जबलपुर। भान तलैया इलाके में रहने वाले पूर्व कांग्रेसी नेता गजेंद्र सोनकर के घर पर पुलिस ने बीती रात छापा मारा. पुलिस को यहां एक जुए का अड्डा मिला, जिसमें 41 जुआरी जुआ खेल रहे थे. इसके अलावा पुलिस को करीब सात लाख नगद, दो देसी कारवाइन मशीन गन, 18 राइफल रिवाल्वर और दूसरी बंदूकें, 1478 कारतूस सहित कई हथियार बरामद हुए हैं. पुलिस ने 41 जुआरियों के साथ गजेंद्र सोनकर को गिरफ्तार किया है.
हथियारों का जखीरा पकड़ाया
गज्जू उर्फ गजेंद्र सोनकर के ठिकाने से पुलिस को जो हथियार मिले हैं. उनकी लिस्ट बड़ी लंबी है और यह खतरनाक हथियार हैं. इसमें दो देसी कारवाइन हैं. 18 दूसरे हथियार, इसमें राइफल, रिवाल्वर, माउजर, एयर गन और छोटे-बड़े कई बोरों की अलग-अलग बंदूकें शामिल हैं. इसके अलावा 1478 कारतूस बरामद हुए हैं, जो अलग-अलग बंदूकों के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं. इसमें कुछ देसी और कुछ विदेशी बंदूकें भी हैं. इसके साथ ही तलवार जैसे धारदार हथियार भी मिले हैं.
पुलिस को कांग्रेस नेता के घर से हिरण और सांभर के सींग भी बरामद हुए हैं. एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा का कहना है कि अब इस मामले में आरोपी गजेंद्र सोनकर को रिमांड पर लेकर उनसे पूछताछ की जाएगी. उनके पास यह हथियार कहां से आए और वे इनका क्या इस्तेमाल करते थे. गजेंद्र सोनकर के खिलाफ 25 27 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. कुछ हथियार दूसरे जुआरियों से भी बरामद हुए हैं. उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.
गजेंद्र सोनकर के राजनीतिक संबंध
गजेंद्र सोनकर जबलपुर की पूर्व विधानसभा से कांग्रेस का टिकट मांग रहे थे और गजेंद्र सोनकर के कांग्रेसियों से अच्छे संबंध हैं. उनके भाई धर्मेंद्र सोनकर जिनकी बीते दिनों गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वह कांग्रेस से भान तलैया वार्ड से पार्षद थे. गजेंद्र सोनकर की कई तस्वीरें वायरल हुई हैं, जिसमें वे राहुल गांधी, दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के साथ नजर आ रहे हैं. हालांकि स्थानीय राजनीति में उनका बहुत विरोध था और इसी वजह से उन्हें टिकट नहीं मिला था.
कई सालों से चल रहा था जुआ
गजेंद्र सोनकर का यह जुआ घर में कई सालों से चल रहा था. पुलिस ने कई बार यहां कार्रवाई करने की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस नाकाम रही. दरअसल, जहां ये जुआ चल रहा था, वहां एक घनी बस्ती है और सड़क से लेकर अंदर तक पूरे में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे. जैसे ही पुलिस गलियों में अंदर आती थी तो जुए के अड्डे पर जानकारी लग जाती थी और लोग भाग जाते थे. लेकिन इस बार जबलपुर पुलिस ने रणनीति बनाकर काम किया और छापामार की कार्रवाई को अंजाम दिया.
जिस जगह पर जुआ का फड़ लगता था उससे एक किलोमीटर दूर एसपी कार्यालय है. आस-पास कई थाने हैं, लेकिन इसके बाद भी पुलिस को इस कार्रवाई को करने में बहुत देर लगी. जिसके चलते पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होते हैं.