जबलपुर। महाकौशल अंचल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का दर्जा प्राप्त नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल कॉलेज में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. हॉस्पिटल के डॉक्टर ने एक जिंदा मरीज का डेथ सर्टिफिकेट बना दिया. मरीज को मृत घोषित करने के बाद जब उसके जिंदा होने की जानकारी डॉक्टरों को लगी तो आनन-फानन में मरीज के परिजनों से डेथ सर्टिफिकेट छीन लिया गया.
अस्पताल प्रबंधन पूरे मामले को गंभीर मानकर जांच की बात कह रहा है और पहले मृत बता दी गई महिला का इलाज अस्पताल में अब भी किया जा रहा है. अस्पताल के आईसीयू में भर्ती इस मरीज का नाम बेनीबाई नामदेव है जिसे दो दिन पहले ही मृत घोषित कर दिया गया था. स्वाइन फ्लू के लक्षणों से पीड़ित दमोह की रहने वाली 60 वर्षीय बेनीबाई को 30 जून की शाम जबलपुर के मेडिकल अस्पताल में भर्ती किया गया था. उन्हें अस्पताल के स्वाइन फ्लू वार्ड में रखकर तीन तक उनका इलाज किया गया. लेकिन दो जुलाई को वार्ड के प्रभारी, डॉक्टर दीपक बरकड़े ने उन्हें मृत घोषित करते हुए उनका डैथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया.
इस बीच जब मरीज के परिजनों ने बेनीबाई के शरीर में हरकत देखी तो उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी डॉक्टर को दी. जिसके बाद आनन-फानन में डॉक्टरों ने परिजनों से डेथ सर्टिफिकेट छीन लिया. परिजनों ने जब घटना का विरोध किया तो अस्पताल प्रबंधन के लोगों ने उनके साथ मारपीट की. अस्पताल प्रबंधन द्वारा पूरे मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन इस घटना नें इतने बड़े अस्पताल में होने वाली लापरवाहियों की पोल खोलकर रख दी है.