जबलपुर। अपने शौर्य और अदम्य साहस के दम पर देश के लिए मर मिटने वाले वीर जवानों के सम्मान में सेना के मध्य भारत एरिया में अलंकरण समारोह का आयोजन किया गया. सेंट्रल कमांड के होशियार सिंह पीवीसी ग्राउंड में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ सेंट्रल कमांड लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी मौजूद रहे. कार्यक्रम के दौरान 11 वीरता, 20 विशिष्ट सेवा पदक और गैलंट्री अवॉर्ड से वीर जवानों को अलंकृत किया गया. लेफ्टिनेंट जनरल डिमरी ने वीरता पदक विशिष्ट सेवा पदक सहित 16 यूनिटों को जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ ने प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया. इसके अलावा 4 सूर्य कमान ट्रॉफी भी प्रदान की गई.
इन वीरों को मिला पदक: वीरता पुरस्कार में मेजर जगतार जोहाल राजपूत रेजीमेंट राष्ट्रीय राइफल्स, नायक निशांत शर्मा ब्रिगेड ऑफ गॉर्ड 61 वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल्स मरणोपरांत, हवलदार सोनू कुमार सैनी समेत 11 जवानों को वीरता पुरस्कार से अलंकृत किया गया. इस भव्य कार्यक्रम के दौरान सेना के जवानों का शौर्य भी देखने को मिला और उनके अनुशासन ने हर किसी का मन मोह लिया. कार्यक्रम में शहीद हो चुके जवानों के परिवार भी मौजूद रहे. मरणोपरांत मिलने वाले वीरता पुरस्कार को उनके परिजनों ने लिया जिनकी आंखें नम रहीं
इस पराक्रम के लिए मिला पदक: मेजर जगतार जौहल ने पुलवामा जिले के एक गांव में 4-5 आतंकवादियों को तलाशी अभियान के जरिए ढूढ निकाला. जिसके बाद सामरिक कमान का प्रयोग किया और चार आतंकवादियों को मार गिराया गया. मेजर जगतार जौहल को इस वीरता के लिए सेना मेडल से सम्मानित किया गया.
3 जवानों की बचाई जान: 61वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल्स के नायक निशांत शर्मा को मरणोपरांत 'द ब्रिगेड ऑफ गार्ड्स' से सम्मानित किया गया. यूपी के सहारनपुर से नायक निशांत शर्मा ने सीमा पर संवेदनशील ललली धुरी पर रोड ओपनिंग पार्टी कमांडर के कर्तव्यों का पालन किया. दुश्मन के अकारण फायर करने पर अपनी दल के सदस्यों को सुरक्षित स्थान पर निकाला. इस दौरान वे घायल हो गए जिसके बाद 24 जनवरी 2021 को उत्तरी कमान के कमांड अस्पताल में दम तोड़ दिया.
लोगों को बचाने के लिए खुद को मौत की खाई में धकेला: 102 इंजीनियर रेजीमेंट के हवलदार सोनित कुमार सैनी मरणोपरांत वीरता पुरस्कार से अलंकृत किया गया. हवलदार सोनित कुमार सैनी ने अपनी सुरक्षा की पूरी परवाह न करते हुए और अदम्य साहस का परिचय देते हुए वाहन को नियंत्रित तरीके से सामने से आने वाले वाहन से दूर और 500 फीट गहरी खाई की ओर मोड़ दिया था. बहादुरी भरे कार्य से टक्कर में सिर चकरा गया और सात लोगों की जान बच गई, हालांकि वाहन खाई में गिर गई, जिससे दोनों की मौत हो गई.
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इन वीरों ने भी दिखाया अदम्य साहस: इनके अलावा कुमाऊं रेजिमेंट के सिपाही नरेंद्र शर्मा को, राजपूताना राइफल्स, राष्ट्रीय राइफल्स की 9वीं बटालियन के मेजर अप्रांत रौनक सिंह को, कुमाऊं रेजिमेंट, राष्ट्रीय राइफल्स की 50वीं बटालियन के सिपाही जितेंद्र यादव को, राष्ट्रीय राइफल्स की 13वीं बटालियन, कुमाऊं रेजिमेंट के हवलदार भूपेंद्र चंद को, सिख लाइट इन्फैंट्री, राष्ट्रीय राइफल्स की 19वीं बटालियन के मेजर आकाश सेन को सेना मेडल से सम्मानित किया गया. साथ ही गढ़वाल राइफल्स के मेजर मृत्युंजय कटोच, सेना सेवा कोर, राष्ट्रीय राइफल्स की पहली बटालियन के मेजर अरुण कुमार और दूसरी बटालियन जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री के मेजर सौबम किनोबाबू सिंह को उनकी वीरता के लिए सेना मेडल से सम्मानित किया गया.