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रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रैक्टिकल के लिए नहीं मिल रहा लैब, जानें कैसे बनेंगे कृषि वैज्ञानिक - दुर्गावती विश्वविद्यालय बीएससी कृषि विज्ञान

जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में बीएससी एग्रीकल्चर साइंस कोर्स में सौकड़ों छात्रों को प्रवेश तो दिया गया है. लेकिन इन छात्रों के पास न तो प्रैक्टिकल के लिए लैब है और न ही अनुसंधान के लिए खेत खलिहान उपलब्ध है.

rani durgavati university student not get lab
जबलपुर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय
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Published : Mar 19, 2023, 10:39 PM IST

जबलपुर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय

जबलपुर। नए पाठ्यक्रम शुरू करने की होड़ में जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय ने नए कोर्स तो शुरू कर दिए हैं, लेकिन इसके लिए बुनियादी सुविधाएं जुटाने की तरफ जरा भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. यही वजह है कि विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किए गए बीएससी कृषि संकाय में सौकड़ों छात्रों को प्रवेश तो दिया गया है, लेकिन उनके पास न तो प्रैक्टिकल के लिए लैब है और न ही अनुसंधान के लिए खेत-खलिहान. कृषि के क्षेत्र में पढ़ाई कर अपना भविष्य उज्जवल बनाने की आस लिए छात्र अब मायूस हो रहे हैं. हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि जल्द ही छात्रों के लिए तमाम बुनियादी सुविधाएं जुटा ली जाएंगी.

कोर्स में नहीं है लैब: हैरानी की बात तो यह है कि, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय प्रशासन ने बीएससी एग्रीकल्चर साइंस के लिए अलग से भवन का आवंटन तो कर दिया है, लेकिन यहां लैब तक नहीं है. इस संकाय की पढ़ाई के लिए नियमित प्राध्यापक भी नहीं है. पूरी पढ़ाई की जिम्मेदारी अतिथि विद्वानों के कंधों पर है. कृषि विज्ञान की पढ़ाई कर रहे छात्रों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि, उनके कोर्स को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद यानी आईसीएआर की मान्यता भी नहीं है.

प्रैक्टिकल के लिए खेत नहीं: छात्रों को होने वाली समस्याओं से विश्वविद्यालय प्रशासन भी भलीभांति वाकिफ है. विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर दीपेश मिश्रा के मुताबिक कृषि संकाय के छात्रों के लिए लैब और अन्य सुविधाएं जुटाने का काम तेजी से किया जा रहा है. इसके लिए जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय और अन्य कृषि विभागों से एमओयू किए जा रहे हैं. इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा 150 एकड़ का खेत भी विश्वविद्यालय को आवंटित करने की प्रक्रिया चल रही है. इन तमाम व्यवस्थाओं के पूरा होने के बाद छात्रों के लिए सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी.

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बुनियादी सुविधाओं की तरफ नहीं है ध्यान: उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की गिनती आज भी बड़े संस्थानों में होती है, लेकिन नए पाठ्यक्रमों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध न होने के चलते छात्रों का आक्रोश गहराता जा रहा है. 120 सीटों वाले कृषि विज्ञान संकाय में पिछले 2 साल से लगातार छात्रों को प्रवेश दिया जा रहा है, लेकिन बुनियादी सुविधाएं जुटाने की तरफ अफसरों का ध्यान नहीं जा रहा है. वक्त रहते छात्रों के लिए जरूरी सुविधाएं नहीं जुटाई गई तो स्टूडेंट्स का आक्रोश आंदोलन में तब्दील हो सकता है.

जबलपुर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय

जबलपुर। नए पाठ्यक्रम शुरू करने की होड़ में जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय ने नए कोर्स तो शुरू कर दिए हैं, लेकिन इसके लिए बुनियादी सुविधाएं जुटाने की तरफ जरा भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. यही वजह है कि विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किए गए बीएससी कृषि संकाय में सौकड़ों छात्रों को प्रवेश तो दिया गया है, लेकिन उनके पास न तो प्रैक्टिकल के लिए लैब है और न ही अनुसंधान के लिए खेत-खलिहान. कृषि के क्षेत्र में पढ़ाई कर अपना भविष्य उज्जवल बनाने की आस लिए छात्र अब मायूस हो रहे हैं. हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि जल्द ही छात्रों के लिए तमाम बुनियादी सुविधाएं जुटा ली जाएंगी.

कोर्स में नहीं है लैब: हैरानी की बात तो यह है कि, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय प्रशासन ने बीएससी एग्रीकल्चर साइंस के लिए अलग से भवन का आवंटन तो कर दिया है, लेकिन यहां लैब तक नहीं है. इस संकाय की पढ़ाई के लिए नियमित प्राध्यापक भी नहीं है. पूरी पढ़ाई की जिम्मेदारी अतिथि विद्वानों के कंधों पर है. कृषि विज्ञान की पढ़ाई कर रहे छात्रों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि, उनके कोर्स को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद यानी आईसीएआर की मान्यता भी नहीं है.

प्रैक्टिकल के लिए खेत नहीं: छात्रों को होने वाली समस्याओं से विश्वविद्यालय प्रशासन भी भलीभांति वाकिफ है. विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर दीपेश मिश्रा के मुताबिक कृषि संकाय के छात्रों के लिए लैब और अन्य सुविधाएं जुटाने का काम तेजी से किया जा रहा है. इसके लिए जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय और अन्य कृषि विभागों से एमओयू किए जा रहे हैं. इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा 150 एकड़ का खेत भी विश्वविद्यालय को आवंटित करने की प्रक्रिया चल रही है. इन तमाम व्यवस्थाओं के पूरा होने के बाद छात्रों के लिए सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी.

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