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पार्षद उम्मीदवारों की खर्च सीमा की तय, गरीब उम्मीदवार भी लड़ सकेंगे चुनाव - चुनाव आयोग

जबलपुर। पार्षद का चुनाव लड़ने वाले गरीब उम्मीदवारों के लिए खुश खबरी है. चुनाव आयोग ने पार्षद उम्मीदवारों के खर्च की सीमा तय कर दी है. जिससे गरीब प्रत्याशी भी चुनाव लड़ सकेंगे.

पार्षद उम्मीदवारों की खर्च सीमा तय
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Published : Jul 9, 2019, 9:57 PM IST

जबलपुर। पार्षद का चुनाव लड़ने वाले गरीब उम्मीदवारों के लिए खुश खबरी है. चुनाव आयोग ने पार्षद उम्मीदवारों के खर्च की सीमा तय कर दी है. जिससे गरीब प्रत्याशी भी चुनाव लड़ सकेंगे.


जबलपुर में बहुत जल्द नगर पालिका, नगर निगम और नगर परिषदों के चुनाव होने वाले हैं. इस बार इन चुनावों में धनबल के दुरुपयोग पर चुनाव आयोग ने नकेल कसने की तैयारी कर ली है. दरअसल अभी तक स्थानीय निकाय के चुनावों में पार्षद प्रत्याशियों को पैसे खर्च करने की सीमा तय नहीं थी. जिसके चलते कई धनी प्रत्याशी सिर्फ पैसे के बल पर चुनाव जीत जाते थे.

पार्षद उम्मीदवारों की खर्च सीमा तय


जबकि पैसे के अभाव में कई प्रत्याशी चुनाव हार जाते थे. चुनाव आयोग ने विधायक और सांसदों के चुनाव में खर्च की सीमा तो तय कर रखी थी. लेकिन पार्षदों के चुनाव में खर्च की सीमा तय नहीं थी. लिहाजा जबलपुर की जनहित के मुद्दों पर काम करने वाली एक संस्था नागरिक उपभोक्ता मंच ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई थी.


कितना कर सकते हैं खर्च
जिसमें उन्होंने पार्षद चुनाव में खर्च की सीमा तय करने की मांग की थी. कोर्ट ने इस पर आदेश भी दिए, लेकिन इसके बाद भी सीमा तय नहीं हो पाई थी. उपभोक्ता मंच ने चुनाव के पहले इसे लागू करवाने के लिए कोर्ट में एक अवमानना याचिका दायर की. जिसके बाद चुनाव आयोग ने अब यह नियम तय कर दिया है की 10 लाख से ऊपर के शहरों में नगर निगम चुनाव में पार्षद पद के प्रत्याशी 8,75,000 खर्च कर सकते हैं.


10 लाख से कम की आबादी नगर निगमों में यह सीमा 3,75,000 है. इसी तरह से नगर पालिका में एक लाख से ज्यादा आबादी वाली नगर पालिका में पार्षद प्रत्याशी केवल 2,50,000 खर्च कर सकता है. वहीं 50 हजार की आबादी वाली नगर पालिका में पार्षद प्रत्याशी केवल 1,50,000 ही खर्च कर सकता है. नगर परिषद के चुनाव में पार्षद प्रत्याशी केवल 75,000 खर्च कर सकता है. चुनाव आयोग ने खर्च की सीमा का व्यौरा याचिकाकर्ता को भी भेजा है. इसको सरकार को प्रेषित किया गया है. जिससे सरकार इसे गजट नोटिफिकेशन करवा कर जारी कर सके. अगले चुनाव में यह नियम लागू हो सके.

जबलपुर। पार्षद का चुनाव लड़ने वाले गरीब उम्मीदवारों के लिए खुश खबरी है. चुनाव आयोग ने पार्षद उम्मीदवारों के खर्च की सीमा तय कर दी है. जिससे गरीब प्रत्याशी भी चुनाव लड़ सकेंगे.


जबलपुर में बहुत जल्द नगर पालिका, नगर निगम और नगर परिषदों के चुनाव होने वाले हैं. इस बार इन चुनावों में धनबल के दुरुपयोग पर चुनाव आयोग ने नकेल कसने की तैयारी कर ली है. दरअसल अभी तक स्थानीय निकाय के चुनावों में पार्षद प्रत्याशियों को पैसे खर्च करने की सीमा तय नहीं थी. जिसके चलते कई धनी प्रत्याशी सिर्फ पैसे के बल पर चुनाव जीत जाते थे.

पार्षद उम्मीदवारों की खर्च सीमा तय


जबकि पैसे के अभाव में कई प्रत्याशी चुनाव हार जाते थे. चुनाव आयोग ने विधायक और सांसदों के चुनाव में खर्च की सीमा तो तय कर रखी थी. लेकिन पार्षदों के चुनाव में खर्च की सीमा तय नहीं थी. लिहाजा जबलपुर की जनहित के मुद्दों पर काम करने वाली एक संस्था नागरिक उपभोक्ता मंच ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई थी.


कितना कर सकते हैं खर्च
जिसमें उन्होंने पार्षद चुनाव में खर्च की सीमा तय करने की मांग की थी. कोर्ट ने इस पर आदेश भी दिए, लेकिन इसके बाद भी सीमा तय नहीं हो पाई थी. उपभोक्ता मंच ने चुनाव के पहले इसे लागू करवाने के लिए कोर्ट में एक अवमानना याचिका दायर की. जिसके बाद चुनाव आयोग ने अब यह नियम तय कर दिया है की 10 लाख से ऊपर के शहरों में नगर निगम चुनाव में पार्षद पद के प्रत्याशी 8,75,000 खर्च कर सकते हैं.


10 लाख से कम की आबादी नगर निगमों में यह सीमा 3,75,000 है. इसी तरह से नगर पालिका में एक लाख से ज्यादा आबादी वाली नगर पालिका में पार्षद प्रत्याशी केवल 2,50,000 खर्च कर सकता है. वहीं 50 हजार की आबादी वाली नगर पालिका में पार्षद प्रत्याशी केवल 1,50,000 ही खर्च कर सकता है. नगर परिषद के चुनाव में पार्षद प्रत्याशी केवल 75,000 खर्च कर सकता है. चुनाव आयोग ने खर्च की सीमा का व्यौरा याचिकाकर्ता को भी भेजा है. इसको सरकार को प्रेषित किया गया है. जिससे सरकार इसे गजट नोटिफिकेशन करवा कर जारी कर सके. अगले चुनाव में यह नियम लागू हो सके.

Intro:पार्षद उम्मीदवारों पर चुनाव आयोग ने लगाई लगाम अब नहीं खर्च कर पाएंगे मनमाने पैसे गरीब प्रत्याशी भी लड़ सकेगा चुनाव चुनाव आयोग ने तय की खर्च की सीमाBody:जबलपुर मध्यप्रदेश में बहुत ही जल्द नगर पालिका नगर निगम और नगर परिषदों के चुनाव होने हैं लेकिन इस बार इन चुनावों में धनबल के दुरुपयोग पर चुनाव आयोग ने नकेल कसने की तैयारी कर ली है दरअसल अभी तक स्थानीय निकाय के चुनावों में पार्षद प्रत्याशियों को पैसा खर्च करने की सीमा तय नहीं थी इसकी वजह से कई धनी प्रत्याशी सिर्फ पैसे के बल पर चुनाव जीत जाते थे और कई लायक उम्मीदवार केवल पैसे की कमी की वजह से चुनाव हार जाते थे चुनाव आयोग ने विधायक और सांसदों के चुनाव मैं खर्च की सीमा तो तय कर रखी थी लेकिन पार्षदों के चुनाव मैं खर्च की सीमा तय नहीं थी इसीलिए जबलपुर की जनहित के मुद्दों पर काम करने वाली एक संस्था नागरिक उपभोक्ता मंच ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई थी और पार्षद चुनाव में खर्च की सीमा तय करने की मांग की थी हाई कोर्ट ने आदेश भी दे दिए लेकिन इसके बावजूद सीमा तय नहीं हो पाई थी उपभोक्ता मंच ने चुनाव के पहले इसे लागू करवाने के लिए कोर्ट में एक अवमानना याचिका दायर की इसके बाद चुनाव आयोग ने अब यह नियम तय कर दिया है की 10 लाख से ऊपर के शहरों में नगर निगम चुनाव में पार्षद पद के प्रत्याशी ₹875000 खर्च कर सकते हैं और 1000000 से कम के नगर निगमों में यह सीमा 375000 है इसी तरीके से नगरपालिका में एक लाख से ज्यादा आबादी वाली नगर पालिका में पार्षद प्रत्याशी केवल ₹250000 खर्च कर सकता है वही 50000 की आबादी वाली नगर पालिका में पार्षद प्रत्याशी केवल ₹150000 ही खर्च कर सकता है और नगर परिषद के चुनाव में पार्षद प्रत्याशी केवल ₹75000 खर्च कर सकता है चुनाव आयोग ने खर्च की सीमा का व्योरा याचिकाकर्ता को भी भेजा है और इसको सरकार को प्रेषित किया गया है ताकि सरकार इसे गजट नोटिफिकेशन करवा कर जारी कर सके और अगले चुनाव में यह नियम लागू हो सके बाइट रजत भार्गव याचिकाकर्ताConclusion:बाइट रजत भार्गव याचिकाकर्ता
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