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MP High Court हेलमेट के मामले में पेश की गई रिपोर्ट से हाईकोर्ट नाराज, राज्य सरकार पर ठोका 25 हजार जुर्माना - अफसर देते रहे घोटालेबाजों का साथ

हेलमेट नहीं लगाने के कारण सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को लेकर हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई. इस दौरान सरकार की तरफ से पेश की गई रिपोर्ट पर हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने कहा कि सड़क पर हेलमेट लगाये दो पहिया वाहन चालन नजर नहीं आते हैं. मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन नहीं किये जाने पर युगलपीठ ने सरकार पर 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाई है.

MP High Court fined 25 thousand on state government
हेलमेट के मामले में पेश की गई रिपोर्ट से हाई कोर्ट नाराज
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Published : Dec 14, 2022, 7:14 PM IST

जबलपुर। लॉ छात्रा एष्वर्या शांडिल्य की तरफ से सड़क दुर्घटना में हुई दो व्यक्तियों की मौत का हवाला देते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. चीफ जस्टिस के निर्देश पर उक्त याचिका सुनवाई के लिए मुख्यपीठ में स्थानांतरित की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि दुर्घटना के समय दोपहिया वाहन चालक हेलमेट लगाये होते तो उनकी मौत नहीं होती. अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से सिर में चोट आने के कारण दो पहिया वाहन सवारों की मौत होती है.

जबलपुर एएसपी ने हलफनामा पेश किया : याचिका में कहा गया था कि सर्वोच्च तथा उच्च न्यायालय ने दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेल की अनिर्वायता के संबंध में आदेश जारी किये हैं. मोटर व्हीकल एक्ट में भी हेलमेल लगाकर वाहन चलाने का प्रावधान है. जिसका प्रदेश में पालन नहीं किया जाता है. हेलमेल की अनिवार्यता का सख्ती से पालन किया जाए. याचिका की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जबलपुर द्वारा हलफनामे के साथ स्टेटस रिपोर्ट रिपोर्ट पेश की गयी. इसमें बताया गया कि अक्टूबर माह में हेलमेट नहीं पहने पर शहरी क्षेत्र में 100830 तथा ग्रामीण क्षेत्र में 54969 व्यक्तियों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की गयी. इसके अलावा ओवरलोडिंग, चार पहिया वाहन में सीट बेल्ट नहीं लगाने, पार्किंग सहित अन्य नियमों का पालन नहीं करने पर अक्टूबर में कुल 198286 कार्रवाई की गयी है. इसके साथ ही दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिर्वायता के संबंध में सभी जिले को पीटीआरआई ने पत्र जारी किये हैं.

प्रदेश स्तर का अधिकारी पेश करे रिपोर्ट : युगलपीठ ने इस रिपोर्ट पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कागजी कार्रवाई नहीं, बल्कि मैदानी कार्रवाई दिखनी चाहिये. मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन सुनिश्चित तौर पर किया जाना चाहिये. पूरे प्रदेश से संबंधित मामलों में एएसपी स्तर का अधिकारी हलफनामे के साथ रिपोर्ट पेश कर रहा है. प्रदेश स्तर के अधिकारी को हलफनामा के साथ रिपोर्ट पेश करना चाहिए. युगलपीठ ने प्रदेश सरकार पर 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाते हुए अगली सुनवाई 2 जनवरी को निर्धारित की है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अवधेश सिंह तोमर ने पैरवी की.

यूरिया घोटाले में चालान पेश : जबलपुर में यूरिया घोटाले में जबलपुर की लॉर्डगंज थाना पुलिस ने सीजेएम आलोक सिंह की अदालत में चालान पेश कर दिया है. कृभको के डीलर ट्रांसपोर्ट डीपीएमके तथा सब डीलर्स के लंबी चैन से जुड़े 2 दर्जन से अधिक लोगों के बयानों और जमीनी तहकीकात के बाद पुलिस ने चार्जशीट को पेश किया है. इस चार्जशीट के साथ पुलिस ने कृभको श्याम फर्टिलाइजर्स लिमिटेड के डीलर और ट्रांसपोर्टर डीपीएम द्वारा अमानत में खयानत करने और फर्टिलाइजर कंपनी के मार्केटिंग डायरेक्टर स्टेट मैनेजर के साथ अपराध के लिए संयुक्त रूप से साजिश से जुड़े दस्तावेज पेश किए हैं.

एक आरोपी को मिल चुकी है जमानत : बता दें कि 890 टन सरकारी यूरिया गायब होने के मामले में आरोपी स्टेट मैनेजर जयप्रकाश को जहां पूर्व में हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी है तो वहीं डीपीएमके के स्थानीय मैनेजर संजय गुप्ता सहायक कर्मचारी नवीन झा और कृभको के फील्ड ऑफिसर शुभम बिरला फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. जबलपुर, मंडला, डिंडोरी, सिवनी, समेत छिंदवाड़ा जिले में सामने आए इस यूरिया घोटाले ने खलबली मचा दी थी. कृभको श्याम के डीलर डीपीएमके और इसके लिए परिवहन का काम करने वाली डीजी ट्रांसपोर्ट का आसपास में गहरा नाता है. डीपीएमके के प्रोपराइटर द्वारिका गुप्ता और उनका बेटा दिव्यदीप डायरेक्टर हैं.

अफसर देते रहे घोटालेबाजों का साथ : अब यही दिव्यदीप डीजी ट्रांसपोर्ट के प्रोपराइटर उनके पिता द्वारिका डायरेक्टर हैं. ये दोनों पिता-पुत्र इन दोनों फर्मों के इंटरकनेक्शन के कारण लगभग हर साल कृभको श्याम द्वारा सप्लाई किए जाने वाले सरकारी कोटे के यूरिया की सप्लाई में गोलमाल और गड़बड़ी करते आ रहे थे. मार्कफेड और कृषि महकमे के जबलपुर व भोपाल में बैठे अफ़सर और शासन प्रशासन के उच्च पदों पर पदस्थ इनके संरक्षक गड़बड़ घोटाला पाए जाने के बावजूद इन्हें बचाते रहे.

Jabalpur High Court भगवान सिंह एनकाउंटर मामले में मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट तलब, 4 हफ्ते बाद अगली सुनवाई

ओबीसी आरक्षण मामले में सुनवाई : मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने के संबंध में दायर 63 याचिकाओं पर बुधवार को जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस वीरेंद्र सिंह युगलपीठ द्वारा सुनवाई की गयी. याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि सर्वोच्च न्यायालय में ओबीसी आरक्षण के संबंध में चार याचिकाएं दायर हैं. जिसमें से एक याचिका वापस लेने के लिए आवेदन दायर किया गया है. युगलपीठ ने सर्वोच्च न्यायाय में लंबित तीन याचिकाओं की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने तथा उन पर त्वरित सुनवाई के प्रयास के लिए सरकार को निर्देश जारी किये हैं. याचिकाओं पर अगली सुनवाई 23 जनवरी को निर्धारित की गयी है. याचिकाकर्ताओं की तरफ से आदित्य संघी तथा शासन की तरफ से विशेष अधिवक्ता रामेश्वर पी सिंह उपस्थित हुए.

जबलपुर। लॉ छात्रा एष्वर्या शांडिल्य की तरफ से सड़क दुर्घटना में हुई दो व्यक्तियों की मौत का हवाला देते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. चीफ जस्टिस के निर्देश पर उक्त याचिका सुनवाई के लिए मुख्यपीठ में स्थानांतरित की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि दुर्घटना के समय दोपहिया वाहन चालक हेलमेट लगाये होते तो उनकी मौत नहीं होती. अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से सिर में चोट आने के कारण दो पहिया वाहन सवारों की मौत होती है.

जबलपुर एएसपी ने हलफनामा पेश किया : याचिका में कहा गया था कि सर्वोच्च तथा उच्च न्यायालय ने दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेल की अनिर्वायता के संबंध में आदेश जारी किये हैं. मोटर व्हीकल एक्ट में भी हेलमेल लगाकर वाहन चलाने का प्रावधान है. जिसका प्रदेश में पालन नहीं किया जाता है. हेलमेल की अनिवार्यता का सख्ती से पालन किया जाए. याचिका की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जबलपुर द्वारा हलफनामे के साथ स्टेटस रिपोर्ट रिपोर्ट पेश की गयी. इसमें बताया गया कि अक्टूबर माह में हेलमेट नहीं पहने पर शहरी क्षेत्र में 100830 तथा ग्रामीण क्षेत्र में 54969 व्यक्तियों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की गयी. इसके अलावा ओवरलोडिंग, चार पहिया वाहन में सीट बेल्ट नहीं लगाने, पार्किंग सहित अन्य नियमों का पालन नहीं करने पर अक्टूबर में कुल 198286 कार्रवाई की गयी है. इसके साथ ही दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिर्वायता के संबंध में सभी जिले को पीटीआरआई ने पत्र जारी किये हैं.

प्रदेश स्तर का अधिकारी पेश करे रिपोर्ट : युगलपीठ ने इस रिपोर्ट पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कागजी कार्रवाई नहीं, बल्कि मैदानी कार्रवाई दिखनी चाहिये. मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन सुनिश्चित तौर पर किया जाना चाहिये. पूरे प्रदेश से संबंधित मामलों में एएसपी स्तर का अधिकारी हलफनामे के साथ रिपोर्ट पेश कर रहा है. प्रदेश स्तर के अधिकारी को हलफनामा के साथ रिपोर्ट पेश करना चाहिए. युगलपीठ ने प्रदेश सरकार पर 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाते हुए अगली सुनवाई 2 जनवरी को निर्धारित की है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अवधेश सिंह तोमर ने पैरवी की.

यूरिया घोटाले में चालान पेश : जबलपुर में यूरिया घोटाले में जबलपुर की लॉर्डगंज थाना पुलिस ने सीजेएम आलोक सिंह की अदालत में चालान पेश कर दिया है. कृभको के डीलर ट्रांसपोर्ट डीपीएमके तथा सब डीलर्स के लंबी चैन से जुड़े 2 दर्जन से अधिक लोगों के बयानों और जमीनी तहकीकात के बाद पुलिस ने चार्जशीट को पेश किया है. इस चार्जशीट के साथ पुलिस ने कृभको श्याम फर्टिलाइजर्स लिमिटेड के डीलर और ट्रांसपोर्टर डीपीएम द्वारा अमानत में खयानत करने और फर्टिलाइजर कंपनी के मार्केटिंग डायरेक्टर स्टेट मैनेजर के साथ अपराध के लिए संयुक्त रूप से साजिश से जुड़े दस्तावेज पेश किए हैं.

एक आरोपी को मिल चुकी है जमानत : बता दें कि 890 टन सरकारी यूरिया गायब होने के मामले में आरोपी स्टेट मैनेजर जयप्रकाश को जहां पूर्व में हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी है तो वहीं डीपीएमके के स्थानीय मैनेजर संजय गुप्ता सहायक कर्मचारी नवीन झा और कृभको के फील्ड ऑफिसर शुभम बिरला फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. जबलपुर, मंडला, डिंडोरी, सिवनी, समेत छिंदवाड़ा जिले में सामने आए इस यूरिया घोटाले ने खलबली मचा दी थी. कृभको श्याम के डीलर डीपीएमके और इसके लिए परिवहन का काम करने वाली डीजी ट्रांसपोर्ट का आसपास में गहरा नाता है. डीपीएमके के प्रोपराइटर द्वारिका गुप्ता और उनका बेटा दिव्यदीप डायरेक्टर हैं.

अफसर देते रहे घोटालेबाजों का साथ : अब यही दिव्यदीप डीजी ट्रांसपोर्ट के प्रोपराइटर उनके पिता द्वारिका डायरेक्टर हैं. ये दोनों पिता-पुत्र इन दोनों फर्मों के इंटरकनेक्शन के कारण लगभग हर साल कृभको श्याम द्वारा सप्लाई किए जाने वाले सरकारी कोटे के यूरिया की सप्लाई में गोलमाल और गड़बड़ी करते आ रहे थे. मार्कफेड और कृषि महकमे के जबलपुर व भोपाल में बैठे अफ़सर और शासन प्रशासन के उच्च पदों पर पदस्थ इनके संरक्षक गड़बड़ घोटाला पाए जाने के बावजूद इन्हें बचाते रहे.

Jabalpur High Court भगवान सिंह एनकाउंटर मामले में मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट तलब, 4 हफ्ते बाद अगली सुनवाई

ओबीसी आरक्षण मामले में सुनवाई : मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने के संबंध में दायर 63 याचिकाओं पर बुधवार को जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस वीरेंद्र सिंह युगलपीठ द्वारा सुनवाई की गयी. याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि सर्वोच्च न्यायालय में ओबीसी आरक्षण के संबंध में चार याचिकाएं दायर हैं. जिसमें से एक याचिका वापस लेने के लिए आवेदन दायर किया गया है. युगलपीठ ने सर्वोच्च न्यायाय में लंबित तीन याचिकाओं की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने तथा उन पर त्वरित सुनवाई के प्रयास के लिए सरकार को निर्देश जारी किये हैं. याचिकाओं पर अगली सुनवाई 23 जनवरी को निर्धारित की गयी है. याचिकाकर्ताओं की तरफ से आदित्य संघी तथा शासन की तरफ से विशेष अधिवक्ता रामेश्वर पी सिंह उपस्थित हुए.

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