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कुरआन आयतों को चुनौती देने वाले रिजवी के खिलाफ परिवाद दायर - कुरआन

मुस्लिम धर्मालंबिया के पवित्र ग्रंथ कुरआन शरीफ की 26 आयतों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाले वसीम रिजवी के खिलाफ जबलपुर कोर्ट में परिवाद दायर कर एफआईआर दर्ज कराये जाने की राहत चाही गई है.

High Court
हाईकोर्ट
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Published : Mar 20, 2021, 11:18 AM IST

जबलपुर। मुस्लिम धर्मालंबिया के पवित्र ग्रंथ कुरआन शरीफ की 26 आयतों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाले वसीम रिजवी के खिलाफ जबलपुर कोर्ट में परिवाद दायर कर एफआईआर दर्ज कराये जाने की राहत चाही गई है. परिवाद पर आने वाले सप्ताह में सुनवाई होगी.

नेपियर टॉउन निवासी जावेद खान की तरफ से अधिवक्ता तकमील नासिर ने उक्त परिवाद दायर किया है. जिसमें कहा गया है कि वसीम रिजवी ने इस्लाम धर्म की पवित्र किताब कुरआन शरीफ की 26 आयतों को सुकों में चुनौती दी है. जिसमें रिजवी ने अपने बयान में कहा है कि पैगम्बर मौहम्मद साहब के बाद तीन खलीफाओं अबुबक्र, उमर, उस्मान जिन्होंने ताकत का इस्तेमाल करते हुए कुरआन में संशोधन किया, जिसमें 26 आयतें आतंकबाद को बढ़ावा देती है. जो वायलैंस टीचिंग देती है.

आरोप है कि वसीम रिजवी ने इस्लाम के सम्मानीय तीनों खलिफाओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी व धर्म विरोधी बयान दिया है. जो कि भादंवि की कई धाराओं के तहत दंडनीय अपराध है. जिस पर उनके खिलाफ अपराध दर्ज करने के निर्देश दिये जाएं.

जबलपुर। मुस्लिम धर्मालंबिया के पवित्र ग्रंथ कुरआन शरीफ की 26 आयतों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाले वसीम रिजवी के खिलाफ जबलपुर कोर्ट में परिवाद दायर कर एफआईआर दर्ज कराये जाने की राहत चाही गई है. परिवाद पर आने वाले सप्ताह में सुनवाई होगी.

नेपियर टॉउन निवासी जावेद खान की तरफ से अधिवक्ता तकमील नासिर ने उक्त परिवाद दायर किया है. जिसमें कहा गया है कि वसीम रिजवी ने इस्लाम धर्म की पवित्र किताब कुरआन शरीफ की 26 आयतों को सुकों में चुनौती दी है. जिसमें रिजवी ने अपने बयान में कहा है कि पैगम्बर मौहम्मद साहब के बाद तीन खलीफाओं अबुबक्र, उमर, उस्मान जिन्होंने ताकत का इस्तेमाल करते हुए कुरआन में संशोधन किया, जिसमें 26 आयतें आतंकबाद को बढ़ावा देती है. जो वायलैंस टीचिंग देती है.

आरोप है कि वसीम रिजवी ने इस्लाम के सम्मानीय तीनों खलिफाओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी व धर्म विरोधी बयान दिया है. जो कि भादंवि की कई धाराओं के तहत दंडनीय अपराध है. जिस पर उनके खिलाफ अपराध दर्ज करने के निर्देश दिये जाएं.

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