जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट (mp high court hearing) ने गुरुवार को कई मामलों में सुनवाई की. इनमें नेशनल हाई-वे 44 स्थित अंधुआ बाइपास की साइड रोड पर भारी वाहनों की पार्किंग, जबलपुर बेंच से प्रिंसिपल सीट हटाने के नोटिफिकेशन, निजी मस्जिद संपत्ति पर दावा, स्थानांतरण के खिलाफ स्कूल टीचर की याचिका और कालोनाइजर लाइसेंस शामिल रहे.
पहला मामलाः एनएच-44 पर अवैध पार्किंग को लेकर दायर की याचिका
नेशनल हाईवे 44 स्थित अंधुआ बाइपास की साइड रोड पर भारी वाहनों की पार्किंग को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट (illegal parking on nh44) में याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि सीएम हेल्प लाइन में शिकायत के बावजूद भी अवैध पार्किंग के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गयी है. याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस पी के कौरव की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
दूसरा मामलाः जबलपुर बेंच से प्रिंसिपल सीट हटाने के नोटिफिकेशन को चुनौती
जबलपुर बेंच से प्रिंसिपल सीट हटाने के नोटिफिकेशन को चुनौती देने वाले मामले में हाईकोर्ट रजिस्ट्रार की ओर से अपना जवाब पेश कर दिया गया है. जिसमें कहा गया है कि केवल एफीडेवट अपील, पिटीशन व एप्लीकेशन में विलोपित किया गया प्रिंसिपल सीट. हाईकोर्ट नियम 2008 के निमय 1 (3) चेप्टर 12 के अनुसार पूर्व के नियम 1961 में उल्लेखित सभी फार्मस् यथावत रखे गये हैं, जो कि राष्ट्रपति के आदेश का उल्लंघन नहीं है. जवाब में कहा गया है कि देश के अन्य हाईकोर्ट में स्थायी बेंचों में भी उक्त दस्तावेजों में प्रिंसिपल सीट शब्द का उपयोग में नहीं है.
तीसरा मामलाः निजी मस्जिद संपत्ति को लेकर हाईकोर्ट ने दिए आदेश
हाईकोर्ट ने रीवा स्थित निजी मस्जिद संपत्ति होने का दावा करने वाले मामले में वक्फ बोर्ड द्धारा की जा रहीं बेदखली की कार्रवाई पर यथास्थिति बनाये रखने के आदेश दिये है. जस्टिस विशाल धगत की एकलपीठ ने मामले में मप्र वक्फ बोर्ड, रीवा तहसीलदार सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं.
चौथा मामला: स्थानांतरण के खिलाफ स्कूल टीचर ने दायर की याचिका
स्थानांतरण के खिलाफ स्कूल टीचर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि उसके स्थानांतरण के बाद स्कूल में सिर्फ एक शिक्षक बचेगा. जो शिक्षा के अधिकार कानून को उल्लंघन है. हाईकोर्ट जस्टिस विशाल धगट ने तीस दिनों में याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन का निराकरण करने निर्देश जारी करते हुए याचिका का निराकरण कर दिया है.
पांचवांः अवैध कब्जे को लेकर हाईकोर्ट ने दिए निर्देश
भोपाल में कालोनाईजर लाइसेंस निरस्त होने के बावजूद भी सच्चिदानंद नगर में बेचे गये प्लाट व टीएनसीपी की 80 फिट चौड़ी रोड पर अवैध कब्जा कर कमर्शियल काम्पलैक्स का निर्माण किये जाने का आरोप लगाते हुए मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव की युगलपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं.