जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में पढ़ने वाले विद्यार्थी पिछले लंबे समय से मूलभूत सुविधाओं से लेकर अन्य समस्याओं से दो-चार हो रहे हैं. कई बार कुलपति से लेकर कुलसचिव और विभागाध्यक्षों को जानकारी देने के बाद भी उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं हुआ है, जिससे आक्रोशित होकर छात्रों को सड़क पर उतरने मजबूर होना पड़ा है. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों से हजारों रुपए फीस के रूप में वसूलता है लेकिन उन्हें न तो लाइब्रेरी की सुविधा दी जाती है और न ही फर्नीचर की.
छात्रों ने कड़ी चेतावनी दी : प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय के द्वारा कृषि विभाग की स्थापना की गई है, जबकि इस विभाग को खोलने के लिए न तो विश्वविद्यालय अनुदान में अनुमति दी है और न ही भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने हरी झंडी दी है, बावजूद इसके विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा धड़ल्ले से कृषि विभाग का संचालन किया जा रहा है. इसके अलावा औषधि निर्माण विभाग का अपना कोई खुद का भवन तक नहीं है. बावजूद इसके विश्वविद्यालय के द्वारा छात्रों को प्रवेश देकर हजारों की फीस वसूली जा रही है. छात्र नेता सोमदत्त यादव का कहना है कि अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो वे विश्वविद्यालय प्रशासन की अस्थिययों का जुलूस निकालकर कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे.
लैब टेक्नीशियन की अनिश्चितकालीन हड़ताल : जबलपुर में सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का मन बना चुके लैब टेक्नीशियनों ने एक बार फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल का आगाज कर दिया है. हड़ताल के चौथे दिन लैब टेक्नीशियनों ने सरकार के खिलाफ बगावती तेवर दिखाते हुए जमकर नारेबाजी की. वेतनमान नियमितीकरण समेत 13 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे लैब टेक्नीशियनों का आरोप है कि दूसरे विभागों के कर्मचारियों को सरकार सुविधाएं तो देती है, लेकिन उनकी उपेक्षा कर रही है जबकि कोरोना संकट काल में उन्होंने सरकार का भरपूर साथ दिया था. बावजूद इसके सरकार उनके हितों की अनदेखी करने पर आमादा है. लैब टेक्नीशियनों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया तो वे अपने आंदोलन को उग्र रूप देने मजबूर होंगे.