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घायल अवस्था में मिला विलुप्त प्रजाति का मालाबार धनेश पक्षी, इलाज जारी - जबलपुर न्यूज

जबलपुर कलेक्ट्रेट में विलुप्त प्रजाति का मालाबार हॉर्नबिल पक्षी घायल अवस्था में मिला. पक्षी के घायल होने की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पक्षी को वेटनरी अस्पताल पहुंचा, जहां उसका इलाज जारी है.

Malabar hornbill bird in injured state
घायल अवस्था में मालाबार हॉर्नबिल पक्षी
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Published : Jun 22, 2020, 1:18 PM IST

Updated : Jun 22, 2020, 2:16 PM IST

जबलपुर। विलुप्त प्रजाति का मालाबार हॉर्नबिल नाम का एक पक्षी कलेक्ट्रेट में घायल अवस्था में पाया गया था. जिसकी जानकारी वन विभाग को दी गई. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पक्षी को वेटनरी अस्पताल पहुंचा, जहां उसका इलाज जारी है.

घायल अवस्था में मालाबार हॉर्नबिल पक्षी

वन विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि मालाबार हॉर्नबिल पक्षी ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में पाया जाता है और यह मछलियों का शिकार करता है. यह पक्षी शहरी इलाकों में कम ही देखा जाता है. यह जबलपुर कलेक्ट्रेट कैसे पहुंचा इस बारे में वन विभाग की टीम भी कुछ नहीं बदला पाई.

लेकिन वन विभाग के कर्मचारी ने आशंका जताई है कि ऊंचाई पर रहने वाले पक्षी अलग-अलग मौसम में पलायन करते हैं और पूरी संभावना है कि पलायन के दौरान यह अपने दल से बिछड़ कर यहां आ गया होगा. फिलहाल इस पक्षी को वन विभाग के वन्या प्राणी शोध संस्थान में भेज दिया गया है. जहां इसका इलाज करवा कर इसे डुमना नेचर रिजर्व में छोड़ दिया जाएगा. यहां एक बड़ी वाटर बॉडी है यहां इस के जीवित रहने की पूरी संभावनाएं हैं.

जबलपुर। विलुप्त प्रजाति का मालाबार हॉर्नबिल नाम का एक पक्षी कलेक्ट्रेट में घायल अवस्था में पाया गया था. जिसकी जानकारी वन विभाग को दी गई. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पक्षी को वेटनरी अस्पताल पहुंचा, जहां उसका इलाज जारी है.

घायल अवस्था में मालाबार हॉर्नबिल पक्षी

वन विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि मालाबार हॉर्नबिल पक्षी ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में पाया जाता है और यह मछलियों का शिकार करता है. यह पक्षी शहरी इलाकों में कम ही देखा जाता है. यह जबलपुर कलेक्ट्रेट कैसे पहुंचा इस बारे में वन विभाग की टीम भी कुछ नहीं बदला पाई.

लेकिन वन विभाग के कर्मचारी ने आशंका जताई है कि ऊंचाई पर रहने वाले पक्षी अलग-अलग मौसम में पलायन करते हैं और पूरी संभावना है कि पलायन के दौरान यह अपने दल से बिछड़ कर यहां आ गया होगा. फिलहाल इस पक्षी को वन विभाग के वन्या प्राणी शोध संस्थान में भेज दिया गया है. जहां इसका इलाज करवा कर इसे डुमना नेचर रिजर्व में छोड़ दिया जाएगा. यहां एक बड़ी वाटर बॉडी है यहां इस के जीवित रहने की पूरी संभावनाएं हैं.

Last Updated : Jun 22, 2020, 2:16 PM IST
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