जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में आज छात्रों ने जमकर हंगामा किया. यह सभी छात्र मध्य प्रदेश छात्रसंघ नाम के संगठन से जुड़े हुए हैं. इन लोगों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों से छात्र संघ चुनाव के नाम पर अब तक लगभग डेढ़ सौ करोड़ रुपए वसूल चुका है, लेकिन यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव नहीं करवा रही है. छात्रों का आरोप है की उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ राज्य सरकार के कहने पर हो रहा है. छात्रों का कहना है कि छात्र संघ चुनाव से नई लीडरशिप पैदा होती है और मौजूदा राजनेता नहीं चाहते कि छात्र राजनेता बने. इसलिए वे छात्र संघ चुनाव नहीं होने देते. यहां तक कि छात्रों ने अपने भाषणों में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा पर भी आरोप लगाए कि वे खुद जबलपुर में छात्र राजनीति कर आगे बढ़े, लेकिन अब उन्होंने छात्र संघ चुनाव बंद करवा दिए.
राज्य सरकार ही नहीं चाहती छात्र संघ चुनाव: जबलपुर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति दीपेंद्र मिश्रा का कहना है कि छात्र संघ चुनाव के बारे में राज्य सरकार फैसला करती है. जहां तक छात्र संघ के नाम पर जो फीस ली जाती है. वह केवल चुनाव के लिए नहीं ली जाती बल्कि उसका उपयोग छात्रों के दूसरे क्रियाकलापों में भी किया जाता है. वही रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार का कहना है कि छात्रों का यह आरोप गलत है कि निजी विश्वविद्यालयों से सांठगांठ करके यूनिवर्सिटी को खत्म करने की कोशिश की जा रही है. जो एमओयू निजी विश्वविद्यालय के साथ हुए हैं. उनमें तकनीकी ट्रांसफर देने की बात कही गई है, ताकि यूनिवर्सिटी के अपने संसाधनों का सही उपयोग हो सके.
जबलपुर से निकले राष्ट्रीय नेता: जबलपुर छात्र संघ के चुनाव से न केवल जबलपुर बल्कि राष्ट्रीय स्तर के कई नेता भी निकले हैं. इनमें जनता दल के नेता शरद यादव, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, कांग्रेस नेता रामेश्वर नीखरा, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, जबलपुर के कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया, जबलपुर सांसद राकेश सिंह से लेकर मध्य प्रदेश युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अभिलाष मिश्रा तक परिपाटी चली आ रही है, लेकिन बीते 5 सालों से छात्र संघ के चुनाव ना होने से कोई नया छात्र नेता नहीं बन पाया है. इसलिए छात्रों का गुस्सा जायज समझ में आता है.