जबलपुर। लगातार हो रही तेज बारिश की वजह से बीती गुरुवार रात 8:00 बजे बरगी बांध के 15 गेटों को खोला गया है. इनसे लगभग एक लाख 80 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा. इसकी वजह से नर्मदा नदी में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. फिलहाल बरगी बांध में लगातार पानी की आवक तेज है. बरगी बांध के कैचमेंट एरिया में बारिश हो रही है. इसलिए बरगी बांध के गेटों को लगातार खोले रखा जाएगा.
181000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा: जबलपुर में रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना बरगी बांध का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. बांध में लगभग 13, 000 घन मीटर की रफ्तार से पानी आ रहा है. इसकी वजह से बांध का जलस्तर 420 मीटर से ऊपर पहुंच गया है, जो अधिकतम जलस्तर से मात्र 1 मीटर नीचे है. इसलिए बरगी बांध के 15 गेटों को खोला गया है. पानी की आवक को देखते हुए बांध के गेटों को पौने 2 मीटर तक खोला गया है और फिलहाल बांध से लगभग 181000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. बारिश यदि लगातार इसी ढंग से होती रही तो बांध के बाकी गीतों को भी खोलना पड़ सकता है, बरगी बांध में कुल 21 गेट हैं.
नर्मदा तटों पर बाढ़ जैसे हालात: रानी अवंती बाई परियोजना के अधिकारी अजय सूर्य ने इस बात की जानकारी जिला प्रशासन को दे दी है कि ''जिस तादाद में पानी छोड़ा जा रहा है उससे ऐसी संभावना जताई जा रही है कि नर्मदा नदी का जलस्तर 20 फीट से ज्यादा बढ़ जाएगा. इसलिए बरगी बांध के बाद आने वाले तमाम नर्मदा तटों पर बाढ़ जैसे हालात रहेंगे. इसमें जबलपुर, नरसिंहपुर और होशंगाबाद में अलर्ट जारी किया गया है.''
जबलपुर में 25% ज्यादा बारिश दर्ज: जबलपुर में बीते 3 दिनों से लगातार बारिश जारी है. इसकी वजह से जबलपुर और आसपास के जिलों में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. जबलपुर की कई दूसरी छोटी नदियां में उफान पर हैं. बीते 3 दिनों में लगभग 15 इंच बारिश हो चुकी है. मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार ''जबलपुर में इस साल औसत से 25% ज्यादा बारिश हुई है और अभी भी बारिश जारी है.''
ग्वारीघाट में घाट के सभी मंदिर डूबे: रात 8:00 बजे खोले गए गेटों का असर जबलपुर के ग्वारीघाट में देखने को मिल रहा है. ग्वारीघाट में घाट के सभी मंदिर डूब गए हैं. पुलिस ने घाटों तक जाने वाली सड़कों पर बैरिकेडिंग की है और लोगों को नदी से दूर रखने के इंतजाम किए हैं. घाट पर दुकान लगाने वाले सैकड़ों लोगों को विस्थापित किया गया है.