जबलपुर। दूसरे की जमीन का विक्रय पत्र निष्पादित करने वाले रजिस्ट्रेशन क्लर्क ने धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत दर्ज अपराध में अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट जस्टिस राजीव कुमार दूबे की एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई के बाद पाया कि, आरोपी के खिलाफ दस साल पहले अपराध दर्ज हुआ था. निचली अदालत से जमानत का लाभ मिलने के बाद आरोपी फरार हो गया. लगातार फरार होने के कारण न्यायालय ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा है. जिसे गंभीरता से लेते हुए एकलपीठ ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी.
बता दें कि, सिवनी जिले के केवलारी में डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन क्लर्क नंदेश्वर की तरफ से अग्रिम जमानत याचिका दायर की गयी थी. मामले में आरोप है कि, रजिस्ट्रेशन क्लर्क के पद पर रहते हुए आरोपी ने तत्कालीन डिप्टी रजिस्ट्रार अनवर खान से मिलकर लक्ष्मण सिंह सिरवैया की 7.56 हैक्टेयर जमीन विद्या नामक महिला के नाम पर करवा दी थी.
इस मामले में लक्ष्मण सिंह ने साल 2010 में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया था. निचली अदालत ने पहले आरोपी को अग्रिम जमानत का लाभ दिया और फिर उसके द्वारा सरेंडर किए जाने पर 7 जनवरी 2011 को उसको नियमित जमानत दे दी गई. जमानत का लाभ मिलने के बाद आरोपी सुनवाई के दौरान न्यायाल में उपस्थित नहीं हुआ. जिसके कारण उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया. जिसे देखते हुए एकलपीठ ने सुनवाई के बाद अग्रिम जमानत के आवेदन को खारिज कर दिया है.