरों में दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं. इस खास मौके पर शहर के उन ऐतिहासिक मंदिरों का जिक्र करना भी जरूरी है, जिनके रहस्य आज भी अनसुलझे हैं. ऐसा ही एक मंदिर स्थित है संस्कारधानी जबलपुर में. बंजारों की काली मां का जहां काली के दरबार में कई रहस्य छुपे हुए हैं, जिनका राज आज भी राज है. मंदिर की प्रमुख मान्यता यह है कि अगर मंदिर में लाइट बंद हो जाए तो मां को पसीना इतना आता है कि कई वस्त्र बदलने पड़ जाते हैं. आज मंदिर में 24 घंटे AC चलता रहता है, ताकि मां को पसीना ना आ पाए.

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गोंडवाना साम्राज्य के दौरान स्थापित हुई थी प्रतिमा: मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में लगभग 500 साल पहले काली मां की भव्य प्रतिमा को गोंडवाना साम्राज्य के दौरान स्थापित किया गया था. मंदिर के प्रधान पुजारी बताते हैं कि पहले यहां पर जंगल हुआ करता था. उस जंगल के बीच में कुछ बंजारों का परिवार रहता था. उन्हीं बंजारों के द्वारा यह मूर्ति स्थापित की गई थी. कहा जाता है कि जब बंजारे यह स्थान छोड़कर आगे बढ़ने लगे तो उन्होंने माता की मूर्ति को आगे ले जाने की कोशिश की, लेकिन माता महाकाली की मूर्ति 1 इंच भी इधर से उधर नहीं हुई. जिसके बाद बंजारे माता महाकाली की मूर्ति को छोड़कर आगे बढ़ गए. उसके बाद से वहां के रहवासी माता की पूजन अर्चन करने लगे. कहते हैं तब से ही माता की प्रतिमा को जरा सी भी गर्मी सहन नहीं होती और मूर्ति को पसीना आने लगता था. लिहाजा श्रद्धालुओं ने पहले वहां कूलर लगवा दिया लेकिन उसके बाद भी जब मां काली को पसीना आता रहा तब वहां एसी लगवा दिया गया जो दिन रात चलता रहता है.

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