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ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के हड़ताली कर्मचारियों को मिला रेलवे कर्मचारी यूनियन का साथ - केंद्रीय सुरक्षा संस्थानों में चल रही हड़ताल

निजीकरण के विरोध में देश भर में चल रही सुरक्षा संस्थानों के कर्मचारियों के हड़ताल पांचवें दिन भी जारी रही, ऑर्डिनेंस कंपनी के हड़ताली कर्मचारियों को अब रेलवे कर्मचारी यूनियन का साथ मिल गया है.

ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के हड़ताली कर्मचारियों को मिला रेलवे कर्मचारी यूनियन का साथ
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Published : Aug 24, 2019, 6:38 PM IST

जबलपुर। निजीकरण को लेकर देशभर के केंद्रीय सुरक्षा संस्थानों में चल रही हड़ताल अभी भी जारी हैं. हड़ताल के 4 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक कर्मचारियों और रक्षा मंत्रालय के बीच हुई बैठक का कुछ भी निष्कर्ष नहीं निकल पाया हैं.

ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के हड़ताली कर्मचारियों को मिला रेलवे कर्मचारी यूनियन का साथ

बता दे कि देश भर की निर्माणी सहित जबलपुर के भी चारों सुरक्षा संस्थानों में हड़ताल का आज पांचवें दिन भी जारी रही. ऐसे में हड़ताल के चलते ना सिर्फ उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया है, बल्कि केंद्र सरकार को हड़ताल के चलते भारी नुकसान उठाना पड़ा रहा हैं. जबलपुर की आयुध निर्माण फैक्ट्री खमरिया, गन कैरिज फैक्ट्री, व्हीकल फैक्ट्री सहित जीआईएफ में निजीकरण को लेकर कर्मचारियों का आंदोलन आज भी जारी रहा. हड़ताल के चलते आयुध निर्माणी खमरिया में बनने वाले टैंक भेदी बम का उत्पादन भी पूरी तरह से रुक गया है. ध्यान रहे यह वही टैंक भेदी बम है जो कि सर्जिकल स्ट्राइक के समय उपयोग किये गये थे.

वहीं सुरक्षा संस्थानों की हड़ताल को अब रेलवे का भी सहारा मिल गया है. रेलवे में पदस्थ कर्मचारियों ने निजीकरण को लेकर कहा है कि जो हालात सुरक्षा संस्थानों के हो रहे हैं, वही रेलवे का भी है. रेल मंत्रालय ने हाल ही में कुछ गाड़ियों को आईआरसीटीसी को दे दिया है, जिसके चलते यह माना जा रहा है कि बहुत जल्द रेलवे भी निजी हाथों में पूरी तरह से चली जाएगी.

इस पर कर्मचारी नेता बीएन शुक्ला का कहना हैं कि रेलवे का निजीकरण हम किसी भी कीमत में नहीं होने देंगे, जरूरत पड़ी तो सुरक्षा संस्थानों के साथ मिलकर रेलवे भी केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगा.

जबलपुर। निजीकरण को लेकर देशभर के केंद्रीय सुरक्षा संस्थानों में चल रही हड़ताल अभी भी जारी हैं. हड़ताल के 4 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक कर्मचारियों और रक्षा मंत्रालय के बीच हुई बैठक का कुछ भी निष्कर्ष नहीं निकल पाया हैं.

ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के हड़ताली कर्मचारियों को मिला रेलवे कर्मचारी यूनियन का साथ

बता दे कि देश भर की निर्माणी सहित जबलपुर के भी चारों सुरक्षा संस्थानों में हड़ताल का आज पांचवें दिन भी जारी रही. ऐसे में हड़ताल के चलते ना सिर्फ उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया है, बल्कि केंद्र सरकार को हड़ताल के चलते भारी नुकसान उठाना पड़ा रहा हैं. जबलपुर की आयुध निर्माण फैक्ट्री खमरिया, गन कैरिज फैक्ट्री, व्हीकल फैक्ट्री सहित जीआईएफ में निजीकरण को लेकर कर्मचारियों का आंदोलन आज भी जारी रहा. हड़ताल के चलते आयुध निर्माणी खमरिया में बनने वाले टैंक भेदी बम का उत्पादन भी पूरी तरह से रुक गया है. ध्यान रहे यह वही टैंक भेदी बम है जो कि सर्जिकल स्ट्राइक के समय उपयोग किये गये थे.

वहीं सुरक्षा संस्थानों की हड़ताल को अब रेलवे का भी सहारा मिल गया है. रेलवे में पदस्थ कर्मचारियों ने निजीकरण को लेकर कहा है कि जो हालात सुरक्षा संस्थानों के हो रहे हैं, वही रेलवे का भी है. रेल मंत्रालय ने हाल ही में कुछ गाड़ियों को आईआरसीटीसी को दे दिया है, जिसके चलते यह माना जा रहा है कि बहुत जल्द रेलवे भी निजी हाथों में पूरी तरह से चली जाएगी.

इस पर कर्मचारी नेता बीएन शुक्ला का कहना हैं कि रेलवे का निजीकरण हम किसी भी कीमत में नहीं होने देंगे, जरूरत पड़ी तो सुरक्षा संस्थानों के साथ मिलकर रेलवे भी केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगा.

Intro:जबलपुर
निजीकरण को लेकर देशभर के केंद्रीय सुरक्षा संस्थानों में चल रही हड़ताल का दौर बदस्तूर जारी है। 4 दिन हड़ताल के हो जाने के बाद भी अभी तक कर्मचारियों और रक्षा मंत्रालय के बीच हुई बैठक का कुछ भी निष्कर्ष नहीं निकला।


Body:देश भर की निर्माणी सहित जबलपुर के भी चारों सुरक्षा संस्थानों में हड़ताल का आज पांचवा दिन था ऐसे में हड़ताल के चलते ना सिर्फ उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया है बल्कि अभी तक हड़ताल के चलते लाखों रुपए का नुकसान केंद्र सरकार को उठाना पड़ा है।जबलपुर की आयुध निर्माणी फैक्ट्री खमरिया, गन कैरिज फैक्ट्री, व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर सहित जीआईएफ में निगमीकरण को लेकर कर्मचारियों को आंदोलन आज भी हुआ। हड़ताल के चलते आयुध निर्माणी खमरिया में बनने वाले टैंक भेदी बम का उत्पादन भी पूरी तरह से रुक गया है। यह वही टैंक भेदी बम है जो कि सर्जिकल स्ट्राइक के समय उपयोग हुए थे।ओएफके में ही सिर्फ 4 दिनों में 6 करोड़ से ज्यादा का उत्पादन प्रभावित हुआ है।


Conclusion:इधर सुरक्षा संस्थानों की हड़ताल को अब रेलवे का भी सहारा मिल गया है।रेलवे में पदस्थ कर्मचारियों ने निजी कारणों को लेकर कहा है कि जो हालात सुरक्षा संस्थानों के हो रहे हैं वहीं रेलवे की भी आगामी समय में देखने मिलेंगे। क्योंकि रेल मंत्रालय ने हाल ही में कुछ गाड़ियों को आईआरसीटीसी को दिया है जिसके चलते यह माना जा रहा है कि बहुत जल्द रेलवे भी निजी हाथों में पूरी तरह से चला जाएगा। कर्मचारी नेता बीएन शुक्ला ने कहा कि रेलवे का निजीकरण हम किसी भी कीमत नहीं होने देंगे।जरूरत पड़ी तो सुरक्षा संस्थानों के साथ मिलकर रेलवे भी केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगा।
बाईट.1-अरुण दुबे.... कर्मचारी नेता,सुरक्षा संस्थान
बाईट.2-बीएन शुक्ला.....कर्मचारी नेता,रेल्वे

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