ETV Bharat / state

कोरोना काल में प्लास्टिक शीट के जरिए होगा ऑपरेशन, WHO ने दी मान्यता - invotion in surgery

जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सचिन उपाध्याय के मुताबिक ऑर्थोपेडिक सर्जरी कोरोना काल में भी एक प्लास्टिक शीट के जरिए की जा सकती है. उनके इस प्रयोग को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने मान्यता दे दी है. पढ़िए पूरी ख़बर ...

Doctor Sachin Upadhyay of Jabalpur
जबलपुर के डॉक्टर सचिन उपाध्याय
author img

By

Published : Nov 5, 2020, 2:45 PM IST

जबलपुर। जबलपुर के डॉक्टर सचिन उपाध्याय का अर्थराइटिस सर्जरी में किए गए एक छोटे से प्रयोग ने हड्डी रोग से संबंधित मरीजों के लिए कोरोना काल में फिर से राह आसान कर दी है. डॉक्टर सचिन उपाध्याय के मुताबिक ऑर्थोपेडिक सर्जरी कोरोना काल में भी एक प्लास्टिक शीट के जरिए की जा सकती है. उनके इस प्रयोग को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने मान्यता दे दी है.

प्लास्टिक शीट के जरिए ऑपरेशन

कोरोना संक्रमण के डर से बंद थी सर्जरी

दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण शुरू होने के दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक गाइडलाइन जारी की गई थी, कि जब तक कोरोना खत्म नहीं हो जाता या फिर कोरोना की कोई वैक्सीन नहीं आ जाती है तब तक के लिए बड़े ऑपरेशन बंद करने की निर्देश जारी किए गए थे, दूसरा कारण ये भी था कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर और ऑपरेशन की टीम को कोरोना संक्रमण होने का ज्यादा खतरा बढ़ गया था जिसके कारण ऑर्थोपेडिक सर्जरी, और बड़े ऑपरेशन को बंद किया गया था.

Operation via plastic sheet
प्लास्टिक शीट के जरिए ऑपरेशन

प्लास्टिक शीट के जरिए ऑपरेशन की राह आसान

हालांकि जैसे-जैसे समय बढ़ता गया अर्थटाइटिस और घुटने के दर्द से परेशान लोगों का जीवन और ज्यादा कष्ट में होने लगा. जिसमें सबसे ज्याद बुजुर्गों की संख्या हैं.जिन्हें ध्यान में रखते हुए जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सचिन उपाध्याय नेम ने एक प्रयोग किया. जिसमें उन्होंने एक सामान्य प्लास्टिक शीट को कीटाणु रहित करके ऑपरेशन फिटर में ऑपरेशन करने वाले के ऊपर एक टेंट की तरह लगाया और प्लास्टिक शीट में केवल इतने छोटे छेद बनाए गए की ऑपरेशन के औजार अंदर जा सके और इस तरीके से ऑपरेशन शुरू किए गए.

संक्रमण रोकने के लिए कारगार

डॉक्टर सचिन उपाध्याय का कहना है कि ऑपरेशन के दौरान कई बार हड्डियों का चूरा खून की बूंदें और शरीर से निकलने वाले छोटे-छोटे हाइड्रोसील ऑपरेशन थिएटर में उड़ते रहते हैं. मरीज के शरीर से निकलने वाले यह छोटे छोटे से पार्टिकल ऑपरेशन थिएटर में काम करने वाले डॉक्टर और दूसरे मेडिकल स्टॉफ की आंखों और शरीर के दूसरे हिस्सों के जरिए शरीर में जा सकते हैं. जिससे कोरोनावायरस का संक्रमण फैल सकता है. इसके लिए जब सार्स वायरस सक्रिय हुआ था तब थाईलैंड के डॉक्टरों ने एक विशेष ऑपरेशन थिएटर बनाया था, लेकिन वह एक महंगा खर्च था और उससे पूरी सफलता नहीं मिली थी, लेकिन प्लास्टिक की सीट के प्रयोग से 99 प्रतिशत तक संक्रमण को रोका जा सकता है.

WHO ने दी प्लास्टिक शीट से ऑपरेशन की इजाजत

डॉक्टर उपाध्याय ने इस प्रक्रिया पर एक रिसर्च पेपर लिखा है और इस रिसर्च पेपर को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन को भेजा. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने इसकी जांच करने के बाद इसे शीट से ऑपरेशन करने की मान्यता दे दी है और अपने दस्तावेजों में शामिल कर लिया है और अब इसके अनुसार दूसरे लोगों को भी यह सलाह दी गई है कि वे इस तरह से प्लास्टिक की शीट का इस्तेमाल करके ऑपरेशन कर सकते हैं. वहीं जिन बड़े ऑपरेशंस पर विराम लगा था उनको दोबारा से शुरू करने की कोशिश की जा सकती है. इसके लिए डॉक्टर सचिन उपाध्याय का डब्ल्यूएचओ की ओर से एक विस्तृत इंटरव्यू भी लिया गया है.

कोरोना काल में भी फिर शुरू होंगे बड़े ऑपरेशन

डॉक्टर सचिन उपाध्याय ऑर्थोपेडिक सर्जरी में कई प्रयोग पहले भी कर चुके हैं. उन्होंने टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने के लिए एक बहुत कम खर्च वाली जाली भी बनाई थी, उसे भी मेडिकल साइंस में एक बड़ा अविष्कार माना जाता है. इसके साथ ही उन्होंने मेडिकल कॉलेज में बहुत कम पैसों में सबसे ज्यादा नी रिप्लेसमेंट करके रिकॉर्ड भी बनाया है.

जबलपुर। जबलपुर के डॉक्टर सचिन उपाध्याय का अर्थराइटिस सर्जरी में किए गए एक छोटे से प्रयोग ने हड्डी रोग से संबंधित मरीजों के लिए कोरोना काल में फिर से राह आसान कर दी है. डॉक्टर सचिन उपाध्याय के मुताबिक ऑर्थोपेडिक सर्जरी कोरोना काल में भी एक प्लास्टिक शीट के जरिए की जा सकती है. उनके इस प्रयोग को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने मान्यता दे दी है.

प्लास्टिक शीट के जरिए ऑपरेशन

कोरोना संक्रमण के डर से बंद थी सर्जरी

दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण शुरू होने के दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक गाइडलाइन जारी की गई थी, कि जब तक कोरोना खत्म नहीं हो जाता या फिर कोरोना की कोई वैक्सीन नहीं आ जाती है तब तक के लिए बड़े ऑपरेशन बंद करने की निर्देश जारी किए गए थे, दूसरा कारण ये भी था कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर और ऑपरेशन की टीम को कोरोना संक्रमण होने का ज्यादा खतरा बढ़ गया था जिसके कारण ऑर्थोपेडिक सर्जरी, और बड़े ऑपरेशन को बंद किया गया था.

Operation via plastic sheet
प्लास्टिक शीट के जरिए ऑपरेशन

प्लास्टिक शीट के जरिए ऑपरेशन की राह आसान

हालांकि जैसे-जैसे समय बढ़ता गया अर्थटाइटिस और घुटने के दर्द से परेशान लोगों का जीवन और ज्यादा कष्ट में होने लगा. जिसमें सबसे ज्याद बुजुर्गों की संख्या हैं.जिन्हें ध्यान में रखते हुए जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सचिन उपाध्याय नेम ने एक प्रयोग किया. जिसमें उन्होंने एक सामान्य प्लास्टिक शीट को कीटाणु रहित करके ऑपरेशन फिटर में ऑपरेशन करने वाले के ऊपर एक टेंट की तरह लगाया और प्लास्टिक शीट में केवल इतने छोटे छेद बनाए गए की ऑपरेशन के औजार अंदर जा सके और इस तरीके से ऑपरेशन शुरू किए गए.

संक्रमण रोकने के लिए कारगार

डॉक्टर सचिन उपाध्याय का कहना है कि ऑपरेशन के दौरान कई बार हड्डियों का चूरा खून की बूंदें और शरीर से निकलने वाले छोटे-छोटे हाइड्रोसील ऑपरेशन थिएटर में उड़ते रहते हैं. मरीज के शरीर से निकलने वाले यह छोटे छोटे से पार्टिकल ऑपरेशन थिएटर में काम करने वाले डॉक्टर और दूसरे मेडिकल स्टॉफ की आंखों और शरीर के दूसरे हिस्सों के जरिए शरीर में जा सकते हैं. जिससे कोरोनावायरस का संक्रमण फैल सकता है. इसके लिए जब सार्स वायरस सक्रिय हुआ था तब थाईलैंड के डॉक्टरों ने एक विशेष ऑपरेशन थिएटर बनाया था, लेकिन वह एक महंगा खर्च था और उससे पूरी सफलता नहीं मिली थी, लेकिन प्लास्टिक की सीट के प्रयोग से 99 प्रतिशत तक संक्रमण को रोका जा सकता है.

WHO ने दी प्लास्टिक शीट से ऑपरेशन की इजाजत

डॉक्टर उपाध्याय ने इस प्रक्रिया पर एक रिसर्च पेपर लिखा है और इस रिसर्च पेपर को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन को भेजा. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने इसकी जांच करने के बाद इसे शीट से ऑपरेशन करने की मान्यता दे दी है और अपने दस्तावेजों में शामिल कर लिया है और अब इसके अनुसार दूसरे लोगों को भी यह सलाह दी गई है कि वे इस तरह से प्लास्टिक की शीट का इस्तेमाल करके ऑपरेशन कर सकते हैं. वहीं जिन बड़े ऑपरेशंस पर विराम लगा था उनको दोबारा से शुरू करने की कोशिश की जा सकती है. इसके लिए डॉक्टर सचिन उपाध्याय का डब्ल्यूएचओ की ओर से एक विस्तृत इंटरव्यू भी लिया गया है.

कोरोना काल में भी फिर शुरू होंगे बड़े ऑपरेशन

डॉक्टर सचिन उपाध्याय ऑर्थोपेडिक सर्जरी में कई प्रयोग पहले भी कर चुके हैं. उन्होंने टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने के लिए एक बहुत कम खर्च वाली जाली भी बनाई थी, उसे भी मेडिकल साइंस में एक बड़ा अविष्कार माना जाता है. इसके साथ ही उन्होंने मेडिकल कॉलेज में बहुत कम पैसों में सबसे ज्यादा नी रिप्लेसमेंट करके रिकॉर्ड भी बनाया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.