ETV Bharat / state

अजब MP के गजब डॉक्टर, जिंदा मरीज को मुर्दा बताकर बनाया डेथ सर्टिफिकेट

जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में एक जिंदा मरीज का डेथ सर्टिफिकेट बनाए जाने का मामला सामने आया है. अस्पताल प्रबंधन को जैसे ही इस बात की जानकारी लगी कि जिस मरीज का डेथ सर्टिफिकेट बनाया गया है वह जिंदा है. तत्काल मरीज के परिजनों से डेथ सर्टिफिकेट छीनकर मामले को दबाने की कोशिश शुरु हो गई है.

जबलपुर मेडिकल कॉलेज में बनाया जिंदा मरीज का डेथ सर्टिफिकेट
author img

By

Published : Jul 4, 2019, 7:52 PM IST

जबलपुर। महाकौशल अंचल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का दर्जा प्राप्त नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल कॉलेज में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. हॉस्पिटल के डॉक्टर ने एक जिंदा मरीज का डेथ सर्टिफिकेट बना दिया. मरीज को मृत घोषित करने के बाद जब उसके जिंदा होने की जानकारी डॉक्टरों को लगी तो आनन-फानन में मरीज के परिजनों से डेथ सर्टिफिकेट छीन लिया गया.

जबलपुर मेडिकल कॉलेज में बनाया जिंदा मरीज का डेथ सर्टिफिकेट

अस्पताल प्रबंधन पूरे मामले को गंभीर मानकर जांच की बात कह रहा है और पहले मृत बता दी गई महिला का इलाज अस्पताल में अब भी किया जा रहा है. अस्पताल के आईसीयू में भर्ती इस मरीज का नाम बेनीबाई नामदेव है जिसे दो दिन पहले ही मृत घोषित कर दिया गया था. स्वाइन फ्लू के लक्षणों से पीड़ित दमोह की रहने वाली 60 वर्षीय बेनीबाई को 30 जून की शाम जबलपुर के मेडिकल अस्पताल में भर्ती किया गया था. उन्हें अस्पताल के स्वाइन फ्लू वार्ड में रखकर तीन तक उनका इलाज किया गया. लेकिन दो जुलाई को वार्ड के प्रभारी, डॉक्टर दीपक बरकड़े ने उन्हें मृत घोषित करते हुए उनका डैथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया.

इस बीच जब मरीज के परिजनों ने बेनीबाई के शरीर में हरकत देखी तो उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी डॉक्टर को दी. जिसके बाद आनन-फानन में डॉक्टरों ने परिजनों से डेथ सर्टिफिकेट छीन लिया. परिजनों ने जब घटना का विरोध किया तो अस्पताल प्रबंधन के लोगों ने उनके साथ मारपीट की. अस्पताल प्रबंधन द्वारा पूरे मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन इस घटना नें इतने बड़े अस्पताल में होने वाली लापरवाहियों की पोल खोलकर रख दी है.

जबलपुर। महाकौशल अंचल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का दर्जा प्राप्त नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल कॉलेज में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. हॉस्पिटल के डॉक्टर ने एक जिंदा मरीज का डेथ सर्टिफिकेट बना दिया. मरीज को मृत घोषित करने के बाद जब उसके जिंदा होने की जानकारी डॉक्टरों को लगी तो आनन-फानन में मरीज के परिजनों से डेथ सर्टिफिकेट छीन लिया गया.

जबलपुर मेडिकल कॉलेज में बनाया जिंदा मरीज का डेथ सर्टिफिकेट

अस्पताल प्रबंधन पूरे मामले को गंभीर मानकर जांच की बात कह रहा है और पहले मृत बता दी गई महिला का इलाज अस्पताल में अब भी किया जा रहा है. अस्पताल के आईसीयू में भर्ती इस मरीज का नाम बेनीबाई नामदेव है जिसे दो दिन पहले ही मृत घोषित कर दिया गया था. स्वाइन फ्लू के लक्षणों से पीड़ित दमोह की रहने वाली 60 वर्षीय बेनीबाई को 30 जून की शाम जबलपुर के मेडिकल अस्पताल में भर्ती किया गया था. उन्हें अस्पताल के स्वाइन फ्लू वार्ड में रखकर तीन तक उनका इलाज किया गया. लेकिन दो जुलाई को वार्ड के प्रभारी, डॉक्टर दीपक बरकड़े ने उन्हें मृत घोषित करते हुए उनका डैथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया.

इस बीच जब मरीज के परिजनों ने बेनीबाई के शरीर में हरकत देखी तो उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी डॉक्टर को दी. जिसके बाद आनन-फानन में डॉक्टरों ने परिजनों से डेथ सर्टिफिकेट छीन लिया. परिजनों ने जब घटना का विरोध किया तो अस्पताल प्रबंधन के लोगों ने उनके साथ मारपीट की. अस्पताल प्रबंधन द्वारा पूरे मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन इस घटना नें इतने बड़े अस्पताल में होने वाली लापरवाहियों की पोल खोलकर रख दी है.

Intro:जबलपुर
जबलपुर में स्थित महाकौशल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में अव्वल दर्जे की लापरवाही बरती गई... नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक ज़िंदा मरीज का डैथ सर्टिफिकेट बना दिया गया... मरीज को मृत घोषित करने के बाद भी जब उसके जिंदा होने की बात परिजनों ने डॉक्टर्स को बताई तो परिजनों से मारपीट कर उनसे डैथ सर्टिफेकट छीन लिया गया.. फिलहाल मेडिकल अस्पताल प्रबंधन पूरे मामले को गंभीर मानकर जांच की बात कह रहा है और पहले मृत बता दी गई महिला का इलाज अस्पताल में जारी है...Body:जबलपुर में स्थित महाकौशल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का एक और कारनामा उजागर हुआ है... नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल के आईसीयू में भर्ती इस मरीज का नाम बेनीबाई नामदेव है जिसे दो दिन पहले ही मृत घोषित कर दिया गया था... जी हां, मेडिकल अस्पताल से जारी इस डैथ सर्टिफिकेट को जरा गौर से देखिए... इसमें बेनीबाई नामदेव को 2 जुलाई की शाम साढ़े छै बजे मृत घोषित करके उसका डैथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया था... स्वाईन फ्लू के लक्षणों से पीड़ित दमोह की रहने वाली 60 वर्षीय बेनीबाई को 30 जून की शाम जबलपुर के मेडिकल अस्पताल में भर्ती किया गया था... उन्हें अस्पताल के स्वाईन फ्लू वार्ड में रखकर 3 दिन इलाज दिया गया लेकिन 2 जुलाई को उन्हें मृत घोषित कर दिया गया और वार्ड के प्रभारी, डॉक्टर दीपक बरकड़े के साईन के साथ बेनीबाई का डैथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया... इस बीच जब मरीज के परिजनों ने बेनीबाई के शरीर में हरकत देखी तो उन्होने डॉक्टर्स को उनके जिंदा होने की बात बताई... आपाधापी में डॉक्टर्स ने परिजनों से डैथ सर्टिफिकेट छीन लिया और विरोध करने पर उनसे मारपीट भी की गई.. फिलहाल बेनीबाई को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती रखकर उनका इलाज किया जा रहा है...........Conclusion:अस्पताल के डॉक्टर्स ने तो जिंदा मरीज का डैथ सर्टिफिकेट परिजनों से छीन लिया था और पूरे मामले पर पर्दा डालने की कोशिश शुरु कर दी गई थी... लेकिन जिंदा मरीज के डैथ सर्टिफिकेट की ये कॉपी और अस्पताल में अब भी भर्ती मरीज के ये नज़ारे पूरी सच्चाई उजागर कर रहे हैं.... फिलहाल अब इस मामले में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने चुप्पी साध ली है।
बाईट.1-नंन्दू.......मरीज का बेटा

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.