ETV Bharat / state

डॉ. हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका, विधि विषय के लिए पीएचडी सीट की मांग

डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर में विधि संकाय विषय के लिए पीएचडी सीट नहीं होने के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसपर हाईकोर्ट ने याचिका का निराकरण मांग संबंधित अभ्यावेदन पेश करने के निर्देश याचिकाकर्ता को दिए हैं.

Jabalpur High Court
जबलपुर हाईकोर्ट
author img

By

Published : May 29, 2020, 5:33 PM IST

जबलपुर। डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर में विधि संकाय विषय के लिए पीएचडी सीट नहीं होने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट जस्टिस संजय यादव और जस्टिस विशाल धगट की युगलपीठ ने याचिका की निराकरण मांग संबंधित अभ्यावेदन पेश करने के निर्देश याचिकाकर्ता को दिए हैं.

युगल पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि 3 महीने की अवधि में अभ्यावेदन का निराकरण किया जाए. याचिकाकर्ता सौरभ देव पांडे की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि वह वर्ष 2013 से डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के छात्र हैं.

उन्होंने स्नातक और विधि स्नातक की डिग्री उक्त विश्वविद्यालय से प्राप्त की है. विश्वविद्यालय में पिछले 10 सालों से विधि संकाय में पीएचडी के लिए दाखिला नहीं दिया जा रहा है. विश्वविद्यालय विधि संकाय की पीएचडी सीट के लिए आवेदन भी आमंत्रण नहीं करता है.

याचिका में मांग की गई थी कि वर्ष 2020-21 में पीएचडी कोर्स विश्वविद्यालय में शुरू किया जाए. याचिका में विश्वविद्यालय प्रबंधन और यूजीसी को अनावेदक बनाया गया था. याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने उक्त आदेश जारी किए. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता विजय मौर्य ने पैरवी की.

जबलपुर। डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर में विधि संकाय विषय के लिए पीएचडी सीट नहीं होने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट जस्टिस संजय यादव और जस्टिस विशाल धगट की युगलपीठ ने याचिका की निराकरण मांग संबंधित अभ्यावेदन पेश करने के निर्देश याचिकाकर्ता को दिए हैं.

युगल पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि 3 महीने की अवधि में अभ्यावेदन का निराकरण किया जाए. याचिकाकर्ता सौरभ देव पांडे की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि वह वर्ष 2013 से डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के छात्र हैं.

उन्होंने स्नातक और विधि स्नातक की डिग्री उक्त विश्वविद्यालय से प्राप्त की है. विश्वविद्यालय में पिछले 10 सालों से विधि संकाय में पीएचडी के लिए दाखिला नहीं दिया जा रहा है. विश्वविद्यालय विधि संकाय की पीएचडी सीट के लिए आवेदन भी आमंत्रण नहीं करता है.

याचिका में मांग की गई थी कि वर्ष 2020-21 में पीएचडी कोर्स विश्वविद्यालय में शुरू किया जाए. याचिका में विश्वविद्यालय प्रबंधन और यूजीसी को अनावेदक बनाया गया था. याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने उक्त आदेश जारी किए. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता विजय मौर्य ने पैरवी की.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.